#मुस्कुराने के लिए#

मैं अक्सर आईने की तरफ देख कर मुसकुराता हूँ | मैं जानता हूँ कि आईना झूठ नहीं बोलता है | इसलिए मैं मुसकुराता हूँ और आईना से पूछता हूँ कि मैं कितना खुश हूँ | वो मेरे अंदर के भावों को पढ़ लेता है और कहता है तू आज खुश नहीं है |

यह सही है कि खुशहाल जीवन जीने के लिए आईने की नहीं  दोस्तों की बहुत ज़रूरत होती है | दोस्तों के बीच मुस्कुराहट शेयर करना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे हमारी आत्मा ताजगी प्राप्त करती है और हम एक खुशहाल जीवन जीने के लिए तैयार हो जाते हैं।

लेकिन आज कल के भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में हम मुसकुराना भूल जाते है | कभी-कभी हमारी मुस्कुराहट भी झूठी हो सकती है।

जिस तरह से हम खुद को आईने की तरफ देखकर मुस्कुराते है, वैसे ही हम अपने अंदर के भावों को बयां करते है | 

कभी कभी, जब हम खुश नहीं होते है और फिर भी मुस्कुराते है | वैसे तो लोगों के सामने खुश दिखते है , लेकिन हमारा आईना इससे भिन्न होता है।  सच, यदि हम सही तरीके से खुश नहीं हैं, तो हमारा  आईना हमारे  अंदर के भावों को सच्चाई से बता देता है, क्योंकि आईना झूठ नहीं बोलता है |

लेकिन इस समस्या का समाधान हो सकता है। पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम अपने अंदर के भावों को समझने की कोशिश करें । यदि हम अपने अंदर के भावों से अनजान होंगे तो हमारे साथ हमेशा यह समस्या बनी रहेगी और हमारी मुस्कुराहट स्वाभाविक और उन्मुक्त नहीं होगी |

यह सच है कि इंसान का चेहरा उसके दिल का आईना होता है. जो दिल में है वो चेहरे पर नुमाया हुए बग़ैर नहीं रह पाता |

जी हाँ, हमें इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है और उन्हें समझने की कोशिश करनी चाहिए । अगर हम खुश नहीं होंगे तो हम अपने आसपास के लोगों को भी खुश नहीं देख सकते हैं। इसलिए, हमें खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए और जहाँ तक संभव हो, दूसरों की मदद करनी चाहिए। यदि हम खुश रहेंगे तो हम अपने आस पास के लोगों को भी खुश देखेंगे।

दूसरी बात यह है कि हम अपने अंदर के भावों को स्वीकार करें। हमें उन भावों को छोड़ देना चाहिए जो हमें तकलीफ देते हैं या असहज महसूस कराते हैं। हमें उन भावों को समझने और संभालने की कोशिश करनी चाहिए। इससे हमारी आत्मा ताजगी प्राप्त करती है और हम खुशहाल जीवन जीने के लिए तैयार हो जाते हैं।

तीसरी बात कि यदि हम  खुश नहीं हैं, तो हमें अपने जीवन में कुछ बदलाव करने की आवश्यकता है। हमें मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अपने दैनिक जीवन में कुछ बदलाव करने की ज़रूरत है | जैसे कि योग, मेडिटेशन और सक्रिय दिनचर्या को अपना कर हम वापस अपनी खुशी वापस  पा सकते है /

हर मुस्कुराहट का अपना अलग अंदाज और मतलब होता है | मुस्कुराहट में छिपे इन मायनों को भी समझना बहुत ज़रूरी है. क्योंकि कई बार हम मुस्कुराहट में धोखा भी खा जाते हैं.|

वैसे दोस्तों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने के लिए कभी कभी हम चुट्कुले भी शेयर करते है |

यह सच है कि हरेक मुस्कान को पढ़ना आसान नहीं है | लेकिन झूठी मुस्कान को बहुत आसानी से पढ़ा जा सकता है | कहते हैं जब हम दिल से मुस्कुराते हैं तो हमारी आंखें भी मुस्कुराती हैं. लेकिन जब हम झूठ – मूठ का मुस्कुराते हैं, तो, आंखें हमारा साथ नहीं देती |

हाँ, जब मुस्कान की बात हो और मोनालिसा का ज़िक्र ना हो, ऐसा हो नहीं सकता |

लिओनार्दो दा विंची के इस मास्टरपीस में ऐसी रहस्यमयी मुस्कान है जिसकी व्याख्या हरेक शख्स अपने मुताबिक़ करता है. जिस तरफ़ से भी इसे देखो तो लगता है जैसे आपको ही देख कर मुस्कुरा रही है. लेकिन आज तक कोई इस मुस्कान का सही राज़ नहीं पता लगा सका है |

अंत में मैं यही कहूँगा कि हमें याद रखना चाहिए कि हमारी मुस्कुराहट झूठी नहीं होनी चाहिए। हमें अपने अंदर के भावों को समझना चाहिए और अपने वास्तविक भावों के अनुसार चलना चाहिए। इससे हम अपने जीवन को संतुष्ट बना सकते हैं और खुशहाल जीवन जी सकते है /

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Categories: motivational

8 replies

  1. बहुत अच्छा।

    Liked by 1 person

  2. Kush rehna behad jaruri he

    Yeh free ki dawa he kafi marz k lie

    Sundar blog

    Liked by 1 person

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