# भूत का आतंक#-2 

हॉस्पिटल में रहते हुए स्तेफिना को तीन सप्ताह बीत गए, लेकिन उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा था | हालाँकि  डॉक्टर अपनी तरफ से काफी प्रयास कर रहे थे | इसी बीच  उसके पिता ने स्तेफिना की सहेलियों से मिलने का निश्चय किया ताकि स्तेफिना के रोग के सही कारणों का पता लगाया जा सके |

दुसरे दिन ही  लंच के समय वे  उसके कॉलेज चले गए | उन्होंने बिलडिंग के पीछे का वह जगह भी  देखा, जहाँ स्तेफिना प्रेत -आत्मा से बातें किया करती थी  |  

बातों बातों में स्तेफिना की सहेलियों ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी | स्तेफिना की सहेली ने बताया कि एक लड़का स्तेफिना के पीछे पडा हुआ था जिसे स्तेफिना बिलकुल पसंद नहीं करती थी | एक दिन  वह लड़का स्तेफिना को  जोर देकर कॉलेज  बिलडिंग के पीछे  बुलाया था | स्तेफिना भी उस दिन काफी गुस्से में थी | दोनों में काफी झगडा हुआ था और इसी नोक झोक में उस लड़के का  पैर फिसल गया और वह नीचे खाई में गिर गया था |

इस घटना से हम सभी काफी घबरा गए थे कि अब क्या होगा ? लेकिन इस घटना के बारे में किसी को कुछ पता नहीं चला |  इसलिए कुछ दिनों के बाद हमलोग भी नार्मल हो गए |

लेकिन एक महिना पहले एक और घटना घटी | दरअसल, हम सभी सहेली फिर उस दिन पहले की तरह कॉलेज बिलडिंग के पीछे आकर अपनी सहेली बसरा के मृत बॉय फ्रेंड के आत्मा को बुलाने का प्रयास कर रहे थे | लेकिन उस दिन कुछ अजीब सी घटना हुई |

उस दिन  शीशे के गिलास को लकड़ी के तख्ती पर जैसे ही रख कर स्तेफिना ने मंत्र पढ़ा | गिलास से एक सफ़ेद धुएं का गुब्बारा निकला था और वो स्तेफिना के नाक के पास आया  | और फिर अचानक नाक के द्वारा प्रवेश कर गया | उस दिन हम सभी काफी डर गए थे , इसलिए उसके बाद से इस खेल को खेलना बंद कर दिए थे |

स्तेफिना की सहेलियों से सारी बातें  सुन कर उसके पिता को महसूस हुआ कि स्तेफिना के ऊपर प्रेत की छाया है , इसलिए उसका स्वास्थ  लगातार गिर रहा है | उसकी मानसिक हालत भी ठीक नहीं है |

उसके माता – पिता ने स्तेफिना के ज़ल्द स्वस्थ होने के लिए चर्च में जाकर प्रार्थना करते लगे  | इन लोगों को दुखी देख कर, चर्च के फादर ने उनकी  समस्या के बारे में पूछा | तब वे स्तेफिना की सारी समस्याएं फादर को बताया |

चूँकि फादर भी तंत्र – मंत्र की विद्या जानते थे, इसलिए वे स्तेफिना को देखने हॉस्पिटल में आये | उन्होंने स्तेफिना को  देखते ही कहा – इसके ऊपर एक प्रेत की छाया है जिसके कारण इसकी ऐसी हालत है | इसे आप चर्च में ले आना मैं उसके प्रेत से बात करूँगा | इतना कह कर फादर चले गए |

माता पिता अपनी बेटी के लिए हमेशा चिंतित रहते थे | उन्होंने सोचा कि थोड़ी स्वास्थ  ठीक हो जाएगी तो इसे एक बार चर्च ले जा कर फादर से भी इलाज़ कराने की कोशिश करेंगे |

लेकिन होनी को तो कुछ और ही मंज़ूर था | अगले दिन की बात है कि जब  सुबह में डॉ ने स्तेफिना का चेक अप  किया, तब  सभी कुछ नार्मल था | लेकिन दिन के करीब  2 बजे  हॉस्पिटल से एक फ़ोन स्तेफिना के पिता को आता है कि स्तेफिना अब इस दुनिया में नहीं रही |

उसके माता – पिता को तो अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हुआ | क्योंकि एक घंटा पहले ही हॉस्पिटल में वे लोग  उससे मिल कर आये थे, फिर अचानक स्तेफिना की मौत कैसे हो गयी ?

उधर सभी डॉ और हॉस्पिटल के स्टाफ भी उसके मौत से आश्चर्यचकित थे |

माता – पिता तुरंत भाग कर हॉस्पिटल पहुँचे  और अपनी आँखों से अपनी प्यारी बेटी को एक लाश के रूप में देखा |

Damian Tirado Tutt’Art@;

आनन् फानन में उसकी पोस्ट मॉर्टम की गयी लेकिन उसमे मौत का  कारण ह्रदय गति के रुक जाना बताया गया | उसके शरीर पर किसी भी तरह के ज़ख्म के निशान भी नहीं थे | किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि सब कुछ नार्मल होते हुए अचानक मौत कैसे हो गयी ? उस ज़माने में इतने कम  उम्र  में तो अमूमन दिल का दौरा नहीं पड़ता था |

खैर, होनी को कौन टाल सकता है | चूँकि धर्म से क्रिश्चियन थे, इसलिए माता – पिता ने  दिल पर पत्थर रख कर अपनी बेटी को पुरे रीति- रिवाज़ से कब्रिस्तान में दफना दिया |

स्तेफिना को दफनाने के बाद सभी लोग घर लौटते है और स्तेफिना के कमरे में जाते है | उसके  कमरे को सही ढंग से सज़ा देते है | उसके  पसंद के सभी सामान, खिलौने उसके रूम में सुन्दर  ढंग से सजा कर रख देते है  |

चूँकि घर के सभी लोग स्तेफिना से बहुत प्यार करते थे इसलिए  उसकी हर निशानी को बड़ी हिफाजत से संजोय कर रखना चाहते थे | उसके कमरे को पहले की तरह ही रोज़ साफ़ सफाई की जाती थी और फिर कमरे में ताला बंद कर दी जाती थी |

लेकिन एक सप्ताह बीतने के बाद, कुछ अजीब तरह की घटना घटने लगी | रात में कमरा तो ठीक तरह से लॉक कर दिया जाता था,  लेकिन सुबह उसका कमरा काफी अस्त – व्यस्त हालत में पाया जाता |

बेड की चादर फर्श पर पड़ी होती , दीवार पर टंगी जीसस की तस्वीर उलटी कर दी जाती | उसके खिलौने इधर उधर बिखरे पाए जाते | यह सब देख कर स्तेफिना के माता – पिता बड़े हैरत में पड़ गए  | ऐसा लगता था, जैसे कमरे में कोई रहता है जबकि कमरा लॉक कर के रखा जाता था |

खैर उन्होंने फिर से कमरे को ठीक कर दिया, लेकिन फिर  दुसरे दिन देखा तो कमरे की फिर वही हालत थी |

यह बहुत हैरान करने वाली घटना थी कि रात में स्तेफिना का रूम लॉक रहता था, फिर भी सुबह जब उसका कमरा खुलता तो  कमरे के भीतर उसके सभी सामान बिखरे पड़े मिलते | पहले तो उनलोगों ने सोचा कि किसी आस परोस के लोग का शरारत है | इसलिए अगले दिन  रात तो उन लोगों ने जाग कर कमरे की निगरानी की |

लेकिन उस दिन भी  वही घटना घटी | किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था |  यह सिलसिला करीब एक सप्ताह से चल ही रहा था कि एक और नयी मुसीबत  आ खड़ी हो गयी |

एक दिन स्तेफिना के कमरे से आधी रात को अचानक कुछ अजीब आवाज़ आने लगी, जैसे स्तेफिना पुकार रही हो – मम्मी मम्मी  | उसकी  आवाज़ में बहुत दर्द था | इसे सुन कर मम्मी को रहा नहीं गया और वो कमरे का दरवाजा खोल कर अन्दर गयी |

उन्होंने जब कमरे के अन्दर देखा तो कमरे में कोई नहीं था, लेकिन वहाँ की  सारी चीज़ें फिर अस्त व्यस्त थी |  उनलोगों को महसूस हुआ कि कमरे में ठंढ़ी हवा चल रही रही है, जबकी खिड़की से बाहर झाँक कर देखा तो बाहर ऐसी कोई हवा नहीं चल रही थी |

इस दृश्य को देख कर परिवार के सभी लोग डर के मारे उस रात को  सो नहीं सके | अब  रोज रात को उस कमरे से स्तेफिना की आवाज़  आने लगी |  यह सिलसिला लगातार कुछ दिनों तक चलता रहा | स्तेफिना के माता – पिता को ऐसा महसूस होता कि स्तेफिना काफी तकलीफ में है | लेकिन वो मदद क्या कर सकते थे ? वे तो खुद ही डर -डर कर  घर में रह रहे थे |

एक दिन उसके पिता ने एक बढई को बुला कर उस कमरे के दरवाजे को नट – बोल्ट से सील करवा दिया ताकि कमरे में कोई जा न सके और न उससे  कोई बाहर आ  न सके | लेकिन यह क्या ?  अगली रात फिर से उन कमरे से उसी तरह की आवाज़ आ रही थी – मम्मी मम्मी | और फिर देखते देखते दरवाज़ा का नट बोल्ट अपने आप खुल गया | दरवाज़ा के पास रखे भरी भरकम सोफा सेट खिसक कर दूर चला गया | और महसूस हुआ कि कमरे के अन्दर ठंडी हवा चल रही है |

घर के सभी लोग घबरा गए | उन्होंने सोचा पडोसी को यह बात बताएं, लेकिन फिर उन्हें लगा कि इन  सब भूत – प्रेत की बात पर कौन यकीन करेगा ? लेकिन इस डर  के माहौल में और कोई उपाय नहीं सूझ रहा था | इसलिए उनलोगों ने पडोसी को उस घटना के बारे में बताया |

तब पडोसी अगले रात को उसके घर पहुंचे और उन्होंने अपनी आँखों से देखा कि इस तरह की आवाज़ स्तेफिना के कमरे से आ रही है | जब कमरा खोला गया तो पाया कि स्तेफिना के कमरे के सभी सभी सामान बिखरे पड़े  है , ठंडी हवा चल रही है | पडोसी भी इस घटना को देख कर घबरा गए | सभी लोगों को यकीन हो गया कि यह भूत – प्रेत का ही काम हो सकता है | लेकिन प्रेत ऐसा क्यूँ कर रहा है, किसी को समझ नहीं आ रहा था |

खैर वह रात किसी तरह उन्होंने काट लिया | ( आगे की घटना भाग-3 में )

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4 replies

  1. भुत के स्थान पर भूत लिखना चाहिए था।

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  2. रहस्य और रोमांच से भरपूर।

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