# भूत का आतंक#- 1

दोस्तों,

कभी- कभी हम ऐसे विषय के बारे में पढ़ लेतें है, जिस पर अचानक से विश्वास नहीं  होता है, लेकिन जब गहराई से उसका विश्लेषण करते है तो अनायास ही उस पर विश्वास करने का मन करता है  |

वैसे मैं भूत – प्रेत की कहानी नहीं लिखना चाहता था , क्योंकि पढने वाले ही नहीं, कभी -कभी मैं भी डर जाता हूँ |

मैं लोगों से कहता फिरता हूँ कि मैं भूत – प्रेत में विश्वास नहीं करता हूँ, लेकिन सच कहूँ तो ऐसा नहीं है | मेरे साथ घटी एक घटना ने मुझे प्रेत -आत्मा में विश्वास करने पर मजबूर कर दिया है |

बात उन दिनों की है जब मेरी माँ की मृत्यु पटना स्थित आवास में हो हुई थी | उन दिनों मैं कोलकाता में था | दुर्भाग्य से उनके मृत्यु के समय मैं वहाँ उनके पास नहीं था | सबसे छोटा बेटा होने के कारण शायद उन्हें मुझसे ज्यादा ही लगाव  था | इसलिए उनके मृत्यु के बाद मैं बार बार उन्हें सपने में देखता था | उन्हें मैं सफ़ेद साड़ी  पहने साफ़- साफ़ देख सकता था | ऐसा सपना आज भी कभी कभी देखता हूँ |

एक बार की बात है कि मैं कोलकाता से अपना घर पटना गया हुआ था | रात में अकेले ही अपने कमरे में सो रहा था, तभी आधी रात को मुझे महसूस हुआ कि किसी ने मेरे कमरे का दरवाज़ा धीरे से खटखटाया है | मैं तुरंत ही अपने बिस्तर पर उठ बैठा और फिर अपने कमरे  का दरवाज़ा खोल कर वरामदे में आ गया | जाड़े का समय था, कड़ाके की ठण्ड और रात का  बिलकुल सन्नाटा |

मैं पहले माले के बरामदे में खड़ा था , तभी मेरी नज़र पहले माले से नीचे गार्डन में गया | मैं गौर  से देख रहा था , मुझे एक आकृति दिखी | एक औरत सफ़ेद साड़ी में खड़ी थी, और हाथ के इशारे से कुछ कह रही थी | लेकिन आवाज़ कुछ भी नहीं आ  रही थी |  अँधेरा होने की वजह से सब कुछ धुंधला सा दिख रहा था |

मैं थोड़ी देर यूँही खड़ा देखता रहा |  तभी मुझे महसूस हुआ कि जोर -जोर से ठंडी हवा चलने लगी  और मैं ठंढ से कांपने लगा | मैं  ज़ल्दी से भाग कर अपने कमरे में वापस आ गया और अपने बिस्तर में आकर सो गया | सुबह मेरी नींद खुली तो रात वाली घटना याद आ रही थी | मुझे आज तक समझ नहीं आया कि वह सपना था या हकीकत |

पहले मैं भूत – प्रेत में विश्वास नहीं करता था | लेकिन उसी समय से मुझे महसूस हुआ कि भूत – प्रेत की बातें कुछ हद तक सही है |

खैर, आज की कहानी भी कुछ अजीब है | एक भूत के विरूद्ध  पुलिस में एक शिकायत दर्ज हुआ और पुलिस ने भी उस केस की तहकीकात की | वैसे तो  नियमतः अनकही, अनदेखी और बिना सबूत और गवाह के कोई भी घटना पर पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करती है, खास कर भूत -प्रेत से सम्बंधित घटनाओं पर |

लेकिन शायद पहला ऐसा केस था  जिसे उस शहर के मुख्य पुलिस ऑफिसर ने कानून के दायरे में  जांच पड़ताल की |  जांच भी उसके खिलाफ जो अदृश्य है,  दिखाई ही नहीं देता. क्योंकि वो तो एक भूत है |

पुलिस को भुत की सच्चाई भी पता करनी थी , उसका सच सब के सामने लाना था  और उसे सजा भी दिलानी थी | हालाँकि पुलिस को यह भी पता नहीं था कि भूत स्त्री  है या पुरुष  है और उसका नाम क्या है ?

लेकिन घटना कुछ ऐसी घट रही थी कि सारी चीज़े  हवा – हवाई होते हुए भी पुलिस जांच करने को मजबूर थी |  अंत में पुलिस ने भी माना कि वाकई यह किसी इंसान का काम नहीं है बल्कि भूत -प्रेत  के द्वारा  किया गया काम है |

यह कहानी  एक शहर मेड्रिड की है | यह शहर फुटबॉल के लिए चर्चित रहा है |

एक लड़की है जिसका नाम स्तेफिना है | वो अपने माँ बाप के साथ मेड्रिड शहर के एक खुबसूरत अपार्टमेंट में रहती है | स्तेफिना के घर में माँ बाप के अलावा एक भाई और एक बहन कुल 5 लोग थे |

स्तेफिना भाई बहनों में सबसे बड़ी थी और उसकी उम्र 18 साल की हो चुकी थी | वह सुन्दर सुशील और शारीरिक और मानसिक रूप से बिलकुल स्वस्थ थी | वह पढने में होशियार थी और उसका अभी अभी कॉलेज में दाख़िला भी हुआ था |

लेकिन कॉलेज में दाखिला लेने के कुछ ही दिनों के बाद से  स्तेफिना के व्यवहार में अचानक कुछ तबदीली आने लगी |

वो कभी- कभी अपने छोटे भाई को देख कर जानवर की तरह गुर्राने लगती और कभी सांप की जैसी आवाज़ हिस हिस अपने मुँह से निकालती और अपने छोटे भाई को डराती | कभी – कभी उस पर अटैक भी कर देती थी | और कभी वो दीवारों को अपने नाखुनो से खुरचने लगती थी |

घर के दीवारों पर बहुत सारे उसके नाखूनों के निशान  दिखाई पड़ते थे | स्तेफिना को इस तरह का दौरा पड़ता था और जब उसको दौरा पड़ता तो वो चीखती चिल्लती और गुर्राती थी | वो अजीब अजीब हरकत करती थी | घर वाले उसके इस तरह के व्यवहार से परेशान हो उठे थे  |

एक दिन उसकी माँ  ने इस विषय में स्तेफिना से बात की | और उसके द्वारे की जा रही सारी हरकत उसे बताई |

लेकिन स्तेफिना ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा – उसे तो कुछ भी याद नहीं है | हालाँकि जब उसे दौरा पड़ता तभी वह उलटी – सीधी हरकत करती थी | बाकी समय वह बिलकुल नार्मल रहती थी  | वह घर की सबसे बड़ी और सबकी चहेती थी | इसलिए  इस बात को लेकर सभी लोग चिंतित रहते थे  |

इस तरह करीब 6 महीने गुज़र गए | तभी स्तेफिना के पिता को महसूस हुआ कि बेटी का स्वास्थ लगातार गिरता जा रहा है, जबकि उसका खाना पीना सब कुछ नार्मल था |

एक दिन स्तेफिना की माँ जब उसके कमरे में गयी तो देखा कि वह कोई भुत- प्रेत वाली किताब पढ़ रही थी | माँ ने अपने बेटी स्तेफिना से पूछा – ठीक ठीक बताओ,  तुम कभी कभी अचानक अजीब तरह की हरकते क्यों करने लग जाती हो ? और फिर अगले पल तुम  नार्मल भी हो जाती हो ?

तब स्तेफिना ने अपनी माँ को बताया – मैं कभी कभी अपने कमरे में एक काली छाया देखती हूँ, फिर अचानक वह छाया धीरे धीरे मेरे तरफ  बढ़ता है और फिर मुझसे लिपट जाता है | और तब मैं बहुत डर जाती हूँ | फिर मुझे कुछ होश नहीं रहता कि मैं क्या कर रही हूँ |

उसकी माँ को पता था कि स्तेफिना भुत- प्रेत की कहानियाँ पढ़ती रहती है और तंत्र मंत्र विद्या में उसकी दिलचस्पी है | शायद उन्ही सब बातों का उसके दिमाग पर असर हो रहा होगा |  इसलिए उसके कमरे से वो सारी किताबें भी हटा दी |  लेकिन फिर भी उसके हालात में कोई सुधार नहीं हो रहा था |

खैर, परेशान हो कर वे लोग स्तेफिना को उस शहर के एक सरकारी हॉस्पिटल में जांच कराने ले गए | वहाँ के डॉ ने स्तेफिना का पूरी तरह चेक अप किया | सभी आवश्यक  टेस्ट  किये , यहाँ तक कि  मनोवैज्ञानिक चिकित्सक ने भी जांच किया | लेकिन जांच में कुछ भी डायग्नोज़ नहीं हुआ | उसका सारा रिपोर्ट बिलकुल नार्मल था |

डॉ को कुछ  समझ में नहीं आ रहा था कि उसका स्वास्थ लगातार क्यों गिर रहा है ?

जब  कुछ समझ में नहीं आया तो डॉ ने स्तेफिना को  हॉस्पिटल में एडमिट करने की सलाह दी | इस तरह सभी लोग की सहमती से उसे उसी हॉस्पिटल में डॉ के supervision में एडमिट कर दिया गया |

लेकिन हॉस्पिटल में भी कभी कभी दौरा पड़ जाता था | तभी एक दिन  उसके कॉलेज से दो  टीचर हॉस्पिटल में स्तेफिना को देखने आये | उसी समय  स्तेफिना की माँ से टीचर की मुलाकात हुई | टीचर ने कहा—मैं आपको एक राज  की बात बताना चाहती हूँ |

स्तेफिना की माँ ने आश्चर्य से उनकी  तरफ देखा और पूछा – कौन सी राज की बात बताना चाहते है और पहले क्यों नहीं बताया ?

उन्होंने कहा – मुझे शक था कि आप विश्वास नहीं करेंगी | लेकिन आज जो उसकी हालत है वैसे में मुझे वो राज की बाते बताना उचित लग रहा है |

फिर टीचर ने आगे कहा –  यह बात छः माह पुरानी है | एक बार की घटना है कि टिफिन के  समय स्तेफिना अपने चार सहेलियों के साथ स्कूल बिलडिंग के पीछे जाकर कुछ जादू टोना कर रही थी | मैं कॉलेज के वरामदे से देख रही  थी |

वे लोग एक कैर्रम बोर्ड जैसा चौकोर  लकड़ी पर एक शीशे की गिलास उलट कर रखा हुआ था  | और सभी लड़कियां बारी बारी से गिलास के पेंदे को छू रही थी  | लेकिन जैसे ही  स्तेफिना ने गिलास के पेंदे को छुआ , वह गिलास सतह से उठ कर हवा में तैरने लगा |

यह सब देख कर मैं डर गयी और ज़ल्दी से सीढियाँ उतर कर उन लोगों के पास पहुँची और उनलोगों से पुछा कि तुमलोग क्या कर  रही ही ?

तब स्तेफिना ने बताया कि वे लोग  प्रेत आत्मा को बुला रहे है ताकि उससे बात की जा सके | दरअसल स्तेफिना के एक सहेली बसरा के बॉय फ्रेंड का  कार एक्सीडेंट में मौत हो गया था | उसी के आत्मा को बुला कर वो बाते करते है और प्रेत की दुनिया के बारे में जानना चाहते है |

इस बात को सुन कर मैं ने उन लोगो को काफी फटकार लगाईं | इतना ही नहीं, मैंने उस लकड़ी के तख्ती को गुस्से में दो टुकड़े कर दिए और पास ही एक बड़ी खाई में फेंक दिया |  तब मुझे फिर आश्चर्य हुआ जब देखा कि गिलास जमीन पर नहीं  गिरा बल्कि हवा में तैरने लगा |

मैं यह देख कर मैं काफी  डर गयी थी  और फिर  गुस्से के कारण सभी  लड़कियों को डांटते  हुए वहाँ से अपने साथ क्लास में लेकर आयी और फिर ऐसी हरकत नहीं करने की हिदायत भी थी |

शायद वो प्रेम आत्मा से बातें किया करती थी | मुझे तो भूत – प्रेत में विश्वास नहीं था लेकिन उस दिन की घटना को देख कर मेरी धारणा बदल चुकी है | उसके बाद मैं उन चारो  लड़कियों पर नज़र रखती थी ताकि वे  फिर ऐसी हरकत नहीं कर सके |

टीचर की बातें सुन कर स्तेफिना की माँ स्तब्ध रह गयी क्योंकि लगभग उन्ही दिनों से  स्तेफिना को दौरा पड़ने लगा था | (आगे की घटना  भाग-2 में)

भूत त का आतंक –2 हेतु  नीचे link पर click करे..

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4 replies

  1. Wow. Wonderful and very interesting.

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