
एक अधुरा सवाल है उनसे
जो परेशान करता है
एक चेहरा है उनका
जो सोने नहीं देता
कभी कभी ज़िन्दगी भी
ऐसे ही चलती है…
इस बैंक की नौकरी का पहला ट्रान्सफर था .. या कह सकते है …..ज़बरन स्थानांतरण (.forced transfer) ..
ट्रान्सफर लेटर मेरे हाथ में था, और हमारे सभी स्टाफ के आँखों में आँसू थे | साधारणतया हम साथ काम करते है तो एक भावनात्मक लगाव हो जाता है और जब बिछुड़ते है तो दुःख होता ही है | ..लेकिन मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि इस परिस्थिति में हमें हँसना चाहिए या रोना ?..
लेकिन सच था कि मेरी आँखों से आँसू निकल रहे थे, वो इसलिए कि नौकरी के इस छोटे से अंतराल में पहला झटका मिल चूका था | और जिस परिस्थिति में मेरा ट्रान्सफर हुआ था वो शायद ज़िन्दगी भर याद रहेगा |
दूसरी बात यह कि पिंकी से कुछ तो लगाव हो गया था, जिसे महसूस कर अपने आँसू को नहीं रोक पा रहा था |
बिस्तर पर लेटे हुए कल की इन्ही घटनाओं ने मन में हलचल मचा रखी थी | हालाँकि सुबह तो हो ही चली थी और मुझे बहुत सारे काम निबटाने थे | घर का सभी सामान पैकिंग करना था, इसलिए आलास ना करते हुए बिस्तर छोड़ दिया |
वैसे, अकेले रहने के कारण हमारे पास ज्यादा कुछ सामान नहीं था, बस एक जीप में सामान डाल कर चल देना था |
घर से निकल कर सबसे पहले गाँव में बने मंदिर गया और हाथ जोड़ कर भगवान् को याद किया |
फिर पैदल चलते हुए “नन्हकू चाय” वाले के पास पहुँचा, तो देखा चौकड़ी हमारा ही इंतज़ार कर रही थी | हमलोग पास में एक चबूतरे पर एक साथ बैठते थे |
मुझे देखते ही, शर्मा जी ने नन्हकू को आवाज़ लगाई …चार कटिंग ले कर आओ | कटिंग चाय का मतलब आधी कप चाय | चूँकि आधे घंटे तक गप्पे मरते थे, इसलिए दो बार चाय पीनी पड़ती थी |
चाय के दौरान शर्मा जी मेनेजर साहेब को खूब कोस रहे थे कि उनके कारण ही हमारा ट्रान्सफर हुआ था |
उसी समय हमलोगों ने देखा कि मेनेजर साहेब इधर ही चले आ रहे है | वो हमलोग के पास बैठते ही बोल पड़े …. मुझे पता है, — इस वक़्त आपलोग मेरी ही शिकायत कर रहे होगे कि सारी गलती मेनेजर साहेब की है |
हमलोग उनके चेहरे को देख रहे थे | उन्होंने आगे कहा …..यह सही है कि हमसे गलती हो गई | मुझे गुस्से में बड़े साहेब से शिकायत नहीं करनी चाहिए थी | इस घटना के लिए आप सभी लोग मुझे माफ़ कर दें |
इस पर सिंह जी ने कहा — बैंक में ट्रान्सफर होना साधारण प्रक्रिया है लेकिन जिस परिस्थिति में वर्मा जी का ट्रान्सफर हुआ है ,उससे हम सभी को दुख महसूस हो रहा है |
मेनेजर साहेब सहमति जताते हुए बोल पड़े..– ..मुझे भी अब अपनी गलती का एहसास हो रहा है, गुस्से के कारण हमने एक अच्छा ऑफिसर खो दिया है |
मैं सभी की बात सुनकर, बस इतना कहा…– जो हो गया… सो हो गया |
अब जब परिस्थिति नहीं बदल सकती, तो अच्छा है उसका सामना किया जाये | आप सब लोगों के बीच इतने दिनों तक साथ रहे, यह सुखद पल हमेशा याद रहेगा | हमलोग कुछ देर के बाद बैठक ख़त्म कर अपने अपने घर की ओर रवाना हो गए |

घर में घुसा तो देखा ..मनका छोरी किचन में खाना बनाने की तैयारी कर रही थी |
मैं किचन में जाकर उससे बोला… आज तो हम चले जायेंगे, इसलिए रसोई घर में जो भी सामान बचा है, तुम उसे अपने घर लेते जाना |
इतना सुनना था कि वो रोने लगी, उसके आँख से आँसू बहने लगे |
मैं समझ गया कि वो भावुक को गई थी | मैं उसके सिर पर हाथ रख कर समझाने लगा –..नौकरी में ट्रान्सफर तो होता ही रहता है | , एक न एक दिन तो मुझे जाना ही था और तुझे भी कौन सा हमेशा यहाँ रहना है \ कुछ दिनों में तू भी अपने ससुराल चली जाएगी |
लेकिन सच तो यह था कि मेरे आँख में भी आँसू थे क्योकि मुझे भी इस जगह से लगाव हो गया था \ हमारी राजस्थान में पहली पोस्टिंग थी और यहाँ के लोग मुझे भा गए थे | खास कर पिंकी के लिए कुछ ज्यादा ही चिंतित था |
उसी समय राजेश भी कमरे पर आ गया और बोला … पैकिंग में मदद करूँ क्या ?
मैंने दुखी मन से कहा … सामान ही क्या है जो पैकिंग करोगे | बस एक बिस्तर और कुछ घरेलु सामान |
यहाँ तो खाट और कुर्सी भी मकान मालिक का ही है |
अरे हाँ, तुम तो बोल रहे थे… कल, तुमने पिंकी को देखा था ?
हाँ, जब मैं उसके गाँव वाले मकान का मीटर रीडिंग लेने गया था तो पिंकी बरामदे में मिली थी | बिलकुल चेहरा उतरा हुआ और कमजोर सी दिख रही थी |
शायद मेरे पास कुछ कहने के लिए आयी थी, लेकिन तभी उसका चाचा वहाँ आ गया और मुझे लेकर वो बाहर आ गए | ऐसा लगता था, कुछ बोलना चाहती थी वो, लेकिन घर वाले उस पर सख्त नज़र रखे हुए है | इसलिए वो परेशान दिख रही थी |
उसकी बात सुन कर मन व्याकुल होना स्वाभाविक था |
मैंने तय किया कि जल्द ही सामान लेकर जीप से निकल जाऊंगा और चाभी देने के बहाने उसके घर जाऊंगा | किसी तरह एक बार तो मिलना बहुत ज़रूरी है, …उसे समझाऊंगा कि —
हमारा प्रेम, एक अदृश्य आकर्षण है, जो हम दोनों के बीच है | इसमें दो शरीर को साथ होना ज़रूरी नहीं | इसलिए साथ ना रहते हुए भी प्रेम को महसूस किया जा सकता है |
शरीर को कष्ट देने से लोगों के उपहास के पात्र ही बनेंगे | प्रेम तो आनंद की अनुभूति है, दुःख का नहीं |
शायद मेरी बातों को सुनकर उसके मन की पीड़ा कुछ कम हो जाये |
मुझे ख्यालो में उलझा देख,,राजेश ने मुझे झकझोरते हुए कहा …कहाँ खो गए है आप ?
मैं उन ख्यालों से बाहर आया और उससे बोला — तुम जल्द से जल्द सामान पैक करने में मेरी मदद करो और मेरे साथ उसके गाँव तक चलो |
मुझे उससे मिलना बहुत ज़रूरी है, वर्ना ज़िन्दगी भर पछतावा रहेगा |
करीब दो बजे हमारा जीप आ चूका था | उसी समय मनका छोरी भी आ गई और सामान को जीप में रखने में मदद करने लगी |
जीप रवाना होने को थी, तभी मनका छोरी फिर एक बार बच्चो की तरह रोने लगी |
मैं उसके सिर पर हाथ रख कर उसे आशीर्वाद दिया और हाथ में एक सौ रूपये पकडाते हुए कहा …सदा खुश रहना | उसने झुक कर मेरे पैर छू लिए |

मैं और राजेश जीप पर बैठे उसके गाँव की ओर रवाना हो गए | करीब आधा घंटे के बाद मैं उसके दरवाजे पर पहुँचा |
जीप की आवाज़ सुनकर मांगी लाल जी बाहर आ कर नमस्कार किया और मुझे पकड़ कर वरामदे में बैठाया और खाना का आग्रह करने लगे |
मैंने मना किया तो चाय के लिए आवाज़ लगा दी | थोड़ी देर में चाय आ गई | मैं इस बीच उनको घर की चाभी पकड़ा दी और निवेदन किया कि मुझे एक बार पिंकी से मिलने दें |
इस बार उन्होंने मना नहीं किया बल्कि अपने छोटे भाई को बोला कि पिंकी से कहो कि वर्मा जी उससे मिलना चाहते है |
चाय पीते हुए मैं पिंकी का इंतज़ार करता रहा | चाय तो समाप्त हो गई, लेकिन पिंकी अब तक सामने नहीं आयी थी | मेरी नज़र उस ओर दरवाजे पर ही टिकी रही |
थोड़ी देर में उसके चाचा राम लाल जी आये और साफ़ लफ्जों में कहा कि पिंकी आप से नहीं मिलना चाहती है |
मुझे इस पर घोर आश्चर्य हुआ | ऐसा तो नहीं होना चाहिए था | लेकिन मैं चुप रहा |
मैं और अधिक देर तक यहाँ रुकना मुनासिब नहीं समझा और राम लाल जी को अभिवादन कर दुखी मन से उठा और अपने जीप में बैठ गया | मेरी जीप गाँव के बाहर सड़क पर दौड़ रही थी |
मेरे मन की व्यथा मन ही में रह गई और एक सवाल भी … कि …पिंकी आखिर मिलना क्यूँ नहीं चाहती ….???..(क्रमशः )
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Categories: story
hi sir, where can I read the English version of your story?
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Sir, we can use convert in any language through the translator available in this Blog.
Please use a translator and read the story. In case of any difficulty, I will try another method.
Thank you so much for your interest in my Blog.
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Oh thank you, I try to find the language translator, but could not find,, can you guide?😊
and I am not a sir btw haha
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You will find it there. Please try.
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oh I got it, so I read your post from my blog, that’s why I cant find the translation, but now I’m good, I found it😁
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Thank you so much, dear.
Please read this story ahead and don’t miss the climax.
I hope you will enjoy it.
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surely sir
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Thank you, dear.
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Thanks a bunch, sir, words of affirmation is really encouraging😊
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Thank you dear,
Stay connected and stay happy.
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Kahani bahut badhiya.
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Thank you so much.
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