
कल का blog publish करने के बाद बहुत दोस्तों के message आने लगे | एक ने तो लिखा कि मेरी संघर्ष पूर्ण जीवन यात्रा की बेहतर प्रस्तुति थी | कैसे कैसे परिस्थितियों का सामना किया था मैंने |
तब और भी बहुत मज़ा आया जब खुद राजेश का भी फ़ोन आ गया ..फिर वही पुरानी यादों का सिलसिला शुरू हो गया .|
उसने कहा कि मेरा कल का blog पढ़ा और फ़ोन करने पर विवश हो गया…शायद पुरानी यादों को कहानी के रूप में पढ़ कर उसे बहुत मजा आया होगा ..तभी तो उसने निवेदन किया कि इसके आगे की घटनाओं का वर्णन भी ज़रूर करें,|
इसलिए उसके निर्देशानुसार आगे की घटना से आप सब लोगों को भी अवगत कराना चाहता हूँ |…
यह सच है कि मैंने ज़िन्दगी में पहले कभी शौच के लिए खेतो में नहीं गया था | क्योकि मैं हमेशा शहरों में रहा, और पला – बढ़ा हूँ …लेकिन इस एक सप्ताह में मुझे ज़िन्दगी में अलग तरह का अनुभव हुआ था |
मुझे क्या पता था कि ज़िन्दगी कैसे – कैसे रंग दिखाती है | मैं, राजेश से कहा कि जब तक दूसरा मकान भाडा पर नहीं मिलता… मैं तुम्हारे पास ही रहूँगा | हालाँकि उसका छोटा सा एक कमरे का घर था और हमारे जाने से उसकी परेशानियाँ बढ़ सकती थी |

मैं बैंक में उदास बैठा इन्ही सब बातों में उलझा था कि उधर से हमारे शाखा प्रबंधनक श्री बी.आर कुम्हार साहेब मेरे पास आए और मुझे देखते हुए कहा कि आप कुछ परेशान दिख रहे हो .|
इतना सुनना था कि मैंने अपने दिल की बात निकाल कर रख दिया…मैंने साफ़ साफ़ शब्दों में उनसे कहा कि दो दिनों में अगर दूसरा मकान नहीं मिला तो मैं लम्बी छुट्टी लेकर बिहार चला जाऊंगा |
उन्होंने मेरी ओर देखते हुए कहा कि मेरे रहने के लिए दुसरे घर की व्यवस्था कर दिया है और इतना कह कर वे मुस्कुराने लगे |
मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा | मैं उत्सुकता से पूरी जानकारी के लिए उनकी ओर दयनीय दृष्टि से देखा | हमारी दयनीय स्थिति को समझते हुए उन्होंने कहा कि कल शनिवार है और क्षेत्रीय प्रबंधक महोदय का Branch visit है |
इसलिए परसों रविवार को उस मकान मालिक के पास गाँव -” भटाना” जाना होगा ..यह गाँव करीब 15 किलोमीटर दूर था |
मैंने कहा कि परसों नहीं कल ही चला जाए और बड़े साहेब के हमारे Branch की visit में आने से पूर्व ही वापस आ जाएंगे | हमारी मनःस्थिति को देखते हुआ वो राज़ी हो गए | मेरे मन को थोड़ी तसल्ली हुई |
शनिवार का दिन, अच्छी तरह नहा-धोकर और भगवान के सामने बैठ कर तसल्ली से उनको मनाया कि मुझे किसी तरह एक ऐसी मकान मिल जाए जिसमे शौचालय in-built हो |
अगले दिन मैं अपनी शाखा पहुँच कर सीधे मेनेजर साहेब के चैम्बर में गया और विनती पूर्वक आग्रह करने लगा | उन्होंने बिना समय गवाएं अपनी मोटर साइकिल पर मुझे बैठाया और उस गाँव की ओर चल पड़े |
करीब आधा घंटा के सफ़र के बाद गाँव भटाना पहुँच ही गया और मांगी लाल जी के शानदार मकान के सामने हमलोग खड़े थे |
उस ज़माने में तो मोबाइल होती नहीं थी कि आने की पूर्व सुचना दे देता | लेकिन भगवान का शुक्र था कि मांगी लाल जी उस समय घर पर ही मिल गये |
मुझे लगा कि मुझे अब मकान मिल ही गया | ये लोग शायद बड़े किसान थे इसीलिए इतना शानदार मकान इस गाँव में बना रखा था | और दूसरा मकान रेवदर में भी था |

खैर, चाय पानी का दौर समाप्त कर हम असली मुद्दे पर आ गए | जैसे ही उन्होंने जाना कि मकान इस बिहारी को चाहिए तो उन्होंने साफ़ ही मना कर दिया | शायद बिहारी लोगों के बारे मे अच्छी धारणा नहीं थी |
मुझे इस तरह इनकार सुनकर बहुत दुःख हो रहा था | हमें लगा कि आज शनिवार का दिन मेरे लिए ठीक नहीं था |
मैं वापस आ रहा था तो रास्ते में मेनेजर साहेब से पूछा ….ऐसी क्या बात हो गई कि उन्होंने मुझे देख कर अचानक अपना मकान भाड़े पर देने से इनकार कर दिया ?
तो उन्होंने अपनी मोटर साइकिल रास्ते के किनारे एक पेड़ के निचे खड़ी की और फिर कहा ….ध्यान से सुनो..|
जिस मकान की बात हो रही थी, उसके दो भाग है आधे में उनकी घर की कुल सात छोरियां रहती है जो वहाँ के स्कूल और college में पढ़ती है और उस घर में वहाँ कोई gents member नहीं रहता है और दूसरा portion तो खाली है, जिसको भाड़े पर देने की बात हमने कहा था |
चूँकि वहाँ पढाई के लिए घर के लड़कियों को रखे है, इसलिए किसी छोरे को और वो भी बिहारी छोड़े को दूसरा खाली वाला portion देने से घबराते है …..इसलिए उन्होंने मना कर दिया |
उनकी बात सुनकर मैंने अपने मन में सोचा …. मैंने तो सुना है ..एक बिहारी सब पर भारी… लेकिन आज मैं बिहारी आज इतना हल्का कैसे हो गया ??..
मैं तुरंत मेनेजर साहब को सेठ जी के पास वापस चलने के लिए निवेदन किया ..ताकि मैं अपनी सफाई में मांगी लाल जी को कुछ कह सकूँ |
मुझे अपनी बात रखने का एक मौका मिलना चाहिए | बहुत विनती करने पर वो अपनी गाड़ी वापस गाँव की तरफ मोड़ दी | जैसे ही हमलोग वापस उनके घर के दरवाज़े पर पास पहुँचे तो सेठ जी बाहर ही मिल गए और उन्होंने आश्चर्य चकित होकर हमलोगों को देखा |
तब तक कुम्हार साहेब बोल पड़े,… माँगी लाल जी, हमारे ऑफिसर की भी बात आप सुन लीजिए वो आप से कुछ कहना चाहते है |

हमलोग पास में रखी खाट पर बैठ गए | सेठ जी दुबारा चाय लाने का हुक्म दे कर हमलोगों के पास ही बैठ गए …… मैं सेठ जी के तरफ मुखातिब होकर अपनी शौचालय वाली कहानी बताई ,और यह भी कहा कि आप चाहे जीतना भाडा लेना चाहे .. मैं देने के लिए तैयार हूँ |
सेठ जी बीच में ही बोल पड़े ….अरे, साहब जी, ऐसी कोई बात नहीं है | …
बात ऐसी है कि अपनी छोरियों को वहाँ पढाई के लिए रख छोड़ा है और कभी कभी ही मैं वहाँ उनलोगों को देखने के लिए जा पाता हूँ |
मैं उनकी पूरी बात सुनने के बाद इतना ही बोल सका कि मुझे कम से कम एक माह के लिए अपने मकान में रहने दे..अगर आप को मेरे कारण परेशानी नज़र आए तो आप मेनेजर साहेब को बोल देना, मैं तुरंत ही मकान खाली कर दूँगा |
मेरे बातों को सुनकर मेनेजर साहेब भी बोले पड़े ….बिलकुल सही माँगी लाल जी ..मैं इसकी गारंटी लेता हूँ |
सच बात तो यह है कि उस पुरे मोहल्ले में सिर्फ आप का ही घर है जिसमे शौचालय बना हुआ है | बाकी सब लोगों को खेतो में ही शौच जाने की आदत है ..लेकिन ये बहुत शर्मीले प्रवृति के व्यक्ति है |

हमलोगों की सारी बातों को सुनकर वो मकान देने को तैयार हो गए ..और चाभी भी मेरे हाथो में सौप दी | मकान की चाभी क्या मिली ऐसा महसूस हुआ जैसे मैं पूरा मकान ही खरीद लिया हूँ..उस पल की ख़ुशी को शायद शब्दों में बयान नहीं कर सकता था ….
इतनी कि मेरी आँखों में आँसू आ गए …खुशियों के आँसू …???
आसमां में मत ढूँढ अपने सपनों को,
सपनों के लिए तो जमीं जरूरी है,
सब कुछ मिल जाये तो जीने का क्या मजा
जीने के लिए कुछ कमी भी तो जरूरी है
इससे आगे की घटना जानने के लिए नीचे दिए link पर click करें।
BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,,
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Categories: story
Namaskar Sir ji 🙏
Bahut sundar
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Thank you so much, Sir.
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🙏😊
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Stay happy and blessed.
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😊🙏
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Good night, Sir.
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🙏😊
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Good morning, Sir.
Have a nice day.
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Good afternoon Sir 😊
Currently at Shirdi.
Regards 🙏
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That is great.. Enjoy sir.
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😊🙏
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Good evening,Sir.
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Please see my last post and send me your best wishes for future
https://arunsingha.in/2023/02/06/a-talk-show-on-vedanta/?preview=true&frame-nonce=5fa5ca9330&
Regards 🙏😊
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Yes Sir.
You are doing a great job.
Thank you for sharing.
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Thank you Sir 🙏😊
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You are welcome, Sir.
https://wp.me/pbyD2R-8bQ
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Mr.Verma ! You appear to be a dangerous man , due to you being a Bihari , as nobody was ready to give you his house even on the guarantee of a bank manager . But your story is live , readable and interesting. Thanks !
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Sir, I am Bihari but not dangerous as you feel in the story ahead.😊😊
Thanks for sharing your feelings.
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Thanks !
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You are welcome.
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सुन्दर संस्मरण।
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Thank you so much, Dear.
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