
तुम बिन ज़िन्दगी
आज सुबह उठा तो मन एक दम ताज़ा लग रहा था | कल का दिन ख़ुशी से जो बिता और रात में नींद भी मस्त आयी | मैं हाथ जोड़ कर भगवान् को प्रणाम किया और बिस्तर को ठीक कर रहा था तभी विकास हाथ में चाय ले कर आया और मुझे देते हुए पूंछा .–.रघु भैया, मेरे काम के लिए बात किये थे मैडम से ?
अरे हाँ, यह बात बताना तो भूल ही गया कि आज तुमलोग को वहाँ इंटरव्यू के लिए चलना है |
हरिया भी पीछे से आया और बोला …..हमरा भी नौकरी हो गया ?
नहीं, अभी तो इंटरव्यू होगा … मैंने कहा |
और आठ दस दोस्तों को भी तैयार कर के लेते आना है , मैं वही मिलूँगा |
मुझे बहुत काम करने है वहाँ …इसीलिए मैं पहले चला जाऊंगा …मैंने समझाते हुए विकास से कहा |
ठीक है रघु भैया , हमलोग दो घंटे में सब को लेकर हाज़िर हो जायेंगे …विकास बोला और जल्दी से तैयार होने चला गया |
मैं ऑफिस पहुँच कर, चैम्बर की सफाई की और सभी सामान सलीके से सजा कर रख दिया |
तभी देखा, ऑफिस की कार गेट पर रुकी | सुमन और सेठ जी दोनों गाड़ी से उतर रहे थे |
मैं दौड़ कर कार के पास गया और सेठ जी का बैग लेकर उनलोगों को चैम्बर तक ले आया |
थोड़ी ही देर के बाद बेल बजी और मैं तुरंत चैम्बर में गया | पानी का गिलास रख कर उनके आदेश का इंतजार करने लगा |
मुझे देख कर सुमन बोली …तुम्हारे लोग इंटरव्यू के लिए कब तक आ पाएंगे ? अगर जल्दी आ जाते तो सेठ जी के रहते मेरा काम आसान हो जाता |
एक घंटा में वो लोग यहाँ आने वाले है ….मैंने कहा |
ठीक है ..|,
सेठ जी के लिए चाय लाइए और इंटरव्यू में आने वाले लोगो के लिए भी नाश्ता और चाय का प्रबंध करा दीजिये …..सुमन ने मुझे निर्देश दिया |
अभी लाता हूँ .. .मैंने कहा और चाय लेने चला गया |
सेठ जी फाइल में उलझे हुए थे, जब मैं चाय उनके सामने रखा |

चाय पीते हुए सेठ जी ने कहा …सुमन, तुम्हारे लिए ऑफिस की तरफ से एक नयी गाड़ी की खरीद की गयी है | अब तुम इसी कार का उपयोग करना ….और कार तुम्हारे पास ही रहेगी |
सुमन खुश होते हुए बोली… धन्यवाद सेठ जी | सुन कर मुझे भी ख़ुशी महसूस हो रही थी |
तभी मैंने देखा एक चमचमाती कार गेट पर आ कर रुकी |
सेठ जी और सुमन कार का निरिक्षण करने हेतु कार के पास आये , मैं भी उनके साथ था |
तभी कार से रमेश बाबू उतरे , उनके हाथ में फुल – माला और नारियल – मिठाई थे |
उन्होंने सुमन की तरफ माला और नारियल बढ़ाते हुए बोले….नारिरल फोड़ कर कार की पूजा कीजिये |
सुमन ख़ुशी ख़ुशी नारियल को फोड़ कर और माला पहना कर कार की पूजा की और मिठाई का वितरण किया |
हम सब बहुत खुश थे और एक दुसरे को मिठाई खिला रहे थे |
वापस सेठ जी और सुमन चैम्बर में आ कर बैठे ही थे कि उसी समय विकास सब लोगों को लेकर पहुँच गया | मैं इशारे से उनलोगों को हॉल में बैठने को कहा, और सेठ जी को इसकी सुचना दी |
सेठ जी बोले… -बेल बजते ही उन सबो को बारी बारी से भेजो |
फिर वो दोनों एक फाइल और कुछ पेपर लेकर तैयार हो गए |

करीब दो घंटे तक यह कार्यक्रम चला और काम समाप्त होते ही दोनों बहुत खुश नज़र आ रहे थे |
उन्होंने फिर बेल बजाई तो मैं अंदर जाकर उनके आदेश का इंतज़ार करने लगा |
रघु, तुमने आज बहुत अच्छी तरह अपना कार्य किया | आप इसी तरह आगे भी काम करते रहो | सुमन और तुम पर ही सारी जिम्मेवारी है इस फैक्ट्री की |
और हाँ, …कल अहमदाबाद से एक एक्सपर्ट मशीन लगाने हेतु यहाँ आ रहे है | उनका विशेष ख्याल रखना, वो हमारे गेस्ट है …., सेठ जी चलते हुए कहा |
जी सर … मैंने कहा और सेठ जी का बैग लेकर उनको कार तक छोड़ने गया |
जैसे ही सेठ जी को छोड़ कर आया तो देखा सुमन वहाँ उपस्थित सब लोगों को लंच का पैकेट बाँट रही है | विकास और हरिया सुमन का साथ दे रहे थे |
मैं भी उनके काम में सहयोग करने लगा और फिर सुमन से बोला .. लंच का समय हो गया है, तुम भी लंच कर लो |
चलो, मुझे भी भूख लग रही है….सुमन बोली और हमलोग कैंटीन में आ गए |
रघु,… सेलेक्शन का काम तो ठीक से हो गया | जैसा मैं चाहती थी वैसे लोग मिल भी गए …आज मैं बहुत खुश हूँ |
और इतना कह कर मेरे मुँह में मिठाई का टुकड़ा खिला दी |
मैं ने कहा … जब सब लोग का सेलेक्शन हो ही गया है तो सर्वे का काम आज से ही क्यों नहीं शुरू कर दिया जाये ? ये लोग तो लोकल ही है, आराम से काम हो जायेगा |
ठीक है, … लंच के बाद मैं भी तुम लोग के साथ चलूँगी | कल से सभी काम सुचारू रूप से चलना चाहिए |
सबों के लिए एक एक रजिस्टर, पेन-पेंसिल और एक बैग आज ही मंगवा लो…. सुमन ने कहा |
वो तो ठीक है, लेकिन हमलोग स्टूडियो वाला काम कब करेंगे ….मैंने जिज्ञासा से पूछ लिया |

तुम्हे तो हीरो बनने की बड़ी ज़ल्दी है …सुमन हंसते हुए बोली |
मैं तो हीरो हूँ ही,.. तुम्हारा .. .,मैंने ने भी मजाक से कह दिया |
इसमें कोई शक नहीं, तुम ही मेरे रियल हीरो हो … सुमन बोलते हुए उठी और हाँथ धोने चली गयी |
अभी शाम के चार बज रहे थे और सुमन हम सब को सर्वे से सम्बंधित कुछ पेपर दी जिसमे कुछ प्रश्न थे, उसी के अनुसार डाटा एकत्र करना था |
सर्वे का काम समाप्त कर वापस ऑफिस आया तो रात के आठ बज चुके थे |
सभी नए स्टाफ को विदा कर सुमन को भी नयी गाड़ी तक छोड़ने आया और बोला …अब तो तुम्हारी अपनी गाड़ी है, आज मुझे छोड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी |
सिर्फ आज भर चलो, मैं आज बहुत थक गई हूँ ,मिल कर खाना बना लेंगे | और तुम खाना खा कर वापस आ जाना …. सुमन निवेदन भरे लहजे में बोली |
तुम्हारी यही अदा पर तो फ़िदा हो जाता हूँ ….मैंने हँसते हुए कहा |
सुमन मुझे देख कर मुस्काई और धक्का देते हुए मुझे कार में बैठा लिया |
घर पहुँच कर मैं सुमन से बोला… तुम्हारे घर में आने पर मुझे बड़ा सकूँ महसूस होता है |
सुमन टोकते हुए कहा … मेरा घर नहीं , हमारा घर है |
लेकिन तुम तो यहाँ रहने देती नहीं हो ….मैंने उसे छेड़ते हुए कहा |
आज कल तुम ज्यादा ही शरारती हो गए हो |
अच्छा, …तुम बैठो, मैं दस मिनट में खाना लेकर आती हूँ | सब्जी तो फ्रीज में थी , बस रोटी सेंक कर लाती हूँ |
गजब की फुर्ती है सुमन में | इतना थक कर आने बाद भी चेहरे पर जरा सी भी सिकन नहीं थी |
मैं डिनर समाप्त कर सुमन से इज़ाज़त लेकर वापस आ गया |
थकान होने के कारण, खाना खा कर बिस्तर पर जाते ही सुमन को नींद आ गई |
सुबह देर तक सोती रही , तभी उसकी फ़ोन की घंटी बज उठी |
सुमन जल्दी से बिस्तर छोड़ कर उठ बैठी और घडी की ओर नज़र गई …आठ बज रहे थे |
और खिड़की के बाहर देखा तो खूब मुसलाधार वारिस हो रही थी | सुमन फ़ोन के पास जाती, तब तक फ़ोन कट चूका था |
जब उसने फ़ोन देखा तो वो सेठ जी का था | वो ज़ल्दी से सेठ जी को वापस नंबर मिला दी…. हेल्लो , मैं सुमन बोल रही हूँ |
हाँ सुमन, ध्यान से मेरी बात सुनो …सेठ जी बोल रहे थे |
कल जो मैंने तुम्हे बताया था कि राजेंद्र सिंह,… वही एक्सपर्ट जो अहमदाबाद से आने वाला था और मुझे उसे आज रिसीव करना था |
जी हाँ, आपने कल ही बताया था … सुमन बोल पड़ी |
लेकिन अभी अभी पता चला है कि भारी आंधी तूफान और वरिश की वजह से मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर काफी पानी जमा हो गया है और अब ट्रेन कुर्ला स्टेशन तक ही आएगी |
यहाँ हमारे घर के आस पास भी काफी पानी जमा हो गया है ,इसीलिए मैं जाने में असमर्थ हूँ | मुझे चिंता हो रही है कि वो पहली बार मुंबई आ रहा है और उनका फ़ोन भी स्विच ऑफ आ रहा है |
मैं चाहता हूँ कि तुम ही चली जाओ और उनको रिसीव कर लो |
और अपने गेस्ट हाउस तक ले आओ | मैं उनका नंबर दे देता हूँ., विस्तृत जानकारी के लिए तुम उनसे बात कर लेना ..सेठ जी निर्देश दे रहे थे |
ठीक है, मैं यह काम कर लुंगी… सुमन ने कहा |

सुमन जल्दी – जल्दी तैयार हो गई और आगे का प्लान बनाने लगी | ट्रेन की वर्तमान स्थिति पता किया तो बता रहा था कि दो घंटे में ट्रेन कुर्ला स्टेशन पहुँच जाएगी |
सुमन नास्ता कर रही थी तभी ड्राईवर भी आ गया |
सुमन गाड़ी में बैठ कर सीधे ऑफिस आई और चैम्बर में मेरा इंतज़ार करने लगी |
मुझे आने में थोड़ी देर हो गई थी | मैं ऑफिस जैसे ही पहुँचा , मुझे अंदर बुला कर सुमन ने कहा …
……रघु , अभी हमको गेस्ट को लाने के लिए स्टेशन जाना पड़ेगा | आज मैं सर्वे में तुम लोगों के साथ नहीं जा पाउंगी | यहाँ रात से बारिस भी काफी हो रही है…. इसीलिए तुम सभी स्टाफ को लेकर आज सर्वे का काम पूरा करने की कोशिश करो |
लेकिन अगर जल जमाव की स्थिति हो तो रिस्क मत लेना | मैंने उसकी बात से सहमती जताई और सुमन को कार तक छोड़ने आया |
सुमन स्टेशन के लिए रवाना तो हो गई | लेकिन जगह जगह जल जमाव के कारण , सुमन बहुत मुश्किल से स्टेशन पहुँच पाई |
और स्टेशन पहुँच कर राहत की सांस ली |…. अभी ट्रेन नहीं पहुँच पायी थी | भारी बारिस के कारण ट्रेन को आने में अभी एक घंटा और लगने की सम्भावना थी |
बारिस हो रही थी इसलिए सुमन अपनी गाड़ी में ही बैठ कर इंतजार करना उचित समझा | ड्राईवर चाय लाकर सुमन को दिया |
सुमन चाय पी रही थी और आस पास के इलाके को बैठी बैठी मुआइना कर रही थी |
तभी सुमन ने देखा …. कुछ दूर आगे ,एक औरत अपने बच्चे को लिए बैठी रो रही है और तीन चार लोग उसे घेरे खड़े है |
वो जिज्ञासा वश ड्राईवर से बोली… जाकर ,पता कीजिए ,क्या बात हो गई ? वह औरत वहाँ बैठी क्योँ रो रही है ?
ड्राईवर ने जो बताया, वो सुन कर सुमन का दिल पसीज गया | आखिर वो भी तो एक औरत है .ऐसा सोच कर वो गाड़ी से निकल कर उस औरत के पास गई ……..(क्रमशः)

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