
सुबह का समय था | संदीप चाय पीते हुए सरसरी निगाह से आज का अखबार भी पढ़ रहा था |
अचानक अखबार के कोने पर छपी विज्ञापन पर उसकी नज़र ठहर गयी | उसने देखा कि एक बड़ी कंपनी ने vacancy की संक्षिप्त विज्ञापन दे रखी है |
विज्ञापन देख कर वह मन ही मन खुश हो गया और वह बड़े ध्यान से उसे पढने लगा | उसमे चाही गयी अनिवार्य योग्यता तो थी पर वांछित योग्यता यानि “अनुभव” उसके पास नहीं था |
एक मुसीबत और भी दिखाई देने लगी थी और वो यह कि आज ही दो बजे दिन में वाकिंग इंटरव्यू के लिए लोगो को आमंत्रित किया गया था | उसने घडी पर नज़रें दौड़ाई, अब सिर्फ चार घंटे ही बचे थे वहाँ पहुँचने के लिए |
हालाँकि यह तो बिलकुल पास के शहर में ही है, जहाँ बस के द्वारा दो घंटे में ही पहुँचा जा सकता है | लेकिन मुसीबत यह कि आज भारत बंद है | पता नहीं बस चलेंगे या नहीं, क्योंकि रूलिंग पार्टी वालों ने दावा किया है कि सभी कुछ सामान्य रहेंगे |
संदीप के मन में एक आईडिया आया | उसने सोचा कि घर से कोई दूसरा बहाना यानि दोस्त के घर जाने का कह कर इंटरव्यू देने चला जाता हूँ |
क्योंकि मेरे पास पैरवी तो है नहीं और ना ही अनुभव | इसलिए तो नौकरी मिलने की सम्भावना कम ही है, फिर भी मौका को छोड़ना नहीं चाहिए |
इंटरव्यू में फेल होने का समाचार सुनकर मुझसे ज्यादा घर वाले परेशान हो जाते है, इसलिए किसी को अभी बताना उचित नहीं होगा |
भगवान् ने अगर साथ दिया और नौकरी मिल गई तो घर वालों को सरप्राइज दूँगा |
सबसे ज्यादा ख़ुशी तो राधिका को होगी क्योकि हमारे मिलने जुलने में उसके परिवाल वाले परेशान नहीं करेंगे और अपनी ज़िन्दगी की गाड़ी भी पटरी पर आ जाएगी |
संदीप इन्ही सब बातों को सोचता बाज़ार सब्जी मंडी पहुँच गया और सब्जी ला कर अपनी बहन रेनू के हाथ में दे दिया | अब संदीप अपनी यात्रा की तैयारी शुरू कर दी |
एक बैग में कुछ कपडे डाल ही रहा था कि माँ की नज़र उस पर पड़ी और उसने यह देख कर आश्चर्य से पूछा …अचानक, कहाँ जाने की तैयारी कर रहे हो ?
मेरा एक दोस्त है, उसके घर में एक function है , उसी ने वहाँ बुलाया है | वहाँ जाऊँगा तो मेरा भी मन थोडा बहल जायेगा …संदीप ने साफ़ झूठ बोला | लेकिन यह तो उसकी मज़बूरी थी |

लेकिन आज तो भारत बंद है, कैसे जा पाओगे ?….माँ ने पूछा |
देखते है माँ, अगर बस नहीं चली तो जाना कैंसिल कर दूंगा | लेकिन सुना है भारत बंद का उतना असर नहीं रहेगा और सभी कुछ सामान्य ही रहने वाला है ..उसने माँ को समझाया |
ठीक है – ठीक है, लेकिन खाना खा कर ही घर से निकलना ….माँ ने हिदायत दे कर बोला |
तभी उसने रेनू को आवाज़ लगाई …अगर खाना तैयार है तो मेरा खाना परोस देना, तब तक मैं स्नान कर के आता हूँ |
थोड़ी देर में ही संदीप तैयार होकर घर से बस स्टैंड की ओर चल पड़ा |
संयोग से उसे तुरंत ही बस मिल गयी और दो घंटे का सफ़र तय करके उस दफ्तर में पहुँच गया, जहाँ इंटरव्यू होने वाला था | वह बिलकुल समय पर पहुँचा था | कुछ देर के इंतज़ार के बाद इंटरव्यू शुरू हुआ |
संदीप को थोड़ी घबराहट हो रही थी, क्योकि उसे यह नौकरी मिलना बहुत ही ज़रूरी था | उसी पर उसका भविष्य बहुत हद तक निर्भर था |
लेकिन भगवान् की दया से इंटरव्यू बहुत अच्छा हुआ था और भारत बंद की वजह से प्रतिभागी (candidate ) भी कम ही आ पाए थे, इसलिए संदीप को नौकरी मिलने की थोड़ी आशा हो गई थी |
वह बाहर आ कर वहाँ के स्टाफ से कंपनी के बारे में जानकारी इकठ्ठा करने लगा, तभी उसे पता चला कि अभी पांच बजे शाम में ही सफल लोगों की सूची जारी की जाएगी |
यह तो और भी अच्छी बात है, परिणाम जानने के लिए उत्सुकता बढ़ गई |
अभी पाँच बजने में तो काफी समय है | संदीप ने सोचा …समय बिताने के लिए क्यों नहीं, यहाँ का लोकल मार्किट ही घूम लिया जाए और साथ में लंच भी कर लिया जाए | उसे तो जोरो की भूख भी लग रही थी |
ऐसा सोच कर वह ऑफिस से बाहर निकल ही रहा था कि किसी ने कहा …लंच का पैकेट कंपनी की तरफ से दिया जा रहा है |
अरे वाह, अभी खाने की सोच ही रहा था कि भगवान् ने मेरी सुन ली | संदीप ख़ुशी ख़ुशी लंच का पैकेट लेकर वहीँ पर ऑफिस के लंच रूम में सभी candidates के साथ लंच करने लगा |
वह मन ही मन सोच रहा था… आज तो हमारी इच्छा के अनुसार ही सब कुछ हो रहा है | शायद आज भगवान् मुझ पर मेहरबान है | इसका मतलब है आज मुझे यह नौकरी मिल ही जाएगी | पूरा विश्वास के साथ संदीप मन ही मन भगवान् को धन्यवाद दिया |
सभी लोग खाना समाप्त कर चुके थे और सबकी नज़र अब नोटिस बोर्ड पर ही टिकी थी, क्योकि कुछ ही समय के बाद सफल लोगों की सूची इस नोटिस बोर्ड पर टंगने वाली थी |
सभी लोग रिजल्ट आने का इंतज़ार कर रहे थे | कुछ लोग बहुत तनाव भरी मुद्रा में नज़र आ रहे थे तो कुछ बिलकुल मस्त – मौला, अपने दोस्तों के साथ हँसी – मजाक कर रहे थे |
उनलोगों को देख कर संदीप के धड़कते दिल को थोड़ी राहत मिली और वह भी उनलोगों से हिल मिल कर बातें करने लगा |

इसी बीच सफल उम्मीदवार के सूची की कॉपी लिए चपरासी आ गया और नोटिस बोर्ड पर उसे चिपकाने लगा |
सभी नोटिस बोर्ड की तरफ दौड़ पड़े और वहाँ भीड़ लग गयी | सभी लोग उत्सुकता से अपना नाम उस टंगे लिस्ट में ढूंढने लगे |
संदीप ने भी अपना नाम ढूँढना शुरू कर दिया | जब पहली लिस्ट में संदीप का नाम नहीं दिखा तो उसकी दिल की धड़कन बढ़ गयी और मायूस आँखों से दुसरे लिस्ट पर लिखे कुछ ही उम्मीदवार में अपना नाम ढूँढना शुरू कर दिया |
उसे ऐसा लग रहा था कि पिछले बार की तरह इस बार भी वह सफल नहीं हो सका है |
तभी अचानक उसकी आँखे चमक उठी जब उसने अपना नाम उस लिस्ट में नीचे देखा | उसकी रुकी हुई साँसे अब नार्मल होने की कोशिश करने लगी | उसका मन ख़ुशी से झूम उठा |
आज उसका सिर गर्व से ऊँचा हो गया | इतने दिनों से झेल रहा तनाव से आज मुक्ति मिल गयी |
उसकी आँखे छलक गयी ..उन आँखों में ख़ुशी के आँसू थे | वह हाथ जोड़ कर मन ही मन भगवान् को याद करते हुए बोला ….प्रभु, आज मुझे नौकरी देकर मेरी मनोकामना पूरी कर दी, और मुझे बेरोजगार के श्राप से मुक्ति मिल गयी |
ख़ुशी के मारे उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या करे |

अपने ख़ुशी को किस तरह से व्यक्त करे | उसके हाथ अनायास ही उसके मोबाइल की तरफ चले गए और वह यह खुश-खबरी सुनाने के लिए अपनी बहन रेनू को फ़ोन लगाने लगा |
लेकिन फ़ोन थी कि लग ही नहीं रही थी | बार बार कनेक्ट करने की कोशिश करता परन्तु हर बार बिजी- बिजी का सन्देश मिल रहा था |
तभी उसे ध्यान आया कि उसे तो इस बात को अभी गुप्त रखना है और किसी को खबर नहीं देनी है |
क्योंकि, घर पहुँच कर अपनी नौकरी को सरप्राइज के रूप में घर वालों पर प्रकट करना है |
संदीप अपने मोबाइल को पॉकेट में वापस रख लिया तभी कंपनी के एक अधिकारी हॉल में प्रकट हुए और एक ज़रूरी घोषणा करने लगे |
सभी लोग उनकी तरफ देखने लगे और उनकी बातों को ध्यान से सुनने लगे |
उन्होंने सभी प्रतिभागी जो इस इंटरव्यू में भाग लिया था, उन सबों को धन्यवाद दिया |
साथ ही उन्होंने सफल उम्मीदवारों को यह भी सूचित किया कि अभी थोड़ी देर इंतज़ार करें | पांच मिनट बाद अलग से उनके लिए एक और घोषणा की जाएगी |
अब धीरे धीरे हॉल खाली होने लगा | अब बस केवल सफल उम्मीदवार ही रह गए थे, जो अगली फरमान का बेसब्री से इंतज़ार करने लगे |
पांच मिनट बाद एक और अधिकारी जो अपने को कंपनी का एच . आर .मैनेजर बता रहा था, सबों को लेकर छोटे से मीटिंग हॉल में पहुँचा | सबको आरामदेह कुर्सियों पर बैठाया गया और चाय – बिस्कुट दिया गया |
सभी लोग चाय का आनंद ले रहे थे, तभी एक बुजुर्ग सा व्यक्ति मीटिंग हॉल में प्रवेश किया और सामने वाली कुर्सी पर जैसे ही बैठे, वहाँ उपस्थित एच . आर .मैनेजर ने उनका स्वागत किया और उनका परिचय कराते हुए कहा ..आप हमारे कंपनी के डायरेक्टर साहब है और आप से कुछ बात करना चाहते है |
फिर डायरेक्टर साहब ने सफल उम्मीदवारों को बधाई दी और कहा …आप लोग मेरी बातो को ध्यान से सुनेगे और किसी को कुछ पूछना हो तो मीटिंग के दौरान बेझिझक पूछ सकते है |
उन्होंने फिर कहा …मुझे अपनी कंपनी के लिए आप जैसे नौजवानों की ज़रुरत है | इसलिए मुझे जल्दीबाजी में आप सबों को रिक्रूट (recruit ) करना पड़ा है |
मेरी कंपनी ने मुंबई में एक अर्जेंट प्रोजेक्ट लॉन्च किया है जिसे कम से कम समय में हमें पूरा करना है | इसलिए कंपनी ने यह फैसला लिया है कि आप सभी को कल ही यहाँ से उस प्रोजेक्ट साईट पर रवाना कर दिया जायेगा |
आपलोगों का तीन माह का probation period है और उसके बाद ही आप लोगों के किसी भी तरह की छुट्टी का आवेदन स्वीकार किया जाएगा और हाँ, आप के रहने और खाने का पूरा इंतज़ाम कंपनी के द्वारा किया जाएगा .. ..(.क्रमशः ) |

इसके आगे की घटना के लिए नीचे दिये गए लिंक को क्लिक करें
BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,,
If you enjoyed this post, don’t forget to like, follow, share and comment.
Please follow the blog on social media….links are on the contact us page
Categories: story
Beautiful story of Sandeep! Beautiful description! Well shared thank you ! 👌
LikeLiked by 1 person
Thanks for your words of appreciation.
Please read the complete story. I will be happy.
LikeLike
Ok sure! Please do read my story 😂
LikeLiked by 1 person
Definitely,
I always visit your Blog. I should make comment as well..
LikeLike
🙏
LikeLiked by 1 person
Good morning.
Have a nice day.
LikeLike
☺️
LikeLiked by 1 person