
एक अलग ही पहचान बनाने की आदत है मेरी
तकलीफों में भी मुस्कराने की आदत है मेरी
कालिंदी अपने बड़े साहब से शाबाशी पाकर बहुत खुश थी | लेकिन यह भी सच है कि रात दिन काफी प्रयास करने के बाद “लॉ एंड आर्डर” की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है |
कालिंदी के कार्य क्षेत्र में चोरी, जुआ और फिरौती जैसे अपराध करीब करीब बंद हो गए है |
इलाके में अब अमन चैन है और यहाँ के आम जनता के साथ साथ व्यापारी वर्ग भी हालात सुधरने से काफी खुश है |
चारो तरफ कालिंदी की प्रशंसा हो रही थी और लोकल समाचार पत्रों में भी कालिंदी की खूब तारीफ होने लगी थी |
दिन के दो बज रहे थे और कालिंदी को आज लखनपुर के लिए रवाना होना था | क्योकि ऐसी सुचना मिली थी कि वहाँ कुछ लोग देशी शराब बनाने का धंधा कर रहे है |
राज्य में शराब बंदी के बाबजूद धडल्ले से शराब की बिक्री हो रही है | वहाँ का थाना इंचार्ज की भी इसमें मिली भगत है |
कालिंदी तैयार हो कर निकल ही रही थी कि उसके मोबाइल की घंटी बज उठी और कालिंदी ने देखा तो पाया कि फ़ोन उसी unknown नंबर से किया गया है | वह समझ गयी कि फ़ोन करने वाला शख्स वही है जो उसे गुप्त सूचनाएं देता है |
कालिंदी ने फ़ोन उठाया ही था कि उधर से आवाज़ आयी …. .हेल्लो मैडम, आप लखनपुर के लिए रवाना हो रही है क्या ?
जबाब देने के बजाए कालिंदी ने उल्टा ही उससे प्रश्न किया और कहा …तुम्हे कैसे पता चला कि मैं वहाँ जा रही हूँ | मेरे और मेरे स्टाफ के अलावा किसी को भी मेरे जाने की जानकारी नहीं है |
वह सब आप छोडिये मैडम… इन सब बातों में कुछ नहीं रखा है |
आप मेरी बात ध्यान से सुनिए … आप अभी लखनपुर के लिए नहीं निकलेंगी | यह मेरा हुक्म नहीं है बल्कि निवेदन है | प्लीज, आज मेरी यह बात आप मान लीजिये |
मैं कल फिर आपसे बात करूँगा | इतना बोल कर उसने फ़ोन काट दिया |
कालिंदी उसकी बात सुन कर असमंजस में पड़ गयी | आखिर वह मुझे वहाँ जाने से क्यों रोकना चाहता है |
यह सही है कि वह इलाका काफी खतरनाक माना जाता है ,लेकिन हमारा तो यही काम है कि जहाँ गड़बड़ी हो वहाँ लॉ एंड आर्डर को दुरुस्त करना |
फिर भी कोई न कोई बात तो ज़रूर होगी तभी उसने मना किया है |
चलो आज उसकी बात मान लेती हूँ | मैं अब आज के बदले कल लखनपुर का दौरा करुँगी … कालिंदी अपने कुर्सी पर बैठे बैठे सोच रही थी |

लंच का समय हो रहा था और कालिंदी घर से लंच नहीं ला सकी थी, इसलिए उसने खाना खाने के लिए घर जाना उचित समझा ताकि माँ के हाथ का गरम गरम खाना खा सके |
वह अपनी गाड़ी लेकर घर की ओर चल दी |
घर पहुँचते ही कालिंदी ने माँ से कहा ….माँ, मुझे बहुत भूख लगी है | जल्दी से खाना खिला दो | खाना खा कर ज़ल्दी ऑफिस जाना होगा | आज ऑफिस में काम बहुत है |
माँ कालिंदी को देख कर बोली.. .यह तुम ने अच्छा किया जो खाना खाने घर पर आ गयी | मैं अभी तुम्हे गर्म खाना परोसती हूँ |
कालिंदी हाथ मुँह धो कर खाना खाने बैठी और पहला निवाला ही मुँह में रखी थी कि उसके फ़ोन की घंटी बज उठी |
बड़े साहब फ़ोन पर थे |
कालिंदी खाना छोड़ कर ज़ल्दी से साहब के फ़ोन को attend की और कहा …हेल्लो सर, मैं कालिंदी बोल रही हूँ |
साहब ने पूछा …तुम ठीक तो हो न ? तुम को तो अभी लखनपुर जाना था, उसका क्या हुआ ?
सर, मैं बिलकुल ठीक हूँ और मैं लखनपुर का दौरा कल करुँगी | आज कुछ ज़रूरी काम में फंस गयी थी |
बड़े साहब फ़ोन पर ही बोले……. थैंक्स गॉड, तुम सही सलामत हो |
ऐसी क्या बात हो गयी सर ? … कालिंदी ने हडबडा कर पूछा |
अभी अभी खबर मिली है कि लखनपुर पहुँचने के पहले जो रास्ते में पुलिया है उसे ब्लास्ट कर उड़ा दिया गया है | इस घटना में उस समय वहाँ से जो जीप गुज़र रही थी उसके परखच्चे उड़ गए |
चूँकि उस जीप में केवल ड्राईवर था अतः इस घटना में उसकी मौत हुई है |

.मेरा अनुमान है कि अपराधियों ने उस जीप को पुलिस का जीप समझ कर बारूदी सुरंग के माध्यम से उड़ा दिया |
मैं घटना स्थल पर जा रहा हूँ तुम भी यहाँ आ जाओ |
इस दुर्घटना की खबर से कालिंदी भौचक रह गई .. अब उसे समझ में आ रहा था कि उसके जीप को ही अपराधियों ने उड़ाने का प्लान बनाया था .. लेकिन उस खुफिया हमदर्द ने मुझे वहाँ जाने से रोक कर मेरी जान बचा ली |
परन्तु कालिंदी के दिमाग में दो प्रश्न उठ रहे थे .. पहला कि उसके लखनपुर जाने का प्रोग्राम किसने लीक किया |.. क्योंकि वह गुप्त रूप से वहाँ जा रही थी और इसकी सुचना सिर्फ उसके ड्राईवर और बॉडी गार्ड के अलावा किसी को भी न थी |
तो क्या इसका मतलब है कि हमारे ऑफिस के कुछ स्टाफ अपराधियों से मिले हुए है ..और शायद पुलिस की गतिविधियों की अग्रिम सुचना उन तक पहुंचाते है |
और दूसरा सवाल यह कि उस गुप्त सुचना देने वाले इंसान को उन अपराधियों के प्लान का कैसे पता चला ?
क्या वह भी उनलोगों के संगठन से जुड़ा हुआ कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति है .. जो दुनिया के आँखों में धुल झोकने के लिए पत्रकार का पेशा अपनाए हुए है |
तभी कालिंदी ने सोचा… इन सब बातों पर बाद में विचार करेंगे, फिलहाल तो साहब के पास ज़ल्द पहुँचना है |
उसने ज़ल्दी ज़ल्दी अपना भोजन समाप्त किया और कुछ ही देर में साहब के ऑफिस में पहुँच गयी |
साहब तो पहले से ही तैयार बैठे थे | उन्होंने तुरंत कालिंदी के साथ घटनास्थल की ओर रवाना हो गए |..

साहब की गाड़ी तेज़ गति से लखनपुर की ओर जा रही थी जहाँ भयंकर दुर्घटना हुआ था | साहब के मन में तरह तरह के सवाल उठ रहे थे |
उन्होंने कालिंदी की ओर देखते हुए कहा …कालिंदी, यह तो तय है कि यह विस्फोट तुम्हारी जीप समझ कर की गयी थी | लेकिन तुम्हारा भाग्य अच्छा था कि तुमने अचानक अपना प्लान कैंसिल कर दिया और तुम्हारी जान बच गयी |
इस पर कालिंदी ने कहा …लेकिन सर, हमारा वहाँ का दौरा बिलकुल गुप्त था और इसकी जानकारी सिर्फ मेरे ड्राईवर और बॉडी गार्ड के आलावा किसी को न थी |
फिर कैसे पुलिस की गतिविधियों की खबर उन माफिया लोगों तक पहुँच जाती है |
कालिंदी की बातों को सुन कर साहब कुछ सोच में पड़ गए |
लेकिन तभी कालिंदी से कहा… मुझे भी शक हो रहा है कि हमारे विभाग के कुछ लोग उन तक सूचनाएं पहुंचाते है |
मैं सोचता हूँ कि खुफिया विभाग के एस. पी. से बात करूँ और यह ज़िम्मा उसे सौप देता हूँ | सच्चाई का ज़ल्द ही पता चल जायेगा |
ठीक है सर, हमलोग कुछ दिनों के लिए अपनी गतिविधियाँ अपने स्टाफ से भी गुप्त रखेंगे | अच्छा हुआ आज हमारे साथ ड्राईवर भी नहीं है | वर्ना आज की हमारी बातें भी लीक हो जाती …कल्याणी ने राहत की सांस लेते हुए कहा |
घटना पर पहुँचते ही साहब का शक यकीन में बदल गया | पुलिया को उड़ाने के लिए शक्तिशाली बिस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था |
दुर्घटनाग्रस्त गाडी भी पुलिस के जीप जैसी दिख रही है थी | उस गाड़ी में सिर्फ ड्राईवर था जिसकी मौके पर ही मृत्यु हो गयी थी |
कालिंदी को उस ड्राईवर की मौत पर बहुत दुःख हो रहा था क्योकि कालिंदी की जान के बदले ही उसकी जान चली गयी थी …(क्रमशः)

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रहस्य और रोमांच से भरपूर।
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Thank you so much dear.
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I read the whole story again. Nice one indeed.
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Thank you so much, Sir.
Your appreciation boosts my confidence.
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Kahani bahut sunder.Ab lagata hai mobile yug aagaya
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Thank you so much, dear.
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