#किस्मत की लकीरें #– 6 

दोस्तों ,

मुझे ख़ुशी है कि आपलोग इस कहानी को पसंद कर रहे है | मैं इस कहानी के पाँच भाग पहले ही प्रकाशित कर चूका हूँ , जिसका link मैं नीचे दे दिया हूँ | दोस्तों की इच्छा का सम्मान करते हुए इस कहानी के अगले भाग को प्रकाशित करने जा रहा हूँ | मुझे आशा है आप को ज़रूर पसंद आएगा | आप अपने अनुभव ज़रूर साझा करे …

किस्मत की लकीरें …भाग 6

आस पास के सारे थाना इंचार्ज को आज के मीटिंग में बुलाया गया था |

बड़े साहब ने मीटिंग में कालिंदी का सभी लोगों से परिचय कराया और कहा .. यह एक जांबाज़ ऑफिसर है जो आज ही हमारे जिले के महेश पुर में ASP के पद पर जोइनिंग दी है |

हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि इन्हें जो ज़िम्मा सौपा गया है उसे वह बखूबी निभा पाएंगी |

मीटिंग करीब दो घंटे चली और इस दौरान कालिंदी सभी पुलिस अधिकारीयों की समस्याओं को ध्यान से सुना और उसे अपनी डायरी में नोट भी किया |

मीटिंग खत्म हुई तो कालिंदी वापस  अपने ऑफिस आ गयी जो मुख्यालय से थोड़ी दूर पर ही थी |

उसके  ऑफिस में पहुँचते ही वहाँ के सभी लोगों ने कालिंदी का भव्य स्वागत किया | कालिंदी अपने ऑफिस के सभी स्टाफ लोगों से मिली और फिर उनलोगों के साथ एक मीटिंग भी की |

कालिंदी ने उस मीटिंग में अपने सभी स्टाफ लोगो को  साफ़ – साफ़ सन्देश दिया कि अपने क्षेत्र में जो भी लॉ एंड आर्डर (Law & order) की समस्या है उसे दूर करना होगा | इस काम में हमें समाज के सभी वर्गों का सहयोग और समर्थन लेने का प्रयास करना चाहिए |

हम सब बिना किसी भेद भाव और डर  के अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे तो सारी समस्याएँ दूर हो जाएगी |

शाम का वक़्त था, कालिंदी सिविल ड्रेस में ही वहाँ उस छोटे से मार्किट में निकल गयी, ताकि यहाँ की वर्तमान स्थिति का पता लगाया जा सके |

वह तो आज ही ड्यूटी ज्वाइन की थी इसलिए सिविल ड्रेस में होने के कारण उसे कोई नहीं पहचान सकता था |

कालिंदी वहाँ एक चाय के दुकान में बैठ कर चाय मंगाई और चुप – चाप चाय पिने लगी |

तभी एक जवान आदमी जो दिखने में तो शरीफ लग रहा था, आकर मैडम के सामने ही बैठ गया और चाय का आर्डर दिया | उसके बाएं कंधे से झोला लटक रहा था और हाथ में कैमरा था |

दिखने में प्रेस रिपोर्टर लग रहा था ….

दोनों अपने अपने चाय पी रहे थे तभी एक गुंडा किस्म का आदमी उस चाय की दूकान में घुस आया |

वह बदमाश दूकान में घुसते ही उस प्रेस रिपोर्टर के पास आया  और धमकी भरे लहजे में कहा …. तुमने भैया जी के बारे में उलटी पुलटी ख़बरें अपने अखबार  में छाप कर ठीक नहीं किया |

आगे से इस बात का ध्यान रखना कि उनके बारे में कुछ गलत बात तुम्हारे अखबार में न छप सके |

इस पर उस  नवयुवक ने कहा …एक पत्रकार का यही तो  काम है कि जो सच्चाई है उसे जनता के सामने लाया जाए | मैंने कोई झूठी बात नहीं छापी है |

इतना सुनते ही वह गुस्से से आग बबूला हो गया और सरेआम पिस्तौल निकाल कर उसके ऊपर तान दिया  |

कालिंदी को लगा कि कही वह गोली ना चला दे | इसलिए तुरंत  एक्शन में आयी और अपने कराटे  की कला का इस्तेमाल करते हुए पलक झपकते ही उसके हाथ से पिस्तौल छीन लिया |

इस घटना से वह गुंडा छाप युवक गुस्से से लाल हो गया |

लेकिन इससे पहले कि वह  कोई हरकत करे,  वहाँ तैनात  पुलिस दौड़ कर घटनास्थल पर पहुँच गया |

पुलिस तो मैडम को देख कर पहचान गया और उनका इशारा पाते  ही उसे पिस्तौल के साथ गिरफ्तार कर लिया |

 इस घटना से कालिंदी को यकीन हो गया कि यहाँ की क़ानून व्यवस्था काफी कमजोर है और इसे सुधारने के लिए कुछ कड़े कदम उठाने पड़ेंगे |

वह पत्रकार युवक  कालिंदी की बहादुरी से बहुत प्रभावित हुआ | उसने कालिंदी की ओर देखते हुए कहा … आप ने इस गुंडे से मुझे बचाया इसके लिए दिल से शुक्रिया |

आप जैसे पुलिस ऑफिसर की यहाँ सख्त ज़रुरत है | यहाँ का क़ानून व्यवस्था काफी बिगड़ गया है, अगर आप थोडा सख्ती करेंगी तो शायद शांति व्यवस्था बहाल हो सकेगा |

मैं पूरी कोशिश करूंगी | लेकिन मैं चाहूँगी कि आप अपने अखबार में बिना किसी भेद भाव के लिखते रहे |

जी मैडम,  मैं जब रिपोर्टर बना हूँ तो डर कर सच का साथ नहीं छोड़ सकता हूँ |

मैं आप को बतला दूँ कि यहाँ माफिया का दो ग्रुप है और यह लोग दलाली, हफ्ता वसूली  से लेकर हत्या तक करने से नहीं हिचकते है |

इन लोगों की सामानांतर सरकार चलती है | इन लोगों का इतना दशहत  है कि आप के महकमे के कुछ लोग इनके इशारे पर ही  काम करते है, भले ही तनख्वाह सरकार से लेते है |

इसलिए आप भी थोडा सतर्क होकर रहे | मुझे पूरा विश्वास है कि आप जैसा दबंग ऑफिसर के सामने ये लोग अपनी अवैध गतिविधियाँ बंद कर देंगे |

source: Google.com

इधर उस गुंडे की गिरफ़्तारी और नए ऑफिसर की साहसिक करवाई की बात पुरे इलाके में तुरंत फ़ैल गई और आस पास के सभी दूकानदार और लोगों की भीड़ इकट्ठी ही गई |

सभी लोग हाथ जोड़ कर आशा की दृष्टी से मैडम की ओर देखने लगे |

कालिंदी ने उनलोगों की ओर देख कर कहा …आप लोग बिलकुल भी ना घबराएं |

धीरे धीरे सब कुछ ठीक हो जायेगा |

रात में कालिंदी खाना खा कर ज़ल्दी ही सोने चली गयी | आज पहला दिन इस तरह से व्यतीत हुआ कि थकान काफी लग रही थी | लेकिन बिस्तर पर जाते ही उसकी जैसे नींद गायब ही हो गयी |

वह बिस्तर पर लेटे -लेटे ही आगे की प्लानिंग के बारे में सोच रही थी |

पहले तो अपने महकमे के लोगों को ही ठीक करना होगा  और बेईमान अधिकारीयों  को हिदायत देना होगा कि अपने आप को सुधार ले वर्ना उनके विरूद्ध पहले कार्यवाही की जाएगी |

इन्ही सब बातों में खोई, जाने कब उसकी नींद लग गयी |

कालिंदी सुबह सो रही थी तभी उसके मोबाइल की घंटी बजी और चौक कर उसने आँखे खोली  | फ़ोन किसी unknown नम्बर से आया था इसलिए फ़ोन को काट कर फिर से सोने की कोशिश करने लगी |

तभी दुबारा फ़ोन की घंटी बजी | इस बार कालिंदी ने फ़ोन उठा कर पूछा…हेल्लो, आप कौन बोल रहे है ?

मैडम, अभी इन सब बातों का समय नहीं है कि मैं कौन बोल रहा हूँ ..

रासपुर खदान में एक बहुत बड़ा हादसा होने वाला है | वहाँ खदान में पानी घुस रहा है और चट्टान खिसकने के कारण बाहर निकलने का रास्ता ब्लॉक हो गया है |

source: Google.com

….और खदान के मालिक और अधिकारी  उन मजदूरों को बचाने  का प्रयास नहीं कर रहे है | …उन खदान में  करीब  पचास मजदूर अंदर फंसे हुए है | आप जल्दी से पहुँच कर उनलोगों को बचाने का कोई उपाय कीजिये |

लेकिन मैं कैसे समझूँ कि आप सही बोल रहे है …कालिंदी ने प्रश्न करते हुए पूछा |

मैडम मैं इस तरह के चौकाने वाले और भी ख़बरें देता रहूँगा,  फिलहाल बता  दूँ कि प्राइवेट खदान वाले मालिक अपने मजदूर के जान की परवाह नहीं करते है,  उन्हें सिर्फ अपने फायदे से मतलब होता है |

आये दिन इस इलाके में ऐसा हादसा होते रहता है और ये लोग पुलिस से मिली भगत कर केस को दबा देते है | आप फिलहाल कोशिश करें तो उनलोगों की जान बच सकती है |

कालिंदी को पता नहीं क्यों उसकी बातों पर यकीन करने का मन कर रहा था |

लेकिन ड्राईवर ना होने के बाबजूद कालिंदी  तुरंत तैयार हो कर जीप लेकर खुद ही निकल गयी| |

वह  घटना स्थल पर पहुँची तो देखा कि वहाँ काफी अफरा तफरी मची हुई है | वहाँ पता चला कि खदान के अन्दर की एक दीवार पानी के दबाब के कारण टूट गयी है, जिसके कारण बाहर निकलने का रास्ता ब्लॉक हो गया है और अन्दर खदान में पानी घुस रहा है |

किसी को हिम्मत नहीं हो रही थी कि खदान के अन्दर नीचे उतर सके | सभी लोग सिर्फ बाहर से असहाय बन कर तमाशा देख रहे थे |

कालिंदी के मन में खदान के अन्दर फंसे मजदूरों की पीड़ा महसूस हुई और सोचा कि न जाने कितनो की जाने जाएँगी और कितने घर तबाह हो जायेंगे |

ऐसा सोच कर वह भावुक हो उठी और उसने तुरंत अंदर खदान में उतरने का  फैसला किया | …क्रमशः

किस्मत की लकीरें – 7 हेतु नीचे link पर click करे..

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4 replies

  1. अच्छी कहानी।

    Liked by 1 person

  2. Acchi kahani.Kahani ki disha badal gai.

    Liked by 1 person

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