# एक बार फिर #

Good afternoon friends.

Retiredकलम

आज कल नफ़रतों का बाज़ार गरम है | हर तरफ लोग सिर्फ अपनी फिक्र करते है | आपसी प्रेम जैसे समाप्त ही हो चला है | अक्सर लोग भूल जाते है उन बातो को जिन्हे सोच कर अब भी कुछ लोगो की आँख से आँसू निकल आया करते है |

हमे फिर से लोगो के दिलो मे प्यार पैदा करना होगा | ज़िंदगी मिली है तो क्यों न प्रेम – मोहब्बत के साथ ज़िंदगी का लुफ्त उठाया जाये |

इन्ही भावनाओं को महसूस कराने का मेरा एक प्रयास …

चलो एक बार फिर...

आपसी नफरत को भूल

सहमी सी चाहत और

बेबस ज़िन्दगी से दूर

कसमसाती ख्वाहिशें और ..

धुंधलाती सपनों से दूर

मुठ्ठी में कुछ सपने हो

और जेबों में हो आशाएं

फौलादी इरादे मन में हो

दिल में कुछ अरमान हो

हम सब की कोशिश हो प्यारे .

अपने सब सपनों साकार हो

मानवता के फुल खिले…

View original post 118 more words



Categories: Uncategorized

8 replies

  1. Is photo me ap itne gusse me kyu he sir ji?

    Liked by 1 person

  2. Thank you and Good evening dear.

    Liked by 1 person

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: