Good afternoon friends,

दोस्तों,
लिखते रहना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है | मैं भी रोज़ कुछ न कुछ लिखना चाहता हूँ , दिल की बात कहना चाहता हूँ | लेकिन लिखने के पहले कई सवाल मन में उठ खड़े हो जाते है और फिर मेरा मन पूछता है – आखिर क्या लिखूँ ?
जी हाँ ! इसी मनःस्थिति को दर्शाता है , आज की मेरी यह कविता । शायद आप इसे पसंद करेंगे और अपनी राय भी देंगे …
आज क्या लिखूँ ?
आज सुबह उठा ।
आंखें खोले, छत को निहार रहा था
तभी मेरे मन में ख्याल आया
आज कुछ नया लिखूँ ।
अच्छा या बुरा लिखूँ
झूठ या सच लिखूँ
लेकिन मैं क्या लिखूँ ?
आज तेरी याद आई है
प्रेरणा संदेश लायी है
तेरी आंखों की मस्ती
अचानक आना ,
तेरा मुसकुराना,
गीत गुनगुनाना
सब याद आई है
लेकिन कैसे लिखूँ ?
अपनी जीत पर लिखूँ
या…
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Kavita Badhiya.Aaj teri yaad aayii.Kiski yaad aayii samajh me aayaa.
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Ha ha ha ,
There are so many loved ones,
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