#मुश्किलों से गुज़रता आम आदमी#

Good afternoon friends,

Retiredकलम

हां , यह बात बहुत हद तक सही है कि हम आज के समय में बनावटी एवं दिखावे का जीवन जी रहे है। हालांकि इस बात को स्वीकार करने से लोग झिझकते है, लेकिन मन ही मन इस बात को स्वीकार करते है कि दुनिया की रेस बने रहने के लिए दिखावा ज़रूरी है, वरना लोग वो सम्मान नहीं देते जिसकी वो चाहत रखते है |

दिखावटी जीवन को छोड़कर असल जिंदगी में जीना सीखे तभी आपको सच्ची खुशी मिलेगी। सच्ची मुस्कान आपको उन बच्चों में अवश्य मिलेगी जो दिखावटी जीवन से बहुत दूर हैं।

ज़िंदगी की जद्दोजहद के बीच इन्हीं भावनाओं को दर्शाता एक आम आदमी की विवशता है यह कविता

मुश्किलों से गुज़रता आम आदमी

बनावटी जीवन जीने को मजबूर है आम आदमी

आज के जमाने में अजीब हो गया है आम आदमी

ज़िंदगी में अनेकों जद्दोजहद से जूझता है फिर भी

साख बचाने को बस दिखावा करता…

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