
दोस्तों, ,
मैं पिछले दो दिनों से ठीक से सो नहीं पाया हूँ, क्योंकि अचानक कुछ ऐसी दुखद घटनाओं का सामना करना पड़ा है कि उससे जल्द उबर पाना मुश्किल है | इसलिए उन बातों को आप के साथ शेयर करना चाहता हूँ ताकि हमारे दुखी मन को थोड़ा सुकून मिल सके |
मैं अपने ब्लॉग के माध्यम से आप सब दोस्तों को कठिन परिस्थिति में शांत रहने और अपने मन को स्थिर रखने की सलाह देता रहा हूँ .., पर आज मुझे यह महसूस हो रहा है कि उस पर अमल करना कितना मुश्किल है |
वैसे तो जीवन है तो उसका अंत होना एक सच्चाई है, फिर भी अपनों की अचानक मृत्यु मन को बेचैन कर देता है |
अभी एक सप्ताह पहले मेरे भांजा की अचानक मृत्यु हो गई | अभी इस गम से उभरने की कोशिश कर ही रहा था कि दो दिनो पूर्व, 21 सितंबर को मेरी बड़ी भाभी का देहांत हो गया |
मन बेचैन होना स्वाभाविक है | मेरी भाभी, वो कहने को मेरी भाभी थी, दरअसल वो मेरी माँ समान थी | जब वो घर में ब्याह कर आई थी उस समय मैं बहुत छोटा था | मुझे तो भाभी का मतलब भी ठीक से नहीं पता था | हाँ, मैं आज अपने बचपन की बातें याद करता हूँ तो मेरी बड़ी भाभी से संबन्धित बहुत सारी बातें याद आती है |

मेरा बचपन उनका कर्जदार है | मुझे नहलाना, और स्कूल के लिए तैयार करना उन्हीं के जिम्मे था | खाना बनाना और खाना खिलना भी | उन्हें भी शायद मेरी सेवा करने में आनंद आता था |
लेकिन बचपन में मैं नहाने से बहुत घबराता था | ठंड के दिनो में कुएं के जल से स्नान करना मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगता था | हालांकि ठंड के दिनो में कुएं का ताज़ा जल थोड़ा गरम ही रहता है | लेकिन सच तो है कि मैं बिना स्नान किए ही स्कूल जाना चाहता था | लेकिन मेरी भाभी अपनी ड्यूटि की पक्की थी |
मेरे जिद्दी स्वभाव के विरुद्ध वो मुझे ज़बरदस्ती ठंडे पानी से नहला दी | इस क्रम में ज़ोर ज़बरदस्ती किया जा रहा था | तभी गुस्से में मैंने उनके हाथ में अपने दाँत गड़ा दिये । बचपन में अपना दाँत ही हथियार हुआ करता था | वह दर्द से कराह उठी , क्योंकि जख्म गहरा था | मुझे आशा थी कि वो गुस्से में मुझे थप्पड़ ज़रूर मारेंगी |
लेकिन यह क्या ? वो मुझसे नाराज़ नहीं हुई और रोज़ की तरह अपनी मुस्कान बिखेरती हुई मुझे तैयार कर स्कूल भेजा | लेकिन मैंने हाथ के जख्म की पीड़ा से उनके आँखों में आँसू देखे थे | मुझे बाद में बहुत अफसोस हुआ | लेकिन उसके बाद हमारी दोस्ती पक्की हो गई | और उनका यह स्नेह उनके मृत्यु के दिन तक बना रहा |

आज जो कुछ भी हम हैं वो अपने बड़ों के आशीर्वाद एवं पुण्य-प्रताप से ही है। आप मेरी माँ समान थी, हमें आपके मार्गदर्शन और आशीर्वाद की हमेशा ही जरूरत रहेगी। आप में धैर्य और अदम्य साहस था | आप मे सहनशीलता थी |
आप हमसे दूर चले गए लेकिन आप हमेशा हमारे दिल में रहेंगे, आपका प्यार महान था | अब तो भगवान से मेरी यही प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और इस दुःख की घडी में हम सभी को दुख सहने की शक्ति दे |
ॐ शांति ॐ

Please follow the blog on social media … visit my website to click below.
Categories: infotainment
Hugs and condolences on the tragic loss of your family members. To lose two in such a short time is unimaginable and I can understand how sleep won’t come to you.
LikeLiked by 1 person
Yes Sir,
We experience this type of happening in life.
LikeLiked by 1 person
ओम शान्ति।
LikeLiked by 1 person
ॐ शांति
LikeLike
OM Shanti, RIP
LikeLiked by 1 person
ॐ शांति
LikeLike
ॐ शांति ।।
भगवान उनकी आत्मा को शान्ति दे।
सर, अपने आप को संभाले ।
LikeLiked by 1 person
बहुत बहुत धन्यवाद डियर |
LikeLike
Very sad news! My heartfelt condolences 🙏 Om Shanti 🙏🙏
Please take care of yourself and other family members.
LikeLiked by 1 person
yes Sir,
Om Shanti.
LikeLiked by 1 person