Good afternoon,
“When you have a dream, you’ve got to grab it and never let go.” …

हम सभी लोग जमीन से जुड़े रहना चाहते है, और अच्छी या बुरी जो भी परंपरा है उसे निभाने के चक्कर में हम वो सभी कार्य भी करते है जिसे हम करना पसंद नहीं करते है |
आज के युग में इसी परंपरा का फायदा उठा कर कुछ दबंग लोग अपनी मनमानी करते है |
आज हमारा विद्रोही मन इन्हीं गलत परम्पराओं के विरूद्ध इस कविता के माध्यम से कुछ कहने की कोशिश कर रह है …

आज मुझे रो लेने दो
परंपरा की इस अंधी दौड़ में
सर अपना मत पीटो तुम
जो जीने के लिए ज़रूरी है
वो हक़ मेरा मत छीनो तुम
बहता है पानी तो रोको
बाँध बनाना सीखो तुम
लग जाए आग अगर
सूखे पत्ते जल जाने दो तुम
मगर फुल खिले है जो
उन्हें फल बन जाने दो तुम
इन खून खराबा से क्या हासिल
प्यार के फुल खिलने दो तुम
आज न कहा…
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