
दोस्तों,
आज की प्रस्तुत कहानी दुनिया की सबसे हैरतअंगेज कहानी माना जा सकता है |
वैसे तो दुनिया में जब किसी कैदी को सजा- ए- मौत दी जाती है तो उसका मरना निश्चित माना जाता है | ऐसे में क्रिमिनल की सांसें तेज होनी शुरू हो जाती है | उसके दिमाग में जिंदा बचने की उम्मीद समाप्त हो जाती है |
लेकिन क्या आपने कभी ऐसे बंदे के बारे में सुना है जिसे एक नहीं बल्कि तीन बार फांसी दी गई हो, लेकिन फिर भी वह ज़िंदा बच गया |
जी हाँ , आज जिस शख्स की चर्चा करने जा रहा हूँ, शायद वह दुनिया का एकलौता इंसान है जिसे फांसी की सज़ा हुई और उसे एक बार नहीं, बल्कि तीन तीन बार फांसी के फंदे पर लटकाया गया | फिर भी वह हर बार बच गया | इसे एक अजूबा ही कहा जा सकता है |

यह घटना है १८८४ की है | इंग्लॅण्ड में एक छोटा सा गाँव था | उस गाँव में एक बुज़ुर्ग महिला रहती थी | उसका नाम एना काइसे था और वह महिला बहुत अमीर थी | वह अच्छे परिवार से थी | लेकिन उसने शादी नहीं की थी |
उनकी उम्र करीब ५५ साल थी | उसकी देख भाल करने को घर में चार नौकर थे | उनमे दो बुजुर्ग पुरुष, एक महिला जो कुक थी और एक उसका सौतेला भाई था | महिला कुक का नाम हैरिस और उसके सौतेले भाई का नाम जॉन ली था | जॉन ली कम पढ़ा लिखा था और वह स्कूल की पढाई छोड़ कर एक व्यक्ति के यहाँ नौकरी करने लगा | एक दिन उस व्यक्ति के घर चोरी हो गया | इस चोरी का इल्जाम जॉन ली पर लगा और उसे जेल भेज दिया गया | लगभग 5 साल जेल की सज़ा काटने के बाद जॉन ली जेल से रिहा हुआ |
चूँकि उसकी बहन हैरिस उन बुजुर्ग महिला के यहाँ कूक का काम करती थी और वो महिला एक नेक दिन औरत थी | इसलिए हैरिस के कहने पर जॉन ली को भी काम पर रख लिया गया |
इस तरह जॉन ली को वहाँ काम करते हुये साल भर ही बीते थे | सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था, तभी एक दिन सुबह – सुबह अचानक काइसे के घर से धुआँ निकलती दिखाई दी | आस पड़ोस के लोग यह देख कर वहाँ इकट्ठा हो गए और पुलिस को खबर की गई | पुलिस की टीम जल्द ही आ गई और उस घर के अंदर दाखिल हुई | पुलिस ने देखा कि अंदर कमरे में काइसे की लाश फर्श पर पड़ी थी और उसका गला तेज़ धार हथियार से काटा गया था / सिर पर भी तीन गहरे जख्म के निशान थे | उस घर में उस समय सिर्फ जॉन ली ही मौजूद था |

इसलिए पुलिस जॉन ली से पूछ ताछ की तो उसने बताया कि वह सो रहा था | अचानक उसे धुआँ का गंध महसूस हुआ तो भाग कर मालकिन के कमरे की ओर आया तो उसने देखा कि काइसी खून से लथपथ फर्श पर पड़ी है | उसने आग बुझाने की भी कोशिश की | तब तक पड़ोसी आ गए और फिर पुलिस भी आ गई |
पुलिस लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज देती है और घर के बाकी तीन नौकरों से भी पूछ- ताछ करती है | उन तीनों ने बताया कि वे कल इस घर में नहीं थे और जॉन ली सिर्फ उस रात घर में मौजूद था |
तभी पुलिस को ली के हाथ पर नज़र पड़ी | उसके बाएँ हाथ में कट का निशान था | पुलिस के पुछने पर जॉन ली ने बताया कि जब एना काइसे के कमरे में धुआँ भर गया था तो कमरे की खिड़की खोलने के दौरान उसके काँच से हाथ कट गया था |
लेकिन ली के ब्यान से पुलिस संतुष्ट नहीं हुई | तहक़ीक़ात में पुलिस ने पाया कि बाहर से कोई भी व्यक्ति आया नहीं और ली के अलावा कोई और घर में था ही नहीं | उसके हाथ में कट के निशान भी है | तो और किसी पर शक नहीं जाकर पुलिस को जॉन ली पर ही शक हुआ |
इसलिए अगले ही दिन पुलिस जॉन ली को अपनी ही मालकिन के कत्ल के इल्जाम में गिरफ्तार कर लिया | हालांकि जॉन ली हमेशा कहता रहा कि कत्ल उसने नहीं किया है | वह बेकसूर है |
लेकिन पुलिस आगे की कार्यवाही करते हुए उसे कोर्ट में पेश कर देती है |
उस जमाने में फोरेंसिक जांच की सुविधा नहीं थी और न ही उस जमाने में कोर्ट के फैसले के बाद अपने केस को डिफेंड करने का मौका नहीं दिया जाता था |
चार महीने के भीतर ही 1 फ़रवरी 1885 को कोर्ट की कार्यवाही शुरू हुई और यह मुकदमा सिर्फ चार दिनों तक ही चला | जिसमें पड़ोसियों और एना काइसे से जुड़े सभी लोगों से पूछताछ हुई |

एक वह ब्यान जो उसकी बहन हैरिस ने कोर्ट में दिया जिसने इस केस का रुख साफ कर दिया | उसने कोर्ट को बताया कि एक बार उसने अपनी कानों से सुना था, जिसमें उसका भाई जॉन ली कह रहा था कि एक दिन इस घर को आग लगा देगा और मालकिन को भी मार देगा |
जज ने ली से पूछा कि उसने ऐसा क्यों कहा था ?
इस पर ली ने जज को बताया कि मालकिन ने उसकी तनख्वाह कम कर दी थी, इसलिए गुस्से में कहा था , लेकिन मैंने यह कत्ल नहीं किया है |
सभी दलील सुनने के बाद कोर्ट ने 5 फ़रवरी 1885 को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि जॉन ली को गले में फंदे डाल कर फांसी की सज़ा मुकर्रर की जाती है |
हालांकि जॉन ली बार- बार कहता रहा कि मेरा भगवान सच्चाई जानता है | मैं बेकसूर हूँ | मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है | (शेष अगले भाग में ..link https://wp.me/pbyD2R-78s)

(Photo source: Google.com)
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Categories: story
बहुत ही रोचक।
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बहुत बहुत धन्यवाद डियर |
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
Good afternoon,.
The sky is the canvas of timelessness on which
time dances in colors of light and darkness.
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