# लम्हा लम्हा ज़िन्दगी #

ज़िन्दगी को खुल कर जीना है ,जब तक मौत गले ना लगे ले | ,भूल जाओ अपने दुःख दर्द को जो लोगों ने दिए है, माफ़ कर दो उन्हें |

कहाँ जाना है इस  ईगो और घमंड को लेकर …जीवन में वक़्त बहुत कम है.. पिघलते हुए आइसक्रीम का मजा लो, जब तक हाथ में है ,वर्ना दोबारा मौका नहीं देती है ज़िन्दगी |

लम्हा लम्हा ज़िन्दगी

लम्हा लम्हा सरकती जाए ज़िन्दगी

कभीं ख्वाहिसों की हदे पार करती ज़िंदगी

तो कभी तन्हाइयों में विचरती जाए ज़िंदगी

लम्हा लम्हा सरकती जाए ज़िन्दगी |

कभी मुसबितों का एहसास है ज़िंदगी

तो कभी सितारों भरी रात है ज़िन्दगी

लम्हा  लम्हा सरकती जाए ज़िन्दगी |

साल  दर  साल गुज़रती जाए ज़िन्दगी 

हांथो में रेत सी फिसलती जाए ज़िन्दगी

लम्हा  लम्हा सरकती जाए ज़िन्दगी |

कभी किसी का इंतज़ार करती ज़िन्दगी

कभी औरों के लिए बेकरार होती ज़िन्दगी

लम्हा  लम्हा सरकती जाए ज़िन्दगी |

कभी तो धुप, और कभी बरसात है ज़िन्दगी

किसी के लिए यादों की बरात है ज़िन्दगी

लम्हा  लम्हा सरकती जाए ज़िन्दगी |

कभी दुनिया के झूठ में खो जाये ज़िन्दगी

और कभी मौत से वादा निभाए ज़िन्दगी

लम्हा  लम्हा सरकती जाए ज़िन्दगी |

                  ( विजय वर्मा )

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Categories: kavita

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37 replies

  1. शायद ये ही है ज़िंदगी

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  2. बहुत अच्छा लगा पढ़कर मित्र

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  3. जिंदगी को परिभाषित करती कविता।

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  4. Kavita padh kar achha laga.

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  5. ज़िन्दगी को परखना कठिन कार्य है। पल-पल सरकती ये ज़िन्दगी हर पल नया अनुभव और नए संदेश देकर गुज़र जाती है। जिसने उस संदेश को पकड़ने में सफलता पाई उसका जीवन संवर जाता है। अन्यथा जीवन रुपी सागर में कुछ उतराते कुछ लहरों के साथ खेलते और कुछ डूबते चले जाते हैं।
    :— मोहन “मधुर”

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  6. ये आइसक्रीम वाली बात बहुत जँची। बिना किसी लाग -लपेट के सही कहा।

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  7. जी सर ,
    यह सही है कि ज़िंदगी रूपी आइसक्रीम तो पिघल ही रही है ,
    हमे उसका आनंद लेना चाहिए |

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  8. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    Good afternoon friends.

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  9. Behatareen kavita aur satya.

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  10. You are truly an artist sir

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  11. Very beautiful written by you.

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  12. Good information you provided. Thanks.

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  13. Sir, you are great writer.

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