
किसी तरह मुसीबत में रात बीती | नाचते – नाचते शिवानी थक कर चूर हो गई थी | तभी शिवेंद्र ने ड्राइवर को इशारा किया और फिर एक शानदार गाड़ी में शिवानी को वापस अकेले अपने फ्लैट में आना पड़ा | रात की घटना से शिवानी का दिल आहत था और उसे बहुत तेज़ गुस्सा आ रहा था | आज की घटना से उसे शिवेंद्र से नफरत होने लगी और उसका मन कर रहा था कि शिवेंद्र का मर्डर कर दे और खुद भी आत्महत्या कर ले |
फ्लैट में अकेले बैठी शिवानी के मन में न जाने कैसे – कैसे विचार आ रहे थे, तभी पड़ोस के फ्लैट से चीखने – चिल्लाने की आवाज़ सुनाई दी | शिवानी हड्बड़ा कर उस फ्लैट की ओर भागी | उसने पाया कि 8-10 लड़कियां उस फ्लैट में है | दो लड़कियां आपस में किसी नशीले पदार्थ के लिए झगड़ा कर रही है | शिवानी आश्चर्य से उन लोगों को देख रही थी | वहाँ कोई पुरुष नहीं था और वे लड़कियां हिन्दुस्तानी लग रही थी |

शिवानी ने उत्सुकता से उन लोगों के बारे में जानना चाहा | उन सभी की व्यथा लगभग एक समान थी, जिसे सुन कर शिवानी का दिल दहल गया | उसे यह समझते देर न लगी कि वे सभी लड़कियाँ धोखे से यहाँ दुबई में लायी गई है और उससे जिस्म का धंधा कराया जा रहा है |
वह भी तो इसी धोखे का शिकार हो गई है | उसे भी आज नहीं तो कल जिस्म के धंधे में डाल दिया जाएगा, यह सोच कर ही शिवानी का रूह काँप गया | उसे अब एहसास हो गया था कि यह तो कोई बहुत बड़ा गिरोह है, जिसके चंगुल में वे सभी फंस गई है |
गिरोह के लोग लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर यहाँ लाते है और अपने जाल में फंसा कर उससे जिस्मफ़रोशी का धंधा कराते है |
तभी शिवानी के मन में विचार आया कि वह पढ़ी लिखी है और हिम्मत हार कर बैठ जाने से तो ज़िंदगी नरक हो जाएगी | इसलिए उसे हिम्मत और अक्ल से काम लेना होगा |
शिवानी ने उन लड़कियों से धीरे -धीरे मेल-जोल बढ़ाना शुरू किया ताकि गिरोह के बारे में आवश्यक जानकारी इकट्ठा की जा सके |
शिवानी ने उन लड़कियों को आश्वस्त किया कि हम सभी जल्द ही इन लोगों के चंगुल से आज़ाद हो जाएंगे | पर इसके लिए उन सबों को बस होशियारी से काम लेना होगा और अपने मकसद को गुप्त रखना होगा | जिस तरह उसने हम सभी को धोखा दिया है हमें भी धोखे से उसे उसके अंजाम तक पहुंचाना होगा |

अब शिवानी का एक ही मकसद था कि किसी तरह इस गिरोह का खात्मा कर सके और शिवेंद्र को उसके किए की सज़ा दिला सके |
दूसरे दिन शाम को शिवेंद्र वापस फ्लैट में आया | उसके बताया कि बिज़नस के सिलसिले में वह दूसरे शहर चला गया था |
शिवानी ने भी चालाकी दिखाते हुए यह प्रकट नहीं होने दिया कि वह शिवेंद्र से नाराज़ है, इसके विपरीत वह शिवेंद्र से हंस -हंस कर बात करने लगी और ऐसा इज़हार करने लगी मानो वह इस माहौल में बहुत खुश है ।
शिवेंद्र भी उसके व्यवहार से बहुत खुश हुआ और उसके सोचा कि शिवानी पढ़ी लिखी और अंग्रेज़ी भी जानती है | उससे शिवेंद्र को इस व्यवसाय में काफी मदद मिल सकती है |
और अगर ऐसा हुआ तो एक दिन वह भी बहुत अमीर बन जाएगा | उसका खुद का धंधा होगा, आखिर कब तक दूसरों के गिरोह में काम करता रहेगा ?

कुछ ही दिनों में शिवानी उसका विश्वास जीत लेती है और उसे अपना खुद का धंधा शुरू करने के लिए उसे तैयार करती है | उसे शिवेंद्र के द्वारा ही मालूम हुआ कि placement agency की आड़ में नौकरी देने के बहाने खूबसूरत लड़कियों को जाल में फसाया जाता है | उससे मोटी रकम लेकर विदेश में नौकरी के बहाने लाया जाता है और फिर उससे वेश्यावृति करा कर उससे पैसा कमाया जाता है | इतना सब कुछ जानने के बाद वह शिवेंद्र से कहती है कि क्यों न अपना placement agency इंडिया में खोला जाये |
शिवानी के बहुत ज़ोर देने पर इंडिया में खुद का agency ऑफिस खोलने के लिए शिवेंद्र राज़ी हो जाता है | इधर, शिवानी ने सोचा कि ऑफिस खोलने के बहाने किसी तरह मुझे एक बार अपने वतन इंडिया आने का मौका मिल जाये तो फिर उसके चंगुल से आज़ाद हो जाएगी |
लेकिन शायद यह इतना आसान नहीं था | शिवेंद्र भी चालाक था और उसका वीसा अपने पास ही रख लिया था | उसने शिवानी को इंडिया आने की इजाजत नहीं दी | बल्कि उसने कहा कि तुम यहीं दुबई का काम संभालो, इंडिया का काम मैं खुद संभालूँगा | शिवानी को अपना यह प्लान फेल होता हुआ दिखाई दे रहा था |
लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और फिर दूसरे मौके की तलाश में जुट गई |
संयोग से एक दिन मॉल में ख़रीदारी करने के दौरान देखा कि एक दंपति (couple) मलयाली भाषा में बात कर रहा है | शिवानी को समझते देर न लगी कि वह व्यक्ति भी उसी की तरह केरल का रहने वाला है | उसे देख कर शिवानी खुश हो गई और जल्दी से उसके पास जाकर मलयाली भाषा में बात करने लगी | अगर विदेश में कोई अपने वतन का मिलता है तो खुशी होती है | अतः शिवानी को केरल वासी समझ कर उन्होंने कुछ देर बातें की और फिर साथ में वहाँ चाय पीने की इच्छा प्रकट की | उन्होंने एक साथ चाय भी पी |

चाय पीने के दौरान उस व्यक्ति ने बताया कि वो यही भारतीय दूतावास में काम करता है | जाते समय उसने अपना कार्ड भी शिवानी को दिया और कहा कि यहाँ कभी कोई ज़रूरत हो तो वह आ कर उससे मिल सकती है |
अब शिवानी के दिमाग में एक उथल-पुथल सी मच गई थी | दूतावास के उस कर्मचारी के माध्यम से अपने इस मुसीबत से छुटकारा पाने के बारे में विचार करने लगी | बहुत सोच विचार के बाद उसने निर्णय लिया कि वह भारतीय दूतावास के उस कर्मचारी से मिलेगी, अपनी समस्या बताएगी और उससे मदद की गुहार लगाएगी |
इस बात को कोई एक महीना बीते थे और शिवानी को मौका नहीं मिल रहा था उससे मिलने का |
संयोग से शिवेंद्र कुछ दिनों के लिए अपने धंधे के सिलसिले में इंडिया आया हुआ था और शिवानी दुबई में अकेली थी | तभी शिवानी ने इस मौके का फायदा उठाना सही समझा और दूतावास कर्मचारी से मिलने का प्रोग्राम बनाया |
चूंकि उसके पास उस व्यक्ति का दिया हुआ कार्ड था इसलिए वहाँ पहुँचने पर उस कार्ड के कारण उस व्यक्ति से तुरंत मिलने का मौका मिल गया |
शिवानी की आंखों में एक आशा की किरण पैदा हो गई जब उसने जाना कि वह व्यक्ति भारतीय दूतावास का एक बड़ा अधिकारी है | उस व्यक्ति ने शिवानी को तुरंत पहचान लिया और उससे पूछा – कैसे आना हुआ ?

तभी शिवानी ने अपने बारे में सारी बातें बताई और साथ ही शिवेंद्र और उसके गिरोह द्वारा भोली भाली लड़कियों को नौकरी के नाम पर इंडिया में फँसाने और यहाँ लाकर उससे वेश्या वृति कराने के बारे में भी बताया ।
शिवानी ने उन लोगों के चंगुल से छुटकारा दिलाने का आग्रह किया | उस आदमी ने शिवानी बातें ध्यान से सुनी और उसे भरोसा दिलाया कि उसकी पूरी मदद की जाएगी |
आगे की घटना पार्ट-3 के लिए नीचे link पर click करे..
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Good story
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Thank you dear.
I request you to go through all four episodes.
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Sure
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Stay connected, Stay happy.
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Link to episode -3 is given below. Please visit..
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Already gone through 😊
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Thank you, dear.
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कहानी की सेटिंग अच्छी है। औराई गांव केरल में भी है।
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बहुत बहुत धन्यवाद सर जी,
कोई त्रुटि होगी तो हमारी मदद करेंगे |
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कोई त्रुटि नहीं। आप बहुत अच्छी कहानियां लिखते हैं।
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जी , बहुत बहुत धन्यवाद |
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Great story and illustrations!
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Thank you so much dear.
I request you to please go through all the four episodes of this story.
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Good evening friends,
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