
Friends,
मैं जब भी सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकलता हूँ, अपने साथ रात की बची हुई रोटियाँ लेकर आता हूँ | पार्क में बहुत सारे कबूतर हमारा इंतज़ार करते रहते है और मैं उन रोटियों को छोटे -छोटे टुकड़ों में तोड़ कर उसके आगे रख देता हूँ | और कबूतर उसे खाने के लिए बस टूट पड़ते है |
यह सिलसिला करीब रोज़ ही चलता है | इसलिए उन कबूतरों से मेरी दोस्ती हो गई है | मैं मॉर्निंग वॉक करने के बाद एक खाली स्थान पर बैठ जाता हूँ और चिड़ियों और कबूतरों की गतिविधियों पर ध्यान केन्द्रित करता हूँ | इससे मुझे आंतरिक शांति महसूस होती है | यह एक तरह का मेरा meditation ही है |
वैसे भी रोज़ सुबह -सुबह मेरे कमरे के खिड़की पर ढेर सारे कबूतर आ कर मुझे नींद से जगा देते है, क्योंकि उन्हें रोज खाना और पानी देता हूँ |

मैं आज पार्क में बैठा जब कबूतरों के झुंड को निहार रहा था तो एक सफ़ेद कबूतर को मेरी निगाहें ढूंढ रही थी, क्योंकि वह आज दिख नहीं रही थी | वो बिलकुल सफ़ेद थी जिससे वो औरों से अलग दिखती थी और बहुत सुंदर लगती थी | उसका खुश हो कर झूमना और गुटर -गूँ करना अच्छा लगता था |
तभी वहाँ पर तैनात security guard ने बताया कि अभी कुछ देर पहले एक कुत्ते ने उस कबूतरी का शिकार कर लिया और वह बेचारी उस कुत्ते का निवाला बन गई |
मुझे यह जान कर बहुत आश्चर्य हुआ कि वह इतना फुर्तीला थी और कलाबाजी में एकदम उस्ताद, फिर एक साधारण कुत्ते ने उसका शिकार कैसे कर लिया ?
तभी मैंने देखा कि एक दूसरा कबूतर अपने गरदन और शरीर को ज़मीन पर रगड़ रही है,| बार -बार यह क्रिया दुहरा रही है | मुझे समझ में नहीं आया कि वह ऐसा क्यों कर रही है ? मैंने उसे वहाँ से भगाने की कोशिश की | लेकिन वह वहाँ से जैसे ही उड़ान भरी , अगले ही पल वापस ज़मीन पर गिर पड़ी | वह उड़ नहीं पा रही थी |
तभी एक कुत्ते ने उस पर झपट्टा मारा और उसको मुंह में दबाये चलता बना | शायद वह कोई रोग से ग्रसित थी और हो सकता है उस सफ़ेद वाले कबूतर भी इसी रोग का शिकार हो | हकीकत क्या है कुछ समझ नहीं आया |

मुझे बहुत चिंता सता रही थी, क्योंकि यह कोई भयंकर रोग मालूम पड़ता था | अगर यह महामारी के रूप में पक्षियों में फैल गई तो बहुत सारे पक्षी मारे जाएंगे | यह कोई अंजान virus के कारण रोग है तो इससे हम लोगों में भी संक्रमण हो सकता है | मैं पशु पक्षी के क्लिनिक से संपर्क करने की सोच रहा था |
तभी मुझे याद आया कि इसी सोसाइटी में एक वेटेरिनरी डॉक्टर भी रहते है | मैंने तुरंत Security Guard से उनका contact नंबर लिया और उस नंबर पर कॉल किया | उन्होंने जबाब में कहा — अभी मैं कोलकाता से बाहर हूँ लेकिन कल वहाँ पहुँच रहा हूँ |
मैंने उन्हें कबूतर वाली सारी बातें बताई | उन्होंने ध्यान से मेरी बातों को सुना और अपने अनुभव के आधार पर कुछ सुझाव दिये | उन्होंने फोन पर ही बताया कि यह Bird flue का लक्षण हो सकता है | अतः उसका sample लेकर Laboratory में जांच हेतु भेजना होगा |

तब तक जीतने भी पक्षी मर रहे है उसे security Guard की मदद से एक जगह गड्ढे खोद कर दफना दें | आप लोग सतर्क रहें, और उसके संपर्क में न रहें | मैं कल आ कर आगे की कार्यवाही करूंगा | (क्रमशः)
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Categories: मेरे संस्मरण
I hope the birds will be okay.
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no dear,
She was hunted by the dog as she cannot fly.
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अद्भुत! कबूतर सबसे दोस्ती नहीं करते। उनका यूं पास आना दिये गये प्यार का रिटर्न है।
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बिलकुल सही कहा मोहन |
पक्षी प्यार को महसूस करते है |
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All animals feel the sense of love and affection. Nice blog.
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Yes dear, Birds are very sensitive creatures.
I enjoy with them.
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
The best friends make the good times better
and the hard times easier.
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We have had a big outbreak of bird flu recently in the UK – many colonies have been devastated and I think more incidents of bird flu are still being reported.
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You are right sir..
This is very devastating and difficult to control..But here situation is normal.
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