The more positive thinking you do,
the more positive energy you will receive.
The same goes for negative thoughts.
You must choose them wisely.

आज सुबह मॉर्निंग वॉक के बाद मन बहुत प्रसन्न था, क्योंकि आज बहुत दिनों के बाद एक पुराने साथी से मुलाक़ात हुई थी | मैं उन्हीं के बारे सोचते हुए घर में घुसा और सामने टेबुल पर पड़े आज का अखबार उठाया ही था कि श्रीमती जी ने चाय का प्याला मेरी ओर बढ़ा दिया |
एक हाथ में चाय और दूसरी में अखबार लिए पास में पड़े कुर्सी पर बैठ गया | चाय से इलायची की खुशबू आ रही थी , जिससे चाय पीने की मेरी इच्छा प्रबल हो उठी | मैंने चाय का एक घूंट लिया और फिर अखबार पर सरासरी निगाह डाल रहा था | तभी एक खबर पर मेरी नज़र रुक गई | खबर पढ़ कर मैं चौक उठा और मेरी यादें 15 साल पहले की एक घटना पर ठहर गई | वह आज अचानक मेरे स्मृति पटल पर ताज़ा हो रही थी |
बात उन…
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