
कभी – कभी ऐसा महसूस होता है कि बाहर चारों तरफ खुशियाँ है पर मेरे अंदर नहीं | मेरा मन हमेशा किसी न किसी बात से आहत होता रहता है | ऐसा क्यों होता है, पता नहीं |
मैं तो खुश होना चाहता हूँ फिर भी उदासी आ जाती है | कुछ तो है जो अंदर ही अंदर खाए जाती है |शायद इसीलिए मेरा मन हमेशा तनहाइयों में भटकता रहता है | कुछ शब्दों को लिख कर मन को शांत करने की कोशिश है यह कविता |

भूरी आँखों वाली “वो”
जब भी मुझे प्यार से देखती है
उसकी मुस्कान मेरी दुनिया रौशन कर देती है |
काले बालों वाली “वो”
जब खिलखिलाती है ,
मेरे कानों में मृदंग बजने की ध्वनि सुनाई देती है |
घुंघराले बालों वाली “वो”
जब भी रोती है,
उसके दिल में सिसकता दर्द, मुझको उदास कर देती है |
मुस्कान बिखेरने वाली “वो”,
जब सुनी निगाहों से आसमान को घूरती है .
बादलों के बीच भूचाल सा पैदा कर देती है |
कजरारे आंखों वाली “वो”
जब रूढ़िवादी भावनाओं से घायल होती है
मेरे दिलो – दिमाग में हल चल सी पैदा कर देती है |
खुशबू बिखेरने वाली “वो”
जब लोगों के खंजर से घायल होती है
तब, मेरा मन विद्रोही बन जाता है
क्योंकि “वो” और कोई नहीं, मेरा ही अक्स होता है |

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Categories: kavita
सुंदर कविता !!
कृपया ऐसे ही शेयर करते रहे
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हौसलाफजाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद डियर |
आपलोगों के शब्द ही प्रेरणास्रोत है |
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जब खिलखिलाती है ,
मेरे कानों में मृदंग बजने की ध्वनि सुनाई देती है |
Kitna Touching lines h ye❤❤❤❤❤
Superbbb Uncle ✨✨✨✨✨✨✨✨
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Thank you so much dear.
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👏👏👏👏
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Obrigada querida
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🍀🧚♂️✨
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Olá querido,
Linda manhã aqui.
🍀🧚♂️✨
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Olá,bom dia!!!! Aqui quase indo dormir…
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Bom dia, querido. Como você está ?
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अच्छी कविता।
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बहुत बहुत धन्यवाद डिअर।
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बहुत अच्छा।
जब शब्द निकलते हैं
तो मन में तरंग उठता है
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बहुत बहुत धन्यवाद डिअर।
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Bahut sundar dil ka Kavita.
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Thank you so much dear
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Good evening
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