
कितने अजीब है हम लोग
हक़ीक़त मे कम और
तस्वीर मे ज्यादा मुसकुराते हैं |
लोग कहते है कि आनंद पूर्वक जीने के लिए जीवन में adjustment करना सीखो | बहुत कोशिश करता हूँ पर कभी – कभी सफल नहीं हो पाता हूँ | मैं परेशान हो जाता हूँ अपनों के द्वारा दिये ज़ख्मी से | अब तो ज़ख़्मों पर दवा का असर भी नहीं होता है |
कुछ दोस्तों के द्वारा सुझाए गए उपाय पर गौर फरमाया है और उस पर अमल करने की कोशिश भी कर रहा हूँ |
मुझे याद आ रहा है वो घटना जब मैं बैंक में जॉब कर रहा था | नई नौकरी थी और तनाव झेलने का अनुभव नहीं था | बैंक शाखा की मीटिंग में मुझे बॉस से अच्छी – ख़ासी डांट मिल गई थी |
फिर क्या था , उन दिनों तनाव कम करने का बस एक ही साधन था – दारू की पार्टी | हम कुछ बैंक के दोस्तों के साथ पहुँच गए दारू पीने एक “बार” में |

दारू का दौड़ चल रहा था | मनमोहन संगीत कानों में गूंज रही थी | कुछ देर में ही , मुझे शायद दारू चढ़ गई थी , और खुमारी का एहसास हो रहा था | मैं अपने सारे दुख को भूल कर आनंद के पंख लगाए आकाश में विचरण कर रहा था |
तभी एक दोस्त ने वही अपने बॉस की बात छेड़ दी और उनके द्वारा अक्सर बोले जाने वाले बातों को डायलॉग के रूप मे दोहराने लगा |
अचानक मेरा नशा काफ़ुर (गायब ) हो गया | उस बॉस की शक्ल मेरे आंखों के सामने घूमते ही फिर से मैं पुरानी वाली स्थिति में आ गया |
दारू का पैसा बेकार हो गया | मुझे बहुत तेज़ का गुस्सा आ गया और फिर उस दोस्त को जो खरी – खोटी सुनाई , उससे और भी मन खराब हो गया | मैं मन ही मन सोचने लगा कि अगर दारू भी अपना असर नहीं कर पाये तो बंदा कहाँ जाये ?
तभी मेरे एक लँगोटियां यार की बातें याद आ गई | कोशिश करो कि खुशमिज़ाज़ लोगों के आस-पास रहो |

सोचें कि आप अपने दफ्तर में काम करने वाले दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए प्रोग्राम बनाया और वहाँ पर आपके दोस्त अपने काम के प्रेशर (pressure), टेंशन (tension) और शिकायतों का पिटारा खोल कर बैठ गए हो तो आप भी बुरा महसूस करने लगते है |
और हंसना तो जैसे उड़न-छू हो जाता है | अगर आप नकारात्मक सोच रखने वालों के साथ समय बिताते हैं तो आप हंसी से और दूर होते जाते हैं |
इसलिए खुशमिज़ाज लोगों से घुल-मिल कर रहें जो आपको हंसाते हैं और आप इस तरह उनकी कंपनी (company) में खुश रह सकते हैं, आप मेरी कंपनी भी जॉइन कर सकते है |
पप्पू – यार, लड़कियों का ही अच्छा है।
शादी से पहले पापा की परी होती हैं और
शादी के बाद घर की लक्ष्मी हो जाती हैं।
गप्पू – और लड़के…?
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पप्पू – लड़कों का क्या, शादी से पहले पापा से मार खाते हैं
और शादी के बाद बीवी से।
ग्रुप में नाकारत्मक बातचीत के विषयों का कण्ट्रोल करें | अगर आप उन लोगों के ग्रुप में हैं जो शिकायतों पर ज्यादा ज़ोर देते हैं तो बातचीत के विषय को ही बदलने की कोशिश करें | अगर सब लोग अपनी नापसंद चीज़ों के बारें में बात कर रहे हैं तो आप अपनी पसंदीदा चीज़ों पर बात करें | क्योंकि एक इंसान की नेगेटिव बातें सारे पॉजिटिव माहौल को मायूस कर देती है |
खुशनुमा माहौल को वापिस लाने की कोशिश करें , चाहे आपको कोई मजाकिया किस्सा, या कोई हंसा देने वाली कहानी ही क्यों ना सुनानी पड़े |

अब ऐसा भी नहीं हैं कि आपको अपने नाखुश दोस्तों को छोड़ देना हैं | पर नए दोस्तों को बनाने की कोशिश करें जिनके साथ आप खुल के हँसते हैं और जिन्हे हंसना – हँसाना अच्छा लगता हैं | जब आप ऐसे लोगों के करीब होते हैं तो सच माने आप हंसी के करीब होते है |
आप अपने दोस्तों को जोक्स (jokes) या मज़ाकिया वीडियो भी भेज सकते हैं | ये उन्हें हंसने की प्रेरणा देते हैं और वो लोग भी आपको वापिस और मज़ेदार चीज़े भेजते हैं |
आज कल मैं कॉमेडी फिल्म देखता हूँ:
वकील – हत्या की रात तुम्हारे पति के अंतिम शब्द…?
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पत्नी – मेरा चश्मा कहां है संगीता…?
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वकील – तो इसमें मारने वाली क्या बात थी…?
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पत्नी – मेरा नाम रंजना है!
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पूरा कोर्ट खामोश...
मैं अपने दिनचर्या के कुछ समय निकाल कर कॉमेडी फिल्म को देखना हूँ | कभी – कभी जाने-माने कॉमेडी सीरियल जैसे कपिल शर्मा शो, तारेक मेहता का उल्टा चश्मा, साराभाई Vs साराभाई, देख भाई देख, का आनंद लेता हूँ और खुल कर हँसता हूँ | ऐसी बातों का स्मरण करता हूँ जो हमारे चेहरे पर हंसी लाती है |
हंसने के लिए कॉमेडी फिल्मों की कोई कमी नहीं हैं | इसलिए अपनी हंसी को महंगा न होने दें, और इसे खुल कर खर्च करें |
अपने उम्र के इस पड़ाव में भी मेरा बचपन के दिनों का ऑल टाइम फेवेरेट “टॉम एंड जेरी” को याद करता हूँ | हाथ में चाय की प्याली और प्लेट में समोसे | उसे खाते हुये “टॉम एंड जेरी “ देख कर अपने बचपन के दिनों को याद करता हूँ | अपने बचपन को ज़रा फिर से जीएं |

अपने आप पर हँसे:
अपने ऊपर हंसने की कला ही एक खुशमिज़ाज़ इंसान और एक मायूस इंसान में फर्क बताती है | अगर आप अपनी कमियों, अपनी गलतियों और अपने कुछ अटपटे पलों को हंसी में उड़ाना जानते हो तो आप पर कभी भी किसी भी परेशानी का कोई असर नहीं होगा |
जब आप खुद पर हंसना जानते हो तो आप कभी पीछे नहीं रह सकते | हर इंसान की ज़िन्दगी में हादसें, घटनाएं और दुख होते है लेकिन अपने आपको कमजोर ना पड़ने दें | जब आप अपने ऊपर हॅसने की कला जानते हैं तो आप अपने आप को ही नहीं बल्कि अपने आस-पास के लोगों को भी ये बताते है कि ये कठिन वक़्त गुज़र जायेगा |

हंसने की एक्टिंग करें
जैसे आप किसी मंत्र का जाप करते हैं ठीक उसी तरह हंसी को लाने की शुरुवात करें — हा-हा-हा (3 बार) के मंत्र से | बार-बार इसी प्रक्रिया को दोहराएं | ताकि वो बनावटी हंसी एक वास्तविक हंसी में बदल जाएं |
अपने आपके साथ बीती किसी ऐसी बात को याद करें जिसे सोचकर आपको आज भी हंसी आ जाती है | और उसी बात को अपने लाफिंग सैशन (laughing session) में याद करें और हंसी को अपनी ज़िन्दगी में आने को मजबूर कर दें |
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Categories: motivational
बहुत सुंदर और प्रेरक ब्लॉग। अपने पे हँस के जग को हंसाना सबसे बड़ा और कठिन कला है।
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बहुत बहुत धन्यवाद डिअर।
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Very nice and inspiring writing.
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Thank you so much Sir.
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
Good evening friends
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👍
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बहुत बहुत धन्यवाद |
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Thank you dear
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