
आज 21 मई है, मेरी माता जी की पुण्यतिथि। आज से 13 साल पहले, आज ही के दिन मेरी माँ हम सबों को छोड़ कर स्वर्गवासी हो गई | आज अपने स्वर्गवासी माँ को मैं अपने और सभी परिवार वालो की तरफ से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
आज जो कुछ भी हम हैं वो अपने माता पिता के आशीर्वाद एवं पुण्य-प्रताप से ही है। हमें आपके मार्गदर्शन और आशीर्वाद की हमेशा ही जरूरत रहेगी। माँ में धैर्य और अदम्य साहस था, और जिनके मार्गदर्शन से ही हम हमेशा ज़िंदगी में आगे बढ़ते रहे है |
आज प्रस्तुत है एक संस्मरण ” माँ की ममता “
इस सन्दर्भ में मुझे एक घटना याद आ रहा है | उन दिनों मैं 4 – 5 साल का रहा होऊंगा | एक बार की बात है कि बहुत वारिस हो रही थी, लगातार मूसलाधार वारिस | घर से निकलना बिलकुल बंद हो गया था | सुबह का समय और मुझे स्कूल जाना था, वो भी पैदल, क्योंकि मेरी परीक्षा चल रही थी |
उस समय मेरी माँ ने लकड़ी और कपडे की मदद से एक गुडिया बनाई | मेरे पूछने पर उन्होंने बताया – यह मुसाफिर है | मतलब, यह मुसाफिर कही जा रहा है लेकिन वारिस अधिक हो रही है तो इसे बहुत परेशानी होगी और भगवान इसे बारिश में भीगता हुआ नहीं देख सकते है, इसलिए वो वारिस बंद कर देंगे |
इतना कह कर उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतरवा दिए और मुझे वह मुसाफिर देकर कहा — इसे आँगन में लगे तुलसी के पेड़ के पास जाकर इसे खड़ा कर दो |
उन दिनों मुझे ज्यादा अक्ल तो थी नहीं .. सो मैं नंगा होकर उस मुसाफिर को बारिस में भीगते हुए वहाँ मिट्टी में खड़ा कर आया | मुझे आश्चर्य हुआ यह देख कर कि बारिस थोड़ी देर में रुक गयी | उस समय मुझे इस टोटके के परिणाम पर बड़ा आश्चर्य हुआ था | और मुझे टोटके में विश्वास हो गया था | लेकिन आज जब सोचता हूँ तो समझ नहीं आता है कि वह सब केवल इत्तेफाक था या माँ की ममता |
वह घटना जब भी मुझे याद आती है तो मेरा मन माँ के चरणों मे नतमस्तक हो जाता है और मुहँ से बस यही निकलता है –धन्य होती है माँ और धन्य होती है उनकी ममता।
मेरी प्यारी माँ…
मुझे एहसास है कि तू सदा मेरे आसपास ही रहती है, दुनिया कहती है कि तू मुझे छोड़ कर चली गई,..पर, मैं सदा अपने पास ही महसूस करता हूँ, और कठिन फैसलों में तुमसे ही तो विचार करता हूँ। मैं सदा तेरी नाम और तेरी मस्तक को ऊंचा रखा है ..माँ।
मेरा सौभाग्य है कि तुम जैसी माँ मिली, जिसने जीवन में संघर्ष कर आगे बढ़ना सिखाया.. आज जो भी हूँ, बस वही हूँ.. जैसा तूने बनाना चाहा। आपको शत शत नमन |
अब भी चलती है, जब आँधी कभी गम की
माँ की ममता मुझे बाँहों में छुपा लेती है

Categories: मेरे संस्मरण
मातृदेवीं नमस्कृताम्। 🙏🙏🙏
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शत शत नमन |
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ॐ शांति |
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ॐ शांति ॐ |
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🙏🏼🙏🏼
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माँ को सादर प्रणाम ।
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🙏🙏🙏
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माँ को शत शत नमन।
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आपको सादर नमन हमारा |
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