
वैसे तो प्रेम कभी भी, कहीं भी, और किसी से भी हो सकता है, क्योंकि यह दिल का मामला है | प्रेम में पागल इंसान इस तरह प्रेम में डूब जाते है कि उसे मान – सम्मान और अच्छा – बुरा का भी ख्याल मन में नहीं आता है |
कभी कभी तो प्रेम में पागलपन इस तरह सिर पर चढ़ कर बोलता है कि वह उसी का कत्ल कर देता है जिसके कारण उसे समाज में इज्जत – प्रतिष्ठा और ऐशों -आराम की ज़िंदगी जीने का मौका मिला है |
जी हाँ, आज एक ऐसी ही कत्ल की कहानी प्रस्तुत है | कातिल जिसका कत्ल करता है, वह उसका इतना करीबी है कि एक बार तो इस पर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है |
सही कहा गया है कि हर रिश्ते के साथ जुर्म हुआ है और हर रिश्ते ने कोई न कोई जुर्म किया है | आज के माहौल में कुछ भी नामुमकिन नहीं है |
प्रवीण तामरे नाम एक युवक बलिया के एक छोटे से गाँव से शहर आता है | अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद कर एक प्रतिष्ठित और धनवान आदमी बनने के बड़े सपने लिए उस शहर की खाक छनता है | और बहुत जल्दी उसे कामयाबी भी मिल जाती है |

वह अपनी मेहनत और लगन से कुछ ही समय में एक सफल बिज़नस मैन बन जाता है | लेकिन कहते है न कि और पैसा कमाने की चाह में इंसान खुद को मशीन बना लेता है | वह बड़ा बिज़नस मैन बनने की चाह में अपने बिज़नस को सऊदी अरब तक फैला देता है | वहाँ वह सुपर मार्केट का चेन खोलता है | अपने शहर बलिया में भी एक आलीशान होटल बनवाता है |
इस बीच उसकी शादी एक सुंदर लड़की से हो जाती है | उसका नाम दीपिका है , और जल्द ही उसका एक बेटा भी हो जाता है |
लेकिन अपने व्यवसाय के कारण प्रवीण इंडिया में कम सऊदी अरब में ज्यादा रहता है | सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था , लेकिन कहते है न कि सुख के साथ दुख का भी पहिया घूमता है | प्रवीण का बेटा जो करीब दस साल का था, वह बराबर बीमार रहने लगता है | बड़े से बड़े डॉक्टर को दिखाया गया लेकिन कोई खास फायदा नहीं हुआ |
प्रवीण तो खुद बिज़नस के सिलसिले में हमेशा व्यस्त रहता था | लेकिन पत्नी अपने इकलौते बेटे की बीमारी के कारण हमेशा परेशान रहती थी |
इसी बीच किसी ने उसे बनारस के एक पहुंचे हुए तांत्रिक, निरंजन बाबा से मिलने की सलाह दी | बाबा उस इलाके में काफी चर्चित थे | इसलिए दीपिका अपने बेटे के स्वास्थ्य ठीक होने की आशा में उस तांत्रिक से मिलने का फैसला करती है |

तांत्रिक बाबा अपने हिसाब से पुजा – पाठ और तंत्र विद्या से उस बच्चे का इलाज शुरू कर देता है | एक अच्छी बात हुई कि कुछ ही दिनों के तांत्रिक बाबा के प्रयास से उसके बेटे की स्वास्थ्य में सुधार नज़र आने लगा |
दीपिका तांत्रिक निरंजन बाबा से बहुत प्रभावित हो गई और उसे समय – समय पर बहुत सारे महंगे तोहफा और पैसे देने लगी | तांत्रिक बाबा जो एक छोटी जगह में किसी तरह गुज़ारा करता था , अब उसे पैसों की कोई कमी नहीं रहती थी |
तांत्रिक जवान था और दीपिका भी खूबसूरत थी, इसलिए बाबा का उसके प्रति आकर्षित होना कोई आश्चर्य की बात नहीं थी |
दीपिका जो साई बाबा की बहुत बड़ी भक्त थी, उसने तांत्रिक निरंजन से साई – दर्शन हेतु सिरडी चलने को कहा | निरंजन बाबा साथ चलने को तुरंत तैयार हो गया |
दीपिका और उसका बेटा नवनीत, तांत्रिक बाबा के साथ मुंबई आते है | लेकिन दीपिका अपने बेटे को, जो पूरी तरह स्वस्थ नहीं था, मुंबई में एक रिश्तेदार के यहाँ छोड़ कर बाबा के साथ सिरडी पहुँचती है |
दीपिका पुजा पाठ करने के बाद रात गुजरने के लिए एक होटल में ठहरती है | लेकिन संयोग वश, तांत्रिक बाबा उस समय शराब पी लेता है और नशे की हालत में दीपिका से नाजायज संबंध स्थापित कर लेता है | लेकिन उस समय दीपिका उसका विरोध नहीं करती है | फिर वे लोग वापस वाराणसी लौट आते है |

अब तो यह सिलसिला आगे भी चलने लगा | लेकिन जल्द ही दीपिका और उस तांत्रिक के सम्बन्धों की चर्चा दबे जुवान से होने लगती लगी | दीपिका तो बाबा पर इतना मेहरबान थी कि उसने निरंजन बाबा को अपने गाँव बलिया के पास ही एक ज़मीन दिलवाती है, जहां वह एक शानदार आश्रम बनाता है | दरअसल, आश्रम पुजा पाठ तो कम लेकिन इन दोनों के ऐश मौज के लिए ज्यादा उपयोग होता था |
लेकिन , यह बात ज्यादा दिनों तक छुपी नहीं रह सकी और एक दिन उसके पति प्रवीण तामरे के कानों तक यह बात पहुँचती है | उसे सहसा इस बात पर विश्वास नहीं होता है | क्योंकि उसकी पत्नी को धन – दौलत और इज्जत प्रतिष्ठा सब कुछ मिला था | वह उसे किसी बात की कमी नहीं होने देता था | हाँ, अपनी व्यस्तता के कारण उसे वक़्त कम दे पाता था |
प्रवीण गुस्से में सऊदी अरब से वापस आता है और दीपिका से इस बारे में सच्चाई जानना चाहता है |
लेकिन दीपिका साफ मुकरते हुए कहती है – पहले इस बात कोई सबूत तो लाओ | इस तरह पति – पत्नी के रिश्ते में दरार आना स्वाभाविक ही था | लेकिन प्रवीण इतना बड़ा बिज़नस का साम्राज्य जो स्थापित कर लिया था , इस कारण वह घर पर ज्यादा नज़र नहीं रख सकता था | लेकिन उसने मन ही मन इस रहस्य से पर्दा उठाने की ठान ली थी | वह इस काम के लिए एक प्राइवेट डिटैक्टिव की मदद लेता है |
इधर दीपिका को इस नाजायज संबंध के भेद खुलने की चिंता सताने लगती है | उसके मन में तरह – तरह के विचार उत्पन्न होने लगता है | सबसे पहली बात तो यह कि यह ऐशों आराम की ज़िंदगी से कहीं उसका पति बेदखल न कर दे | ऐसी स्थिति में पता नहीं उसे अपने बेटे को लेकर कहाँ – कहाँ भटकना पड़ेगा |

फिर ख्याल आता कि कहीं गुस्से में प्रवीण उसकी हत्या न कर दे | अब वो बहुत चिंतित रहने लगी | उसका बेटा नवनीत भी अब बड़ा हो गया था और इस नाजायज रिश्ते से वाकिफ था | उसे भी ऐश मौज की ज़िंदगी पसंद थी इसलिए वो कभी भी विरोध नहीं करता था |
एक दिन दीपिका इस समस्या को उस तांत्रिक से भी चर्चा की | पूरी बात जानकार अब तांत्रिक भी परेशान हो उठा | वो किसी भी शर्त पर दीपिका से अलग नहीं होना चाहता था | और दीपिका भी उससे नाजायज संबंध खत्म नहीं करना चाहती थी | प्रेम तो ऐसा ही होता है – अंधा और बहरा |
अब माँ, बेटा और तांत्रिक तीनों मिल कर इस समस्या से निजात पाने के उपाय सोचने लगते है (क्रमशः}
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Categories: story
Hamesha prem kahani me villain hota hai.Pravin Kya Kia dekhana padega.
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Ha Ha Ha ..very correct dear,
Every thriller story has a villain. just see, what happened ahead.
Thank you for reading.
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
Coming together is a beginning,
Keeping together is progress and
working together is success..
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