आंचलिक कथाकार.. फणीश्वर नाथ रेणु

Until you value yourself, you won’t value your time.
Until you value your time. Until you value your time,
you will not do anything with it.,

Retiredकलम

हिंदी के शीर्ष साहित्‍यकार फणीश्‍वरनाथ रेणु का इस साल जन्‍म शताब्‍दी वर्ष मनाया जा रहा है। सरकार ने उनकी जयंती पर पूरे साल भर कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी की है।

फणीश्वर नाथ ‘ रेणु ‘ का जन्म 4 मार्च 1921 कोबिहारकेअररियाजिले में फॉरबिसगंज के पास औराही हिंगना गाँव में हुआ था। उनकी शिक्षाभारतऔरनेपालमें हुई।

वे क्रांतिकारी विचारधारा के थे, इसलिए पढाई पूरी होने के बाद वे स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े । बाद में 1950 में उन्होने नेपाली क्रांतिकारी आन्दोलन में भी हिस्सा लिया जिसके परिणामस्वरुपनेपालमें जनतंत्र की स्थापना हुई ।

पटना विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के साथ छात्र संघर्ष समिति में सक्रिय रूप से भाग लिया और जयप्रकाश नारायण की सम्पूर्ण क्रांति में अहम भूमिका निभाई।

१९५२-५३ के समय वे भीषण रूप से रोगग्रस्त रहे थे जिसके बाद लेखन की ओर उनका झुकाव हुआ । उनके इस काल की…

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