
वैसे तो क्राइम करने वाले का एक पिछला रेकॉर्ड होता है,क्योंकि उसकी मानसिकता वैसी ही होती है | वो एक के बाद एक क्राइम को अंजाम देता रहता है |
कभी – कभी एक निहायत शरीफ प्रेमी पागल अपने प्यार को पाने की खातिर कुछ ऐसा क्राइम कर देता है, जिसे सुन कर अनायास ही विश्वास नहीं होता है | लेकिन जब क्राइम हुआ है तो चर्चा होना भी लाज़िमी है |
वैसे तो इश्क़ मुहब्बत करने वाले के दिल में जान देने की भावना होती है, लेकिन कभी – कभी
अपने इश्क़ को ज़िंदा रखने के लिए एक शरीफ सा दिखने वाला इंसान क्या – क्या कर सकता है, सोच कर यकीन करने को दिल नहीं करता है |
अशरफ नाम था उसका, जो मंजुला नाम की एक लड़की से इश्क़ करता था | रेलवे कालोनी खगौल में दोनों का परिवार कुछ दूरी पर रहते थे | बचपन से दोनों एक ही स्कूल में पढे , साथ खेले – कूदे और बड़े हुए | जवानी के दहलीज़ पर आते – आते दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई |

अब वे दोनों छुप – छुप कर मिला करते थे | दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे | इसलिए उन्होंने सोचा कि अब शादी कर लेनी चाहिए | लेकिन मंजुला अभी बालिग नहीं हुई थी |, इसलिए मंजुला ने अपनी माँ से दिल की बात कह दी | धीरे – धीरे आस पड़ोस को भी पता चल गया |
फिर क्या था, सभी ने एक साथ इसका विरोध शुरू कर दिया | समाज के ठेकेदार अपनी -अपनी फतवा जारी करनी शुरू कर दी | पिता को जब पता चला तो वे भी आग बबूला हो गए | पिता ने तो साफ – साफ कह दिया कि आइंदा उससे मिली तो हम भूल जाएंगे कि तुम मेरी बेटी हो |
मंजुला को एहसास हो गया कि जात – बिरादरी वाले इस रिश्ते को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे | लेकिन वे दोनों अपने दिल के हाथों मजबूर थे |
प्रेम में पागल दोनों प्रेमी किसी भी कीमत पर एक दूजे का होना चाहते थे | वे दोनों तरह -तरह के तरकीबें खोजने लगे | लेकिन सबसे बड़ी बात कि मंजुला अभी बालिग नहीं थी , ऐसे में कानूनी रूप से शादी भी नहीं कर सकते थे |
इधर अशरफ भी काफी परेशान रहता | उसे भी परिवार और समाज से हिदायत आने लगी |

सचमुच प्यार अंधा होता है | अब तो आलम यह था कि खुद के प्यार को ज़िंदा रखने के लिए दूसरों की बलि देने को भी तैयार थे | अशरफ को पता था कि वे दोनों घर से भाग कर शादी कर भी लेंगे, तो दोनों के घरवाले राज़ी नहीं होंगे | इसलिए अशरफ के दिमाग में एक खौफनाक आइडिया आया | और वो मंजुला को घर से भाग कर एक जगह मिलने के लिए राज़ी कर लिया |
गर्मी का मौसम था , दिन में तो लू चल रही थी | ऐसे में लोग – बाग दोपहर में घरों में दुबक जाते है और फिर शाम को ही घर से बाहर निकल पाते है | इसलिए मंजुला के घर वाले जब शाम में घर से बाहर चले गए तो मंजुला मौका पाकर घर से निकल गई |
पहले तो मंजुला के घर वालों ने सोचा कि वह अपनी किसी सहेली के यहाँ गई होगी और जल्द ही वापस आ जाएगी |
लेकिन मंजुला वापस घर नहीं लौटी और रात हो चुकी थी | घर वाले काफी परेशान हो उठे | उसके सहेलियों के घर भी पता किया लेकिन वो कहाँ गई , पता नहीं चला |
उन लोगों को पता था कि मंजुला का अशरफ से लफड़ा चल रहा है | इसलिए थक हार कर मंजुला के पिता अशरफ के घर पहुँच गए | वहाँ पता चला कि अशरफ भी घर में नहीं है | अब सभी के मन में आशंका हुई कि अशरफ ही उसे भागा कर ले गया है |

मंजुला के वापस लौटने की राह देखते – देखते रात के बारह बज चुके थे | अब घर वालों को एक ही रास्ता नज़र आया और उन्होंने मंजुला के गुमशुदा की रिपोर्ट पुलिस स्टेशन में लिखा दी | पुलिस के पुछने पर वे अशरफ के ऊपर भगा कर ले जाने का शक ज़ाहिर कर दिया | और यह भी कहा कि दोनों परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी करना चाहते थे |
पुलिस के लिए यह केस बिलकुल साफ था कि दोनों भाग कर कही छिप गए है और आपस में शादी करके वापस अपने घर आ जाएंगे | ऐसे मौके पर अभिभावक मजबूरी में रिश्ता स्वीकार लेते है |
पुलिस घर वालों को जल्द पता लगाने का भरोसा दिला कर उन्हें वापस घर भेज देता है |
इसी तरह दो दिन बीत जाते है लेकिन उन दोनों का कोई सुराग नहीं मिल पाता है |
लेकिन तभी पुलिस को एक सूचना मिलती है कि वहाँ से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर, जहां सुनसान और जंगल सा इलाका है , वहाँ एक लड़की की लाश पड़ी है | जंगली इलाका होने के कारण कुछ लोग अपने मवेशी चराने गए थे तभी वहाँ वे लोग उस लाश को देखा था |
पुलिस को खबर मिलते ही, वह आनन- फानन में उस जगह पहुँचती है | वहाँ वह देखती है कि सचमुच एक लड़की की लाश पड़ी है | मंजुला का जो हुलिया उसके घरवाले ने बताया था, वैसा ही कुछ मिलता जुलता कद काठी उस लाश की थी | पुलिस को शक हो जाता है कि वह लाश मंजुला की है | पुलिस तुरंत उसके घरवालों को खबर दे कर के उस जगह पर बुलाते है |

कुछ ही देर में मंजुला के घर वाले वहाँ उस जगह पर पहुँचते है और लाश की शिनाख्त करने लगते है |
लाश के चेहरे पर खून और चोट के कारण थोड़ा पहचानने में दिक्कत हो रही थी | लेकिन उसके कपड़े को देख और खास कर उसने बाएँ पैर में काला धागा बंधा देख कर अचानक दहाड़ मार कर रो पड़ते है | वे कहते है कि यह लाश मंजुला की ही है |
उसके बाद पुलिस ने उस लाश का पोस्ट मार्टम कराया , कत्ल का मामला दर्ज़ किया | और फिर मंजुला की लाश को उसके घरवालों को सौंप दिया |
अगले दिन मंजुला का रोता बिलखता परिवार उसका अंतिम संस्कार कर देता है |
इधर पुलिस में पहले तो मामला दर्ज था, घर से भागा ले जाने का | लेकिन अब उसी लड़की का कत्ल हो गया और अशरफ अब तक गायब है | इसलिए पुलिस के अनुसार इस मर्डर का पहला शक अशरफ पर ही जाता है |
लड़की हिन्दू और लड़का मुस्लिम , इस कांड के कारण इस इलाके में काफी तनाव का माहौल बन गया | दंगा भड़कने की भी आशंका थी | लोगों का गुस्सा पुलिस पर भी था | क्योंकि अगर समय पर कार्यवाही कर मंजुला का पता लगा लेती तो उसकी जान बच सकती थी | इसके कारण पुलिस पर अशरफ को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का दबाब बनने लगा | लोगों ने यहाँ तक मांग कर डाली कि अशरफ को सजाये मौत दी जाये |
आनन फानन में पुलिस की एक टीम का गठन किया गया और फिर सबसे पहले अशरफ के घर वालों से पूछताछ होने लगी | और फिर पुलिस महकमा ने अपने सारे तंत्र खोल दिये और अशरफ के सभी दोस्तों को एक – एक कर उठाना शुरू किया |
इस तरह करीब 50 दोस्तों से पूछताछ की | लेकिन इसमें पुलिस को कोई खास ठोस सफलता या उसके बारे में जानकारी नहीं मिल नहीं सकी थी | तभी एक सब्ज़ीवाले ने जो अशरफ के घर के पास ही ठेला लगाता था और अशरफ से अच्छी ख़ासी दोस्ती थी, पुलिस को कुछ जानकारी दी |
उसने अनुमान लगा कर कहा कि अशरफ मनेर इलाके में कहीं हो सकता है | क्योंकि वारदात के दो दिन पहले मनेर में एक दोस्त, अशरफी मियां के घर जाने की बात कह रहा था |

पुलिस के पास कोई और सबूत और सुराग तो था नहीं | इसी बात के सहारे पुलिस ने अंधेरे में तीर छोड़ा और अपनी टीम लेकर मनेर में धावा बोल दिया | पुलिस सादी वर्दी में उस घर पर पहुँचती है ताकि अशरफ को कोई शक न हो और वह भागने में सफल न हो जाये |
मैं ज़िंदा हूँ
पुलिस उस घर के दरवाजे की घंटी बजाती है, जहां से अशरफ की मिलने की उम्मीद थी |
घंटी बजते ही दरवाजा खुलता है |
पुलिस भौचक्का रह जाती है, मानो उसके पैरो तले ज़मीन खिसक गई हो |
सामने अशरफ की जगह एक लड़की खड़ी थी | वह और कोई नहीं बल्कि खुद मंजुला थी | क्योंकि पुलिस के रेकॉर्ड में जो उसका हुलिया नोट कराया था उससे मंजुला का शक्ल हु -ब -हु मिल रही थी |
वो मंजुला, जिसकी लाश को पुलिस ने जंगल से उठाया था और जिसका पोस्ट-मार्टम करने के बाद अंतिम संस्कार अपनी मौजूदगी में कराया था | वही मंजुला सामने खड़ी थी |
(शेष अगले भाग -2 मे )
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रोचक और सस्पेंस से भरपूर।
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बहुत बहुत धन्यवाद डियर |
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Kahani love,murder,suspense hai.Bahut Badhia. Ending baaki hai.
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Thank you dear ..
2nd part kaa link usi ke niche hai .
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Good afternoon friends
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