Failure, mistakes, rejection , they need to exist,
so that they can push you to the next level,
So don’t hate them … Thank them.

बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो सामने कुछ और पीठ पीछे कुछ और होते हैं। ये लोग आपके सामने अपना असली स्वभाव पेश नहीं करते, जिसकी वजह से हम उनका असली चेहरा नहीं देख पाते है | वो दोहरी ज़िन्दगी जीते है |
ठीक इसके उलटा कुछ लोग ऐसे होते है जो खुद के लिए दोहरी जिन्दगी जीते हैं, वे आसपास के लोगों के सामने तो खुशमिजाज या बेफिक्र दिखने की कोशिश करते है | लेकिन असल में होते उससे ठीक उलट है। उनके अन्दर हमेशा ही विचारो की जंग छिड़ी रहती है |
उसी अंतर्द्वंद को शब्दों के माध्यम से कहने की कोशिश है यह कविता —

दोहरी ज़िन्दगी
मैं अपने जिस्म में दो इंसान लिए फिरता हूँ
एक को गोरा तो दूजा को काला कहता हूँ
एक तो बेहदमासूम, इमानदार, दिलदार भोला भला
दूजे को एक दम निखट्टू ,बेईमान, लालची, महसूस करता हूँ ..
एक को कभी…
View original post 123 more words
Categories: Uncategorized
Failure, mistakes, rejection , they need to exist,
so that they can push you to the next level,
So don’t hate them … Thank them
LikeLiked by 1 person
Thanks for sharing your feelings.
LikeLike
You’re welcome 😊
LikeLiked by 1 person
Good evening dear.
Stay connected. Stay blessed.
LikeLike