
पांचवा दिन
दोस्तों, चार दिनों का सिंगापुर भ्रमण कल पूरा कर लिया था और आज हमलोग को यहाँ से मलेशिया के लिए प्रस्थान करना था | हालांकि सिंगापुर में अभी और घुमने का मन था लेकिन पहल्रे से तय किये प्रोग्राम के अनुसार ही यात्रा का लुफ्त उठाना था |
मैं होटल के कमरे में चाय पीते हुए भगवान् को धन्यवाद अदा कर रहा था कि इतना घुमने और थकान के बावजूद भी हमलोग बिलकुल स्वस्थ थे | मौसम भी बड़ा सुहाना था, आप यूँ समझे कि सचमुच हमलोग का पैसा वसूल हो गया |
चाय समाप्त कर हमलोग जल्दी – ज़ल्दी अपना सामान पैक कर रहे थे, तभी राजेश जी कमरे में आये और सूचित किया कि हमारी गाड़ी आ गयी है | हमलोग तैयार होकर ब्रेकफास्ट किए और फिर होटल से चेक आउट कर गाड़ी मैं बैठ गए | फिर यहाँ से हमलोग को बस स्टेशन ( कोच स्टेशन) छोड़ दिया गया |

कुआलालंपुर की सैर
कोच स्टेशन पर हमलोग दूसरी बस का इंतज़ार कर रहे थे, जिससे कुआलालंपुर जाना था | लगभग आधा घंटे तक इंतज़ार करने के बाद एक बहुत ही खुबसूरत बस पर हमलोग सवार हुए | काफी आरामदायक बस थी और साथ में हमारा गाइड भी था |
पहली बार एक देश से दुसरे देश में बस के द्वारा सफ़र कर रहे थे | रास्ते में सिंगापुर की खूबसूरती को निहारते हुए हमलोग मलेशिया के सरहद पर आ गए |
यहाँ पर वीसा पासपोर्ट की जांच की गयी और फिर हमलोग कुआलालंपुर के लिए प्रस्थान कर चुके थे | मलेशिया के रास्तों पर भी काफी हरियाली दिख रही थी | इसलिए हमलोग रास्ते भर प्राकृतिक खूबसूरती का मजा लेते रहे और शाम के करीब चार बजे हम सभी कुआलालंपुर के एक खुबसूरत होटल में पहुंचे और फिर चेन इन किये |

इस्ताना निगारा
वैसे आज हमलोग को होटल में ही आराम करना था | लेकिन इतना यात्रा करने के बावजूद हमलोग को थकान नहीं लग रहा था | इसलिए यहाँ के खुबसूरत शाम का मज़ा लेने के लिए हमलोग तैयार होकर आस पास की जगहों को देखने निकल पड़े |
इस शहर को जानने के लिए सबसे पहले हम पहुंचे – इस्ताना निगारा | जैसे हमारे दिल्ली में Connaught place है वैसे ही कुआलालंपुर का यह जगह है | सचमुच यह बेहद खुबसूरत था | भीड़ – भाड से दूर, बड़ा सा मैदान और खुला आकाश , सचमुच शाम का नज़ारा देखते ही बनता था |
मुझे महसूस हुआ कि कुआलालंपुर शहर में सड़कों का जाल बिछा हुआ था । सब कुछ इतना सुनियोजित था कि हमलोग को घुमने में कोई दिक्कत नहीं हो रही थी |
गाइड ने बताया कि इस्ताना निगारा, मलेशिया के राजा के रहने का स्थान है । सचमुच, यहाँ का काफी खुबसूरत नज़ारा था | शाम के वक़्त में इसकी खूबसूरती और भी बढ़ गयी थी |

ट्विन – टावर
हमलोग करीब एक घंटा यहाँ बिताने के बाद थोड़ी दूर में ही स्थित इस शहर की पहचान “पेट्रोनस जुड़वा मीनार” पहुँच गए | इसे ट्विन – टावर के नाम से भी जाना जाता है | शाम ढल चुकी थी और चारो तरफ लाइट से सुसज्जित यह ट्विन – टावर काफी सुन्दर दिख रहा था |
यह कहा जाता है कि 1998 से 2004 तक यह दुनिया का सबसे ऊँचा टावर था | हालाँकि जब हम ट्विन – टावर की बात करते है तो यह आज भी दुनिया का सबसे ऊँचा ट्विन – टावर है | इसे 1993 में शुरू की गयी थी और 1996 में यह बन कर तैयार हो गया था | लेकिन आम जनता के लिए इसे खोला गया था 1999 में |
इसकी कुल उचाईं 409 मीटर्स और यह 88 मंजिला है | इसमें बड़े बड़े कंपनी के ऑफिस मौजूद है | इसके अलावा इसमें एक खुबसूरत शौपिंग मॉल भी है | जो बहुत ही भव्य है और घुमने में बहुत मजा आ रहा था | इस टावर से पूरा कुआलालम्पुर शहर दिखाई पड़ता है |
ट्विन – टावर की खासियत है कि दोनों टावर को दो मंजिला ब्रिज से जोड़ा गया है जो 41th मंजिल पर स्थित है |

पेट्रोनस टॉवर्स के पास ही कुआलालम्पुर सिटी सेन्टर पार्क बनाया गया है, जिसमें 1900 से ज्यादा पॉम के पेड़ लगाए गए हैं। जो रात के समय रौशनी में बेहद खुबसूरत लग रहा था |

अंडरवाटर एक्वेरियम
इसके अलावा यहाँ पर पाँच हजार स्के.फुट में फैले एक अंडरवाटर एक्वेरियम भी था | इसमें तरह तरह की मछलियाँ थी । इसमें एक 90 मीटर की टनल भी था , जिसमें ऐसा एहसास हो रहा था कि जैसे कि हमलोग समुद्र के भीतर से ही इन्हें देख रहे हैं ।
इस तरह घूमते हुए समय का पता ही नहीं चला और रात के दस बज चुके थे | हमलोग वापस होटल आ गए | इस तरह आज पांचवा दिन भी खूब मौज मस्ती में बिता |
इन यादगार पलों को हमलोगों अपने कैमरे में कैद करते गए , जिसे आपलोगों के लिए यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ | मुझे आशा है यह ब्लॉग आपको पसंद आया होगा | कृपया अपनी प्रतिक्रिया ज़रूर दें, मुझे ख़ुशी होगी | (क्रमशः)
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Categories: Tour & Travel
Lindos demais ✨🙏🌺
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Muito obrigado querido.
Isso é sobre a turnê na Malásia.🙏🌺
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Lugar maravilhoso 🤩
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sim querido,
esse foi um passeio memorável.
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पढ़ कर अच्छा लगा।
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बहुत बहुत धन्यवाद डिअर ।
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Behad khubsurat yaatra aur tasveeren.
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Yes, dear, we had enjoyed that journey a lot.
thanks for your appreciation..🙏
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You are always welcome Verma ji
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Stay happy..
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Thanks for your ashirwaad.
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Stay blessed always
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I wish the same for you. May Eishwar Allah bless you with Peace and all the good things of life.
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Beautiful journey. Presented by you nicely.
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Thank you dear..
Journey is memorable.. I guess you enjoyed all the 7 episode..
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
Feelings are the most delicate things in life,
when any one truly shows to you, never hurt them
because a great saying says .. today it is me, tomorrow it is you.
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