
चौथा दिन
कल का सिंगापुर भ्रमणं बहुत ही मजेदार था लेकिन हमलोग इतना थक चुके थे कि घोडा बेच कर सुबह तक सोते रहे | हालाँकि आज सिंगापुर में हमारा अंतिम दिन था और हमलोगों के बहुत सारे destination देखने बाकी रह गए थे |
अचानक फ़ोन की घंटी बज उठी और लगातार बजे जा रही थी | हमने हडबडा कर घडी की ओर देखा तो दिन के नौ बज चुके थे और हमलोग अभी तक सो रहे थे | उधर से फ़ोन पर टूर गाइड था जो कह रहा था कि 9.00 बजे प्रस्थान करना है, लेकिन हमलोग तो अब तक सो रहे थे |

होटल का रेस्तरां
आधा घंटा का मोहलत लेकर हम सभी जल्दी – जल्दी तैयार होकर ब्रेकफास्ट के लिए होटल के रेस्तरां में आ गए | हमें ज़ल्दी प्रस्थान करना था इसलिए थोड़े समय में ही ब्रेकफास्ट लेना था | लेकिन इतने तरह के व्यंजन को देख कर उसका लुफ्त भला कैसे नहीं उठाते ? इस तरह हमारे कारण पुरे एक घंटे देर से यात्रा शुरू हो सकी | हालांकि हमारे साथी राजेश जी और उनकी फॅमिली ने कोई शिकायत नहीं की | सभी लोग खुश नज़र आ रहे थे |
आज के प्रोग्राम का पहला ठिकाना मर्लिओन पार्क था |
हमलोग को घुमाने के लिए आज एक मिनी बस आया था और साथ में टूर गाइड भी था | हमारी गाड़ी सड़क पर दौड़ रही थी और हमलोग खिड़की से सुन्दर शहर और आस पास के सुन्दर दृश्यों का मजा ले रहे थे |
साथ में गाइड का commentary भी चालू था | उन्होंने बताया कि सिंगापुर एक छोटा आइलैंड है जिसका एरिया सिर्फ ७२१ स्कवायर किलोमीटर है | ५० से ६० किलोमीटर में ही पुरे सिंगापुर को cover किया जा सकता है | इसका मतलब सिंगापुर हमारी दिल्ली से भी छोटा है |
सिंगापुर एक सिटी होने के साथ साथ देश भी है और एक आइलैंड भी है | एक ख़ास बात यह कि इसका कोई कैपिटल भी नहीं है | यहाँ सबसे ज्यादा ३४% बौद्ध धर्म को मानते है, हालाँकि यहाँ हिन्दू, मुस्लिम और क्रिस्चियन समुदायों लोग भी रहते है |
दर्शनीय स्थलों को देखने और खरीदारी करने से लेकर खान-पान और मनोरंजन तक यहाँ , सिंगापुर में सब कुछ है। पूरब और पश्चिम की सभ्यता को अपने में संजोने वाला, सिंगापुर विविध संस्कृतियों का संगम है।


मर्लिओन की अनूठी प्रतिमा
इस तरह साईट सीन का मजा लेते हुए हमलोग मर्लिओन पार्क आ गये | यहाँ का मर्लिओन की अनूठी प्रतिमा सिंगापुर का गौरव समझा जाता है | लगभग नौ मीटर की ऊंचाई पर खड़ी मर्लिओन की अनूठी प्रतिमा एक ऐसी पौराणिक रचना है जिसका सिर सिंह का और शरीर मछली का है । सिंगापुर का ट्रेडमार्क, मर्लिओन इस शहर को मछुआरों के गांव की सादगी के रूप में दर्शाता है।
मौसम भी बहुत अच्छा था और ज्यादा गर्मी भी नहीं थी | हमलोग कल भी यहाँ थोड़ी देर के लिए आये थे लेकिन आज फिर से यहाँ आने का मुख्य कारण था कि आज हमलोगों को आस पास के destination को देखना था | यह जगह फोटोग्राफी के लिए मुझे बहुत खुबसूरत लग रहा था |


सिंगापुर फ्लायर
मर्लिओन पार्क में कुछ देर बिताने के बाद हमलोग पास में ही स्थित Singapore flyer आ गए, इसे Singapore का झुला भी कहा जाता है | यह जगह तोमुझे और अधिक खुबसूरत लग रहा था | हम सभीलोग टिकट लेने के बाद इस झुला पर बैठ कर मजा लेने लगे | अरे, वाह , यहाँ से तो पूरा Singapore ही दिखाई दे रहा था | हमलोग एक शीशे के capsule में बैठे थे |
हमें बताया गया कि यह विश्व के सबसे ऊंचे फेरिस व्हील, सिंगापुर फ्लायर है | 28 एयर-कंडीशंड कैप्सूलों वाले सिंगापुर फ्लायर से शहर का 360 डिग्री दृश्य और इसके मशहूर दर्शनीय स्थलों को देखा जा सकता है। सिंगापुर फ्लायर की सवारी 30 मिनट की थी | सचमुच सूर्यास्त के समय इस पर बैठ कर घूमते हुए अद्भुत् नज़ारा दिख रहा था | हमलोग काफी उचाई पर थे जहाँ से पूरा सिंगापुर दिख रहा था | आज इस शहर में अपनी अंतिम दिन का भरपूर लुत्फ़ उठाने का मौका मिल रहा था |

लिटिल इंडिया
आज चूँकि Singapore में अंतिम दिन था इसलिए यहाँ के मॉल को देखने और वहाँ से कुछ खरीदारी का भी प्रोग्राम था |
मर्लिओन पार्क और सिंगापुर फ्लायेर में हमलोगों ने खूब मजे किये और खून फोटो शूट भी हुआ | अब शाम हो चुके थे, इसलिए का अगला ठिकाना “लिटिल इंडिया” घुमने का था | हमलोगों को बताया गया कि लिटिल इंडिया नाम से मेट्रो स्टेशन भी है , इसलिए हमलोग यहाँ के मेट्रो में भी घुमने का मजा लेना चाहते थे | हमलोग मेट्रो का सफ़र करते हुए लिटिल इंडिया स्टेशन पहुँच गए |
हमें बताया गया कि जो भारतीय लिटिल इंडिया से दूर रहते है वे अपनी घरेलू ज़रूरतों की खरीदारी करते हुए, यहाँ आमतौर पर दिख जाते है | सिंगापुर में कुल आबादी का 9.2 फीसदी हिस्सा भारतीय समुदाय का है | भारतीय लोग सिंगापुर में 19वी सदी की शुरुआत से यहाँ आकर बसना शुरू हो गए थे |.
मुझे यह जगह देखना काफी दिलचस्प लगा क्योंकि इस लिटिल इंडिया में भारतीय शैली के खान-पान की चीजों की कोई कमी नहीं थी | .डोसा, इडली, समोसा और कड़क चाय हर रेस्टोरेंट पर मिल मिल रही थी | यहाँ मुझे भारत में स्थित कई मशहूर होटल की शाखा भी यहाँ दिख रहे थे | हमलोगों एक रेस्तौरा में समोसा और देसी चाय का लुफ्त भी उठाया |

मुझे यहाँ यह एहसास हो रहा था कि भारत छोड़ कर बेशक यहाँ लोग सालो से रह रहे है पर वे अपनी भारतीयता नहीं छोड़ पाए है. भारतीय महिलाओं का पारंपरिक पहनावा साड़ी यहां देखने को मिला |इसके अलावा कुछ भारतीय लोग धोती पहने भी नज़र आ रहे थे| शायद दक्षिण भारत के लोग यहाँ ज्यादा की संख्या में है |
यहाँ भारत के स्वर्णकार की बड़ी बड़ी दुकानें भी हैं, और हम भारतीय अपने देश ले जाने के लिए सोने का आभूषण बड़े चाव से खरीद रहे थे | शायद यहाँ सोना सस्ता मिलता है |
सचमुच, यह अपना देश न होते हुए भी अपने देश जैसा ही माहौल विदेश मे मिल जाए,तो आश्चर्य होना तो लाज़मी है |


महिलाओ के श्रृंगार का सारा सामान लिटिल इंडिया में मिल रहा था| बिंदी से लेकर नए डिजाइन की साड़ियां तक यहाँ उपलब्ध थी |.
इस लिटिल इंडिया में भारत में मिलने वाली हर चीज़ उपलब्ध थी, — ताज़ा सब्जियों से लेकर अखबार तक | हाँ, इनके दाम जरूर कुछ मंहगे थे क्योंकि यह अमीरों का शहर जो है |
जहां भारतीय होंगे वहां भारतीय फिल्मों का होना तो लाज़मी ही है | गाइड ने बताया कि सिंगापुर में भारत की फिल्में शूट होती रहती है | अक्षय कुमार की कॉमेडी फिल्म ‘दे दाना दन’ और रितिक रोशन की ‘क्रिश ही शूटिंग इस सिटी में हुई थी | इतना ही नहीं यहाँ मॉल में स्थित मल्टीप्लेक्स में भी हिंदी फिल्म दिखाया जा रहा था |
इस इलाके का एक और मुख्य आकर्षण था , यहाँ का विशाल मॉल जो दिन रात खुला रहता है | यहाँ इस मॉल में जो भारतीय कंपनियों से लेकर विदेशी कंपनियों का ब्रांडेड सामान भी था और वह भी उचित दाम पर | शायद इसीलिए सिंगापुर आने वाले ज्यादातर सैलानी समय और पैसा बचाने के लिए इसी मॉल में शौपिंग करते है | सचमुच यह जगह अपनी नाम के अनुसार सिंगापूर में इंडिया का एहसास करा रहा था | ऐसा लग रहा था कि हमलोग इंडिया में आ गए है | यह भारतीय संस्कृति की गहरी छाप छोड़ चुकी है | यहाँ चारो तरफ इंडियन लोग दिखाई पड़ रहे थे |
यहाँ की खूबसूरती को स्मृति में समेटे हुए आज के अंतिम दिन की यात्रा यही समाप्त कर हम सभी होटल वापस आ गए | (क्रमश )
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Categories: Tour & Travel
Wah beautiful और बहुत ही लाजवाब ब्लॉग बहुत ध्यान से मैं पढ़ रही हूँ
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जी, बहुत बहुत धन्यवाद |
मुझे ख़ुशी होती है जब कोई ब्लॉग पढ़ कर अपनी प्रतिक्रिया देता है |
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Apke har blog bahut sunder or achhe lagte ha bilkul Apki tarh samay milne se ar jarue padta hu me comts nahi kar pata hu job me time nahi milta ha sir aap likhte rahiye thank you for sharing with me.
Dilip bhabar
From indore.।।
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Thank you so much dear .. I am happy to know that you love me so much.
I promise you to visit Indore very soon to see you all.
Stay connected dear..
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Wow amazing
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Thank you so much dear..
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No answar
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It is your Greatness..
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रोचक यात्रा प्रसंग। पढ़ कर अच्छा लगा।
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बहुत बहुत धन्यवाद |
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These are amazing photographs Verma ji. Just beautiful. Keep up the good work.
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Thank you so much dear ..
I am trying to recollect my old memories with photographs..
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All the best then.
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Thanks again and keep guiding me..🙏
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That’s what friends are for.
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That is true…
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Beautiful blog dear sir
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Thank you so much sir..
Your words boost my confidence to write better.
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
दुनिया मे कोई भी चीज़ कितनी भी कीमती क्यों न हो ,
परंतु, नींद, शांति, और आनंद से बढ़ कर कुछ भी नहीं |
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