जीवन एक संगीत है, इसे गुनगुनाते रहिए ,
हालात जैसे भी हों , हमेशा मुस्कुराते रहिये ||
हमेशा खुश रहे, मस्त रहें ..

कभी-2 इंसान अपनी इच्छाओं को मार कर जीने को मजबूर हो जाता है | अपने अभावों को संतुलित करते-करते वह इतना थक जाता है कि उसे अपनी आधी अधूरी ज़िन्दगी से घबराहट महसूस होने लगती है |
अच्छे दिनों के आस में और किसी की तलाश में बस ज़िन्दगी घिसट घिसट कर चलती जाती है |
जब अपनी जिंदगी के बीते गुजरे समय को वह याद करता है, तो मन में बहुत तरह के सवाल उठने लगते है जिसका उत्तर खोजने की कोशिश में वह लगा रहता है |
फिर एक वक्त वो आता है जब उसकी अधूरी इच्छा पूरी होती नज़र आती है और तब जिदगी के सारे सवालों का ज़बाब वह पा लेता है ..यह कविता उन्ही भावनाओं को समर्पित है |

आधी अधूरी ज़िन्दगी
आधी जमीं थी और आधा ही आसमान था
कांटो से भरे थे रास्ते और खुद से भी परेशान था
तुझे पाने की ख्वाहिश…
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