आज सारी सृष्टि है जिसकी शरण में ,
सभी नमन है उन महादेव के चरण में …आप सभी को महा शिवरात्रि की हार्दिक बधाई ..
ॐ नमः शिवाय ||

एक दिन मैंने खुद से ही प्रश्न कर डाला कि मैं लिखता क्यों हूँ? सचमुच मेरे लिए इसका उत्तर आसान नहीं था | तभी मेरे मन के किसी कोने से आवाज़ आई –
जब मैं अपने अन्दर की भावनाओ को व्यक्त करने के लिए व्याकुल हो उठता हूँ तो उसकी अभिव्यक्ति कागज़ के पन्नो पर शब्दों के रूप में होती है जिससे मुझे असीम शांति मिलती है | …
मेरे वही शब्द कभी कभी कविता का रूप ले लेते है | आज उन्ही शब्दों के माध्यम से प्रस्तुत है …..”मैं लिखता क्यों हूँ ” ?
मैं रोज़ लिखता क्यों हूँ ?
दिल और दिमाग में एक द्वंद है
मेरी भाषा कही गद्य कहीं छंद है
कभी सपनो को जीता हूँ
कभी गम को पीता हूँ
मैं रोज ही लिखता हूँ
पर लेखक नहीं दीखता हूँ
इसे कोई पढता है
कोई नहीं भी पढता है
फिर भी मैं लिखता हूँ
हाँ…
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Wow very amazing poem🙏
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Thanks for your words of appreciation..
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Har har har mahadev 🌹🙏🌹
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Har har mahadev 🕉️
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आप और आपके पुरे परिवार को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं /
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Apko aur apke parivar ko bhi Maha shivratri ki bhadhai!!
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Stay blessed..
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आप और आपके पुरे परिवार को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं /
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आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएं 🌹🙏
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आप खुश रहे , स्वस्थ रहे और लिखती रहें |
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Bhut hi achi kavita he 👏🏻👏🏻🙌🏻
Yeh kavita sabhi writers k mann ki baat ache se batati he
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यह सच है कि अपने एहसास को व्यक्त किया गया है |
पसंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद |
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