#खुश रहने का मंत्र#

अजनबी शहर के अजनबी रास्ते,

मेरी त न्हाई पर मुस्कुराते रहे,

मैं बहुत देर तक यूं ही चलता रहा,

तुम बहुत देर तक याद आते रहे

ज़हर मिलता रहा, ज़हर पीते रहे,

रोज़ मरते रहे, रोज़ जीते रहे,

ज़िंदगी भी हमें आज़माती रही,

और हम भी उसे आज़माते रहे |

दोस्तों ,

हमारे  दिमाग में हमेशा कुछ न कुछ विचार चलते रहते है | यह मानव मस्तिष्क  की साधारण प्रक्रिया है | और यह भी सच है कि ज्यादातर नकारात्मक विचार ही मन में आते रहते है | कभी कभी तो इस नकारात्मक विचारो के कारण, हम यूँ ही परेशान हो उठते है |

कहने का मतलब कि हमें नकारात्मक विचारों से छुटकारा पाना होगा और उसकी जगह सकारात्मक विचारों के लिए मन में  जगह बनाना होगा | हालाँकि  यह इतना आसान भी नहीं है , लेकिन कुछ छोटे मोटे  उपाय से यह संभव है |

जैसा कि हम जानते है कि सकारात्मक सोंच एक शक्ति है, एक शस्त्र है, जो भगवान् ने हमें दिया है |  इसका प्रयोग कर हम बड़े से बड़े युद्ध  में भी विजय प्राप्त कर सकते है |  हर इंसान के जीवन में कई तरह की परेशानियाँ आती है | लेकिन अपनी सकारात्मक सोच की मदद से उन सभी कठिनाई से पार पाया जा सकता है |

सकारात्मक विचार हमें अच्छी सोच और अच्छे विचार की ओर ले जाते है, जबकि नकारात्मक सोच  हमें गलत रास्तों की ओर मोड़ देते है |

उदासियों की वजह तो बहुत है इस दुनिया में
पर बेवजह मुस्कुराने की बात ही कुछ और है

इसी सन्दर्भ में यहाँ एक कहानी को उधृत करना चाहता हूँ .–.

एक लडकी थी जिसका नाम आफरीन था | यह दिखने में बेहद खुबसूरत तो थी ही,  वो एक धनवान  घर में पैदा हुई थी |  उसके पास किसी भी चीज़ की कमी नहीं थी | धन – दौलत और ऐशो-आराम  की कोई कमी नहीं थी | वह अपनी पढाई भी पूरी कर चुकी थी | उसके आस – पास के लोग और सहेलियां भीतर ही भीतर उससे जलती थी , क्योंकि  आफरीन के पास सुन्दरता थी, वह पढ़ी लिखी थी, और रईस ज़िन्दगी थी और क्या चाहिए इंसान को ?

लेकिन फिर भी आफरीन अपनी ज़िन्दगी से खुश नहीं थी, वह हमेशा मायूस रहती थी | उसे खुद ही पता नहीं था कि वह दुखी क्यों है ? लेकिन उसे हमेशा लगता कि उसकी ज़िन्दगी में कुछ कमी है, उसके सोच नकारात्मक हो चुके थे | हर बात में उसे कमी नज़र आती थी |

कुछ ही दिनों में में वह  डिप्रेशन (depression) की शिकार हो गयी | उसे लगता था कि मेरे जीने का कोई  उद्देश्य ही नहीं है | उसके अन्दर आत्महत्या जैसे विचार आने लगे | तभी एक दिन वह अपनी एक महँगी गाड़ी में बैठ कर बिना किसी को कुछ बताये घर से अकेले निकल पड़ी |

वह गाड़ी को बेतहासा दौड़ाते  हुए घाटी  की ओर जा रही थी |  मन ही मन सोच रही थी कि वह गाड़ी के साथ ही घाटी  के ऊपर से छलांग लगा देगी  और अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेगी |  जितनी तेजी से उसके मन में मरने के विचार उठ रहे थे, उससे ज्यादा तेज़ रफ़्तार उसकी गाड़ी की थी |

अचानक उसने देखा कि एक बुज़ुर्ग सड़क के बीचो-बीच खड़ा है और वे कुत्तों को रोटी खिला रहे है | वह जोर – जोर से हॉर्न बजाने लगी  ताकि वो बुजुर्ग रास्ता छोड़ दे और उसे जाने दे | लेकिन उस बुजुर्ग ने हाथ के इशारे से कहा – बेटा थोडा सब्र करो और फिर वे उन जानवरों को रोटी खिलाने में व्यस्त हो गए |  

आफरीन ने देखा कि वो बुजुर्ग बहुत खुश नज़र आ रहे है और कुछ गुनगुनाते हुए कुत्तो  को अपने हाथों से खाना खिला रहे है जैसे कि वे कुत्ते उनके परिवार के हो |

आफरीन को यह देख कर अच्छा लगा और वो अपने गाडी से उतर कर बुजुर्ग के पास पहुँच गयी |  वह  बुजुर्ग की तरफ देखते हुए बोली – चाचा जान ! आप इतने खुश क्यों है ? आपकी ख़ुशी का राज क्या है ?

उस बुजुर्ग ने पूछा – क्या तुम सचमुच जानना चाहती हो कि मेरी ख़ुशी का कारण क्या है ?

हाँ, मैं जानना चाहती हूँ |

वो बुज़ुर्ग आफरीन को  सड़क के किनारे एक चाय  की दूकान में ले कर आये | वहाँ उन्होंने दो कप चाय का आर्डर  दिया और फिर अपनी बात जारी रखते हुए कहा – अगर तुम मुझे दो महिना पहले मिली होती तो पाती  कि मैं दुनिया का सबसे दुखी इंसान हूँ |

कुछ दिन पहले मेरा इकलौता बेटा विदेश से पढाई पूरी कर सात सालों बाद मेरे पास आया था लेकिन अचानक उसे कोरोना हो  गया | मैंने  बहुत पैसे खर्च किये लेकिन उसे बचा नहीं  सका और वो मेरा जवान बेटा इस बुजुर्ग के सामने दम तोड़ दिया |

इतना ही नहीं, मेरी पत्नी अपने बेटे के मौत का गम को बर्दास्त नहीं कर पायी और 15 दिनों में ही वो भी चल बसी | मेरे ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा |  अब मैं बिलकुल अकेला हो गया था | अब मेरे जीने की कोई वजह नहीं बची थी |

मैं धीरे धीरे डिप्रेशन (depression) में चला गया और आत्महत्या के ख्याल बार बार मन में  उठने लगे | एक दिन बहुत बारिस  हो रही थी और मैं घर की ओर आ रहा था | तभी मैंने देखा कि एक कुत्ते का बच्चा मेरे पीछे पीछे आ रहा है | मैं उससे पीछा छुड़ाने के लिए तेज़ कदमो से घर में आकर बाहर का गेट बंद कर लिया ताकि वो  जानवर घर में न आ जाए |

करीब  आधी रात को मैंने उस  पिल्लै की रोने की आवाज़ सुनी | मैंने खिड़की से झांक कर देखा तो वह पिल्ला  मेरे घर के  बाहर ठंढ से काप रहा था  | पता  नहीं मुझे क्या सूझी कि मैं कमरे से बाहर आया और उसे अन्दर लाकर कम्बल से ढक दिया और पिने के लिए गरम दूध दिया | वह दूध को जल्दी जल्दी पिने लगा और थोड़ी देर में कम्बल के अन्दर सो गया | वो शायद ठण्ड और भूख के कारण वो रो रहा था |

उस दिन के बाद तो वह पिल्ला  हमारे घर का सदस्य बन गया | हमारे साथ खेलता , मस्ती करता | मुझे  उसके साथ बहुत ख़ुशी का अनुभव होने लगा | अब तो यहाँ आस पास के जितने कुत्ते है उनसे एक विशेष लगाव  हो गया है | मैं रोज अपने हाथों से रोटी बनाता  हूँ और इन कुत्तों को खिलाने  निकल पड़ता हूँ |

इस लोगों को  भी रोज़ हमारे रोटी का इंतज़ार रहता है | ये सब ही अब हमारे परिवार का हिस्सा है | इतना ही नहीं आस पास कोई अनाथ पिल्ला नज़र आता है तो मैं उसे भी उठा कर ले आता हूँ और उन सबो की सेवा करता हूँ | इसमें मैं बहुत ख़ुशी का अनुभव करता हूँ | यही लोग अब मेरे जीने का कारण है |

उनकी  बातों को सुन  कर आफरीन अपने बारे में सोचने लगती है. | मेरे पास तो सब कुछ है, मेरा अपना भरा- पूरा परिवार है | मैंने  सुन्दर और स्वस्थ शरीर पायी है | मैं सोचती थी कि ख़ुशी के कुछ बड़े कारण होने चाहिए, लेकिन चाचा जी ने तो  सब कुछ खोने के बाबजूद  ऐसे छोटे छोटे खुश रहने के कारण ढूंढ लिए | आज उनके चेहरे पर ख़ुशी दिखाई दे रही है | मेरे पास सब कुछ होते हुए भी मुझे  दुखी क्यों होना चाहिए ? आफरीन की  नकारात्मक सोच अब सकारात्मक हो चुके थे और अब उसके चेहरे पर भी एक मुस्कान बिखर चुकी थी |

कुछ ऐसा ही हम सब लोगों के साथ भी होता है | हम सोचते है कि  ख़ुशी का कोई बड़ा कारण होगा तभी मैं खुश होऊंगा | लेकिन सच्चाई तो यह है कि खुशियाँ छोटी छोटी बातों में छुपी होती है, वह बात मुझे दिखाई नहीं पड़ती है |

यह सच है कि मनुष्य जैसा सोचता है, वैसा ही बन जाता है। नकारात्मकता स्वत: ही आती है लेकिन सकारात्मक विचारों को लाना पड़ता है । लेकिन उसे लाने की मेहनत कोई नहीं करता है, इसीलिए वह बुरे विचार में पड़ कर  बुरे कर्मों में फंसता रहता है । बुरे कर्मों का परिणाम भी बुरा ही होता है। 

इसलिए इससे बचने के लिए रोज सकारात्मक विचारों के साथ हमें  दिन की शुरुआत करनी चाहिए | 

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Categories: motivational

21 replies

  1. Beautiful thoughts 👌👌

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  2. सुन्दर और विचारपरक आलेख।

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  3. Bahut sahi likha hai yaar. Jhakaas.

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  4. बहुत अच्छा.. सचमूच उदासीन लोगोँ की औषधि।

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    • हाँ, मनोज डिअर, खुश रहने का मंत्र हमें याद रखना चाहिए |
      ज़िन्दगी बहुत कीमती है , इसे ख़ुशी पूर्वक जीना है |

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  5. Kahani Bahut Badhia hai mujhe samjhane vakta laga.

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  6. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    Every season has a beautiful reason,
    Every problem has a meaningful message.
    all we need is a fresh vision.

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