Believing others is easy but
believing in yourself is the real challenge.
Stay happy, stay blessed..

कभी कभी मन में ख्याल आता है कि जब मनुष्य का अंतिम समय आता है तो वह क्या सोचता होगा ? वैसे मैंने सुना है कि मृत्यु सैया पर पड़ा इंसान जब अपने मौत का इंतज़ार करता है उसे पता नहीं होता कि वह कब संसार से विदा लेने वाला है | लेकिन उसके मन में कुछ पश्चताप रहता है |
वह बस यही सोचता है कि काश, मैंने अपने लिए भी थोडा समय निकाल पाता | लेकिन सांसारिक मोह माया और परिवार की जिम्मेदारियों में कुछ इस तरह उलझ जाता है कि ज़िन्दगी कब निकल जाती है, पता ही नहीं चलता |
दूसरी तरफ एक ऐसा इंसान जिसे पता है कि उसे कब मरना है और कितनी देर में मरना है | जाहिर सी बात है कि वह सुसाइड करने वाला है | तो मरने के पहले उस इंसान की मनःस्थिति कैसी होती है | उस समय उसके दिमाग…
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