
जानते हो, मैं कौन हूँ ?
यह वाक्य न जाने कितनी बार हम अपने बारे में लोगों से पूछते है और इसी तरह बहुत लोग अपने बारे में दुसरो से पूछते होंगे | आखिर इस तरह के प्रश्न पूछने का क्या मतलब है ?
मैं कौन हूँ ? सच, इस प्रश्न का उत्तर उतना आसान नहीं है जितना हमें लगता है | हमारा नाम, पता, धर्म जाति या अपना पद मात्र से अपना खुद का सम्पूर्ण परिचय नहीं हो सकता है |
इसी सन्दर्भ में एक छोटी सी कहानी यहाँ उद्धरित करना चाहता हूँ —
सिकंदर, विश्व-विजयी बनने के पश्चात् जब भारत से वापस जा रहा था तो उसने नदी के किनारे एक फ़क़ीर को बैठे हुए देखा | उसके बदन पर कपडे भी नहीं थे | वो फ़क़ीर नंगे बदन बैठा वहाँ धुप सेक रहा था और वो अपने आप में मगन था | उसे देख सिकंदर को उससे मिलने की इच्छा हुई , तो उसके सामने जा कर खड़ा हो गया |

सिकंदर को देख कर उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, क्योंकि वह फ़क़ीर अपनी दुनिया में ही मस्त था | सिकंदर को यह देख कर बड़ा आश्चर्य हुआ |
उसने फ़क़ीर से पूछा – शायद तुमने मुझे पहचाना नहीं | मैं विश्व-विजेता सिकंदर हूँ | मैं जो भी चाहता हूँ उसे हासिल कर सकता हूँ | मैं सर्वशक्तिमान हूँ |
फ़क़ीर उसकी बात को सुन कर मुस्कुरा देता है और फिर पूछता है – अच्छा बताओ, अगर किसी दिन तुम मरुस्थल में फंस जाओ जहाँ दूर दूर तक पानी नहीं हो | तुम्हे बहुत जोर की प्यास लगी है , तभी तुम देखते हो कि उधर एक राहगीर गुज़र रहा है जिसके पास एक लोटा पानी है | तो तुम क्या करोगे ?
सिकंदर के कहा — उससे पानी मांग कर मैं अपनी प्यास बुझा लूँगा, यह तो मामूली बात है |
अगर वो तुम्हे पानी नहीं देना चाहे तो ?
सिकंदर हँसते हुए बोला – उसे मैं मुँह – मांगी कीमत दूंगा |
अगर फिर भी वो तुम्हे पानी नहीं दे तो ?
मैं प्यास से अपनी जान बचाने के लिए उसे अपना जीता हुआ आधा राज-पाट दे दूंगा |
फिर फ़क़ीर ने कहा — और अगर फिर भी नहीं दे तो ?
मैं अपनी जान बचाने के लिए उसे अपना पूरा साम्राज्य दे दूंगा |
सिकंदर की इस बात को सुन कर वो फ़क़ीर जोर से हँसा और फिर बोला – सिकंदर, तुम्हारे सारे साम्राज्य की कीमत सिर्फ एक लोटा पानी है, इससे ज्यादा कुछ नहीं है |
दोस्तों, ठीक हमारा भी यही हाल है | हम भी अपने को सिकंदर मान बैठे है | और यह भूल गए है कि हम खाली हाथ इस दुनिया में आये थे और खाली हाथ ही चले जाना है |

अभी करोना काल में इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिला था | बड़े – बड़े पैसे वाले लोग ऑक्सीजन के लिए, हॉस्पिटल में बेड पाने के लिए, मुंह-मांगा कीमत देने को तैयार थे, फिर भी लोग अपने रिश्तेदार और प्रियजनों को नहीं बचा पाए |
अभी कुछ दिन पहले एक सच्ची घटना समाचार पत्र में देखने को मिली |.. रीवा शहर के एक धनी व्यक्ति ने अपने को करोना से बचाने के लिए अपनी सारी सम्पति खर्च कर डाली | लोगों से उधार भी लिए और सरकार का अनुदान मिला सो अलग |
करीब 17 करोड़ रूपये खर्च करने के बाद वो नौ महीने तक किसी तरह अपनी साँसों को बचाता रहा | लेकिन अंत में उसे जाना ही पडा, वो अपने को बचा नहीं पाया |
आज जो हम धन बल इकट्ठा कर अपनी ईगो बढ़ा लेते है, अपने ताकत को प्रदर्शित करते है और फिर कहते है — हम कौन हैं ? पहचाना मुझे ? लेकिन हमें यह नहीं करना चाहिए . बल्कि हमें अपने आप से पूछना चाहिए कि – कौन हूँ मैं ? मेरी हैसियत क्या है ? मेरी कीमत कितनी है ?

परमात्मा ने हमें जो जीवन दिया है वो अनमोल है | लेकिन आज जो हम गलत रास्तो से धन बल इकट्ठा कर रहे है, हकीकत में हम उसके स्वामी नहीं है बल्कि धन का एक मात्र चौकीदार है, उसकी सुरक्षा कर रहे है .| मेरे आँख मूंदते ही वह धन फिर किसी दुसरे का हो जाएगा | यह सब मिट जाने वाली चीज़ है | यह साथ नहीं जाएगा |
जो हमारे साथ होगा वह चीज़ है हमारी आत्मा | वह कभी नहीं मिटती | हमें इस पर गौर करना चाहिए और इसकी कीमती बढ़ानी चाहिए ताकि अपनी सही कीमत लोगों को बता सकें |
जो साथ रहेगा वो मेरे अच्छे कर्म है और जो दुसरो की भलाई कर के कमाया गया आशीर्वाद है और साथ ही हमने जो परमात्मा की भक्ति किया है, उसका स्नेह है | हमें इन सब बातों पर ज्यादा ध्यान देना है | यही हमारा असली पहचान है |
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Categories: motivational
मुझे हिंदी ज्यादा अच्छी तरह समझ में नहीं आती, लेकिन लोगों के साथ जुड़ना और खुद को वाक्य में सुनना मुझे बहुत अच्छा लगा
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Thank you so much.
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Yes I did, I don’t understand Hindi
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Language should not be a barrier to sharing our emotions..
Stay connected …Stay happy…
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Ok text me your number, you can see mine there!
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verma.vkv@gmail.com
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शिक्षाप्रद कहानी।
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बहुत बहुत धन्यवाद डिअर |
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Vermavkv you speak English or Hindi?
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I know both languages dear .
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सुन्दर एवं शिक्षा प्रद आलेख।
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बहुत बहुत धन्यवाद डिअर।
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Bahut bahut accha likha hai
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Meine isey meri wife ke saath padha. Usey bhi bahut achha laga
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मेरे लिए सौभाग्य की बात है,
मेरी लेखनी आप सब लोगों को पसंद है |
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Meine aap ke liye kisi se kaam ki bhi baat ki hai. Dekein kya jawaab aata hai.
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That is good ..
Thanks a lot..
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You are welcome
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Keep up the good work.
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Thank you so much dear..
Stay blessed…Stay happy..
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Thank you, dear ..
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सुन्दर व विचारणीय प्रस्तुति।
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बहुत बहुत धन्यवाद डिअर |
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Story has good message and presentation is nice.
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Thank you so much dear ..
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Beautifully written thanks for sharing 😊👌💕
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Thank you very much for your appreciation..
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It’s my pleasure 😊👌
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
With Trust, even silence is understood.. But
Without trust, every word is misunderstood.
Trust is the soul of relationship..
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