एक राजा था | वह बड़ा ही दानी था | वह हमेशा लोगों को कुछ ना कुछ देना चाहता था | इसी क्रम में उसके दिमाग में एक बात सूझी | उसने एक शाम को अपने राज्य में ढिंढोरा पिटवाया कि कल सुबह जो राज्य के पालन नदी को पार कर लेगा उसे हम अपने आधे राज्य का स्वामी बना देंगे | इसलिए आप सब लोग सुबह पांच बजे पालन नदी के किनारे आ जाएँ |
सब लोगों में यह सुन कर खलबली मच गयी, क्योंकि नदी ज्यादा बड़ी नहीं थी और कोई भी इसे आसानी से पार कर सकता था | यह तो बड़े आश्चर्य जनक बात थी कि सिर्फ नदी पार करने से आधा राज्य का मालिक बना दिया जाएगा | सब लोगों में नदी पार करने की होड़ लग गयी |
अतः सुबह पांच बजे पूरा गाँव या कहे कि हर घर से लोग वहाँ जमा हो गए | हर वो व्यक्ति जिसे तैरना आता था वो नदी के किनारे खड़ा हो गया ताकि आदेश मिलते ही नदी को पार किया जा सके और आधा राज्य का मालिक बन जाए | लेकिन तभी सब लोगों को उसमे तैरता हुआ बहुत सारे मगरमच्छ दिखाई दिए |
सब लोग डर कर सोचने लगे कि अगर पानी में मगरमच्छ का शिकार बन गया तो जान ही चली जाएगी | कहीं ऐसा ना हो कि आधा राज्य के चक्कर में जान ही ना चली जाये |
सब लोग बस किनारे खड़े रह कर अफ़सोस कर रहे थे कि एक मौका भी मिला तो मेरी किस्मत ने साथ नहीं दिया | मैं इसके लिए जान तो नहीं दे सकता हूँ |
तभी जोर से छपाक की आवाज आई और लोगों ने देखा कि एक व्यक्ति उस नदी में कूद गया है | वो अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर हाथ पैर मारने लगा और जो मगरमच्छ सामने आता उसे हाथ से जोर का धक्का देकर परे ठेल देता | अपनी जान बचाते किसी तरह वो नदी पार कर गया | सब लोग तालियों से उसका स्वागत करने लगे |
राजा और उसके मंत्री सभी लोग वहाँ उपस्थित थे | राजा ने भी उसे बधाई दी | चूँकि वो नदी पार किया था तो बधाई तो लेना ही था | सभी लोग उसकी जय जयकार करने लगे | राजा ने तब अपने मंत्री को बताया कि हमें जिसकी तलाश थी वो मिल गया है | मुझे अपनी बेटी के लिए इसी तरह का निडर और सूझ बुझ वाला वर चाहिए था |
उसे राज दरबार में बुलाया गया और आधा राज्य देने की पेशकाश की गई, लेकिन उसने मना कर दिया | राजा ने उसे आश्चर्य से देखा और पूछा .. तुम पागल तो नहीं हो गए हो ? तुम तो इस ईनाम के हकदार हो | फिर भी उस युवक ने अपना फैसला नहीं बदला |
तब राजा ने कहा — ठीक है, .तुम मेरी बेटी से शादी कर लो और पूरा ही राज्य का मालिक बन जाओ | इस पर भी उसने मना कर दिया |
तो अंत में राजा ने पूछा – आखिर तुम चाहते क्या हो ?
तब उस युवक ने कहा – मुझे उस व्यक्ति से मिलाइए, जिसने मुझे धक्का दिया था |
यह सही है दोस्तों , कुछ बड़ा हासिल करने के लिए एक धक्के की ज़रुरत होती है | जिससे हम अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकल सकते है | और यही इंसान की सफलता का राज है |
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Categories: motivational
बहुत सही 👌
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बहुत बहुत धन्यवाद डिअर|
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Beautiful music. Thanks for sharing.
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Thank you so much.
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Welcome verma ji
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Welcome
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Stay connected … Stay blessed..
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Thanks
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You are welcome..
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Nice story.
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Thank you so much..
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Be happy. Indeed.
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Yes
Stay happy . stay blessed..
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Inspirational 👌
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Thank you so much ..
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अच्छी एवं शिक्षाप्रद कहानी।
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बिल्कुल सही कहा ।इससे हमें सीख लेनी चाहिए।
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Diljas Kahani.
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Yes Sir,
This is a motivational story..
Thanks for reading..
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रोचक और शिक्षाप्रद कहानी। सही में मनुष्य में सारी शक्ति विद्यमान है। हिम्मत की कमी अथवा आलस उसे सफलता से दूर कर देता है। परंतु उसे किसी प्रकार वाध्य होना पड़े तो वह अपनी पूरी शक्ति लगाकर सफल हो जाता है। जैसा कि इस कहानी में है। प्रेरक कहानी।
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बिलकुल सही कहा आपने |
हमें इस कहानी से शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए |
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Sahi hai baap
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ha ha ha …
Thank you dear..
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Always welcome. Please read the comment on your next post
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Thanks for your words of appreciation.
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
patience with family is love,
Patience with others is respect .
Patience with self is confidence
and Patience with God is faith.
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