The Bond of family & friends is a promise spoken by the Heart.
It is a promise renewed every time we keep in touch.
Stay happy…Stay blessed..

आज के इस ब्लॉग की बात ही कुछ अलग है, क्योकि इसमें मैं अपने एक सहपाठी के जीवन में घटी सच्ची घटना का वृत्तांत आप सबों के समक्ष प्रस्तुत करने जा रहा हूँ …
आज की परिवेश में अगर इस घटना के बारे में सोचा जाए तो यह थोडा विचित्र और डरावना सा लगता है |
पर जब यह घटना घटी उस समय बिहार के कुछ इलाकों में इस तरह की घटना का घटित होना एक वास्तविकता थी |
इस संस्मरण के पात्र ने उपरोक्त घटना का जिस बहादुरी से मुकाबला किया उसके लिए वे सचमुच में बधाई के पात्र है |
विमलेश नाम था उसका, देखने में बहुत ही शर्मीला लेकिन पढने में उतना ही तेज़ |
मुझे आज भी वह दिन याद है ..24 जुलाई 1977 जब हमलोगों ने रांची एग्रीकल्चर कॉलेज में एडमिशन लिया था और उसके बाद हमलोगों को जो हॉस्टल आवंटित किया गया था उसमे…
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