
हमें आज भी याद है कि 1980 और 1990 के दशक में एक कामर्शियल विज्ञापन की बड़ी धूम थी – बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर… हमारा बजाज । जी हां, बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर दिखाने वाले राहुल बजाज अब हमारे बीच नहीं रहे | दिनांक 12 फरवरी 2022 को 83 वर्ष की आयु में पुणे में उनका देहांत हो गया |
राहुल बजाज का जन्म 10 जून 1938 को कलकत्ता में हुआ था। उनके दादा जमनालाल बजाज ने 1926 में बजाज समूह की स्थापना की थी | वे एक स्वतंत्रता सेनानी थे और महात्मा गांधी के बहुत करीब थी |
राहुल बजाज प्रारंभिक पढ़ाई कोलकाता से करने के बाद वह उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली आ गए । उन्होंने दिल्ली के नामी गिरामी सेंट स्टीफन्स कॉलेज से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। इसके बाद अमेरिका के हार्वर्ड बिजनस स्कूल से एमबीए की | पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने पिता कमलनयन बजाज की टीम में उप महाप्रबंधक के रूप में उन्होंने काम शुरू किया था |
मुझे आज भी याद है कि मैं पहली बार जिस स्कूटर पर बैठ कर स्कूटर चलाना सीखा था, वह स्कूटर थी वेस्पा | वेस्पा स्कूटर 70 – 80 के दशक में काफी लोकप्रिय था |

उन दिनों में कम मूल्य और कम रख-रखाव के साथ छोटे परिवार और छोटे ट्रेडर्स के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त बजाज ब्रांड की वेस्पा स्कूटर मानी जाती थी | उन दिनों यह इतना लोकप्रिय थी कि बजाज स्कूटर खरीदने के लिए लोगों को 15 से 20 साल इंतजार करना पड़ता था । कई लोगों ने तो उन दिनों बजाज स्कूटर के बुकिंग नंबर बेचकर लाखों कमाए थे |
राहुल बजाज ने चेतक स्कूटर को लांच किया जो बजाज कंपनी के शुरुआती दोपहिया मॉडलों में से एक था | यह स्कूटर भारतीय मध्यम वर्ग के घरों में बड़े पैमाने पर लोकप्रिय हुआ था | स्कूटर कारोबार के साथ-साथ राहुल बजाज ने मोटरसाइकिल उद्योग में भी कदम रखा और जापान के कावासाकी के साथ गठजोड़ करके भारत में स्थानीय रूप से निर्मित मोटरसाइकिल लांच किया और यह भी काफी सफल रहा |
स्पष्ट और खुलकर बोलने वाले राहुल बजाज ने परमिट राज के जमाने में दो पहिया और तीन पहिया वाहनों का ब्रांड स्थापित करके अपना दम दिखाया था। बिना लाग लपेट के अपनी बात रखने वाले बजाज कूटनीति में पारंगत थे। वह अन्य उद्योगपतियों से अलग थे। साफगोई उनकी खासियत थी । वे सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ बेबाक अपनी राय देते थे |
बजाज ग्रुप सिर्फ ऑटोमोबाइल तक ही सीमित नहीं रहा। उनके नेतृत्व में ग्रुप का डाइवर्सिफिकेशन हुआ। चाहे जनरल इंश्योरेंस हो या लाइफ इंश्योरेंस, इंवेस्टमेंट एवं कंज्यूमर फाइनेंस, घरेलू उपकरण, इलेक्ट्रिक लैंप, पवन ऊर्जा, स्टेनलेस स्टील आदि । सभी क्षेत्र में बजाज ब्रांड का झंडा लहराने लगा। उनके नेतृत्व में बजाज ऑटो का कारोबार 7.2 करोड़ रुपये से बढ़कर 12,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
राहुल बजाज को फोर्ब्स ने 2016 में दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में शामिल किया था। उस वक्त उन्हें लिस्ट में 722 वीं रैंक मिली थी। उस समय उनका नेट वर्थ 2.4 अरब डॉलर आंका गया था। अगर फोर्ब्स की रीयल टाइम लिस्ट के हिसाब से देखें तो साल 2022 को राहुल बजाज की नेट वर्थ 8.2 अरब डॉलर यानी करीब 62,000 करोड़ रुपये है।
उन्हें सामाजिक कार्यों में बेहद रूचि थी | राहुल बजाज की तरफ से समाज को दिए गए योगदान के चलते उन्हें वर्ष 2001 में पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया था।

स्कूटर की दुनिया में क्रांति से उन्होंने पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवा दिया था। राहुल बजाज इकलौते ऐसे व्यक्ति है, जो कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के दो बार (1979-80 और 1999-2000) प्रेसिडेंट भी चुने गए।
इस दौरान उन्हें 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तरफ से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा गया था। उन्हें ‘नाइट ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ नाम के फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।
बजाज जून 2006 में राज्यसभा में मनोनीत हुए और 2010 तक सदस्य रहे। इसके अलावा कई विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी गई। वह इंडियन एयरलाइंस के चेयरमैन, आईआईटी-बॉम्बे के निदेशक मंडल के चेयरमैन समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
उनके निधन से भारतीय उद्योग जगत का एक ऐसा सितारा जिसने देश की आर्थिक विकाश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, वह अस्त हो गया … उन्हें नमन और भावभीनी श्रद्धांजली |.
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नमन एवं श्रद्धांजलि।
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भावभीनी श्रद्धांजली |
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Thanks for sharing valuable information.
My tribe to the great departed soul .
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Yes Sir..
He was a great human being..
Shat Shat Naman ..
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Rahul Bajaj is a great man.Good states man.Good industralist. RIP.
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Yes dear..
Tribute to the Great man .
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