प्रार्थना और विश्वास दोनों अदृश्य हैं ,
परन्तु दोनों में इतनी ताकत है कि
नामुमकिन को मुमकिन बना देता है |
स्वस्थ रहें…मस्त रहें..

मैं एक आम इंसान हूँ | मेरी भी कुछ इच्छाये हैं |कभी कभी मैं भी जुनूनी हो जाता हूँ |
वैसे कभी कभी इंसान इतना जुनूनी हो जाता है कि अपनी मन की बात जो नहीं कहनी चाहिए वह भी कह देता है जब वह हालात से परेशान हो कर दोहरी ज़िन्दगी जीने को मजबूर हो जाता है |
यह सही है कि अपनी गलतियां, मौज मस्तियाँ, खामोशिया, पश्चाताप यह सब निजी होने चाहिए, इसे सार्वजनिक करने से हम खुद ही हँसी के पात्र बन जाते है |
समाज के सामने दोहरा जीवनन जिया जाए लेकिन सब कुछ ओपन भी न किया जाए तो बेहतर रहता है | हमारी व्यक्तिगत लाइफ तभी तक मजेदार और अपनी बनी रहती है जब तक कि उस’से किसी और को नुक्सान ना हो |
कभी कभी मन की भावनाओं को प्रकट करना मज़बूरी हो जाती लेकिन ऐसा करने से हमारा मन भी हल्का हो…
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Love it sir!!
Especially the poem
Just the right motivation for me today 😊
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Thank you so much, dear.
The poem is about the inner feeling..
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