एक युवक जिसका नाम देवांशु था | उम्र २८ साल, दिखने में सुन्दर, सुशील और एक रियल स्टेट कंपनी में मैनेजर था | उसकी शादी हो चुकी थी और वह अपने घर रीवा में परिवार के साथ मस्त ज़िन्दगी जी रहा था |
एक दिन एक बिज़नस डील के सिलसिले में वह इंदौर आता है | और उस मीटिंग में बड़ी डील करने में सफल होता है | उसी शहर में उसके बचपन के दो दोस्त अखिलेश और विनय भी रहते थे | वह इस शहर में आये और दोस्तों के साथ पार्टी ना हो, ऐसा कैसे हो सकता था ?
बिज़नस की एक बड़ी डील होने की ख़ुशी में तीनो दोस्त मिल कर एक पार्टी करते है | इंदौर के एक अच्छे से होटल में शानदार पार्टी का आयोजन होता है | पार्टी में शराब का दौर भी चलता है और दारू पीते हुए समय का पता ही नहीं चलता है |
तभी विनय घड़ी देखता है तो रात के करीब 12 बज चुके थे | रात काफी हो चुकी थी इसलिए विनय कहता है अब हमें चलना चाहिए | वे तीनो अखिलेश के बाइक पर बैठ कर घर की ओर चल देते है |
विनय का घर पहले आ जाता है इसलिए वह अपने घर के पास उतर जाता है और फिर अखिलेश देवांशु को लेकर अपने फ्लैट की ओर चल देता है |
ठण्ड का मौसम और रात का सन्नाटा था | बाइक अपने गति से सड़क पर जा रही थी और ठंठी हवा के झोकें ने शराब के नशे को और भी बढ़ा दिया था | तभी सड़क के अगले मोड़ पर हेड लाइट की रौशनी में एक लड़की खड़ी दिखी | थोडा पास आने पर लड़की ने हाथ के इशारे से रुकने को कहा |
अखिलेश ने उसके पास ही अपनी बाइक रोक दी तो लड़की ने कहा –मुझे लिफ्ट दीजिये प्लीज़ | मैं अकेली हूँ और मुझे करीब दो किलोमीटर आगे जाना है |
तभी पीछे बैठा देवांशु ने उस लड़की को लिफ्ट देने से मना कर दिया और अखिलेश को आगे चलने को कहा |
लड़की हाथ जोड़ कर गिडगिडाने लगी | लेकिन देवांशु ने आजकल सोशल मीडिया पर इस तरह के लूट के वारदात के बहुत किस्से सुन रखे थे, इसलिए दोनों ने लिफ्ट देने से साफ़ मना कर दिया और फिर अपनी गाडी स्टार्ट करने लगे | इतने में अचानक दो युवक कही से आ धमके | वे लोग भी उस लड़की को लिफ्ट देने के लिए जोर देने लगे |
उनलोगों के बात व्यवहार से देवांशु को महसूस हुआ कि वे लोग आपस में मिले हुए है | लेकिन तब तक वे लोग देवांशु से उलझ गए और इसी क्रम में मार पिट भी हुई | फिर भी किसी तरह ये दोनों बाइक पर सवार होकर वहाँ से भागने में सफल हो गए | दोनों ने राहत की साथ ली और किसी तरह घर पहुँच गए |
अखिलेश जो एक फ्लैट लेकर अकेला ही रहता है | फ्लैट में दो कमरे थे | इसलिए एक कमरे में देवांशु और दुसरे में अखिलेश उसी हालत में बिस्तर पर अपने को गिरा दिया | इन सब घटना और शराब के नशा के कारण बिस्तर पर गिरते ही दोनों को नींद आ गयी |
सुबह जब अखिलेश की आँखें खुली, तो खिड़की से सुबह की धुप आ रही थी | उसने घड़ी देखा तो दिन के आठ बज चुके थे | शराब पीने के कारण सिर भी थोडा भारी लग रहा था |
अखिलेश ने देखा कि देवांशु अभी तक सो रहा है जबकि उसे सुबह ही वापस रीवा जाना था | उसने देवांशु को उठाने के इरादे से उसके कमरे में गया | जैसे ही वह बेड के करीब आया तो उसके मुँह से चीख निकल गयी | उसने देखा कि देवांशु के बेड पर खून ही खून है, और उसके कपडे भी खून से लथपथ है | फिर भी दिवयांशु उठ नहीं रहा है |
अखिलेश उसे झकझोर कर उठाना चाहा फिर भी दिव्यांशु की आँखे नहीं खुली | तब अखिलेश ने घबरा कर शोर मचाया और अपने पड़ोसियों को बुलाया | उनलोगों की मदद से उसे तुरंत अस्पताल ले गया , लेकिन डॉक्टर ने उसकी जांच करने के बाद कहा – इसकी तो मौत बहुत पहले हो चुकी है |
अखिलेश को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि एक सब कैसे हो गया ? चूँकि यह मर्डर का मामला था , इसलिए अस्पताल वालों ने पुलिस को इसकी जानकारी दे दी | खबर पाकर पुलिस भी मौके पर पहुँच गयी |
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🙏🍀✨
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Por favor, passe por todos os três episódios
e compartilhe seus sentimentos, por favor.
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Com certeza ✨
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Muito obrigado querido
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रोचक एवं सस्पेंस से भरपूर।
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बहुत बहुत धन्यवाद |
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कहानी रोचक लगी।
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बहुत बहुत धन्यवाद डिअर.|
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
Every single day is a good day,
no matter how bright or dark it is,
because it always brings an opportunity..
Stay happy … Stay blessed…
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Thank you very much..
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