
दोस्तों,
मैं कोलकाता शहर में पिछले 15 साल से रह रहा हूँ | कोलकाता को सिटी ऑफ़ जॉय भी कहते है। मैं नए साल को कोलकाता में बहुत धूम – धाम से मनाता था | सबसे अच्छी बात मुझे यह लगती है कि जनवरी महीने में मौसम बहुत सुहाना रहता है, न ज्यादा गर्मी और न ज्यादा ठण्ड |
यह एक ऐसा शहर है जहां हर तरह के उत्सव बड़े धूम – धाम से मनाये जाते है। यहाँ के लोग कला प्रेमी है और खुले दिल से सभी त्यौहार को मनाते है | लेकिन इस बार मैंने नए साल में घर में रह कर बिताया / कोरोना के कारण हम सभी घर के बाहर जाकर नए साल का स्वागत नहीं कर पाए |
मुझे याद है पाँच साल पहले का नए साल का जश्न | मैं उन दिनों कोलकाता में अकेला ही था | एक जनवरी का दिन और मैं अपने घर में बैठा सोच रहा था कि नए साल को कैसे celebrate किया जाए | तभी मेरे एक दोस्त निरंजन का फ़ोन आया |

हेल्लो डिअर, नए साल को कैसे celebrate कर रहे हो ?
भाई, मैं तो इस बार बिलकुल अकेला हूँ / समझ में नहीं आ रहा है कि नए साल का कैसे स्वागत किया जाए |
मैं भी अकेला हूँ | आप जल्दी से तैयार होकर मिलेनियम पार्क आ जाओ | वहाँ क्रूज पर पार्टी मनाएंगे |
लेकिन वहाँ अकेला एंट्री मिलेगा ?
बिलकुल, आपके ये बिताये गए पल यादगार होंगे, ऐसा मेरा विश्वास है |
मुझे उसकी बातों को सुन कर जोश आ गया और नए साल को क्रूज पर मनाने का प्रोग्राम बना लिया |
अभी दिन के चार बज रहे थे और वहाँ शाम की पार्टी को ज्वाइन कर सकते है | ऐसा सोच कर मैं ज़ल्दी से तैयार हुआ और निकल पड़ा घर से |

मैं मिलेनियम पार्क पहुँचा | वह दोस्त तो मिल गया लेकिन वहाँ भीड़ बहुत थी | उसने दो टिकट पहले से ले रखा था | हुबली नदी के बाबु घाट पर एक सुन्दर ढंग से सजा हुआ एक क्रूज खड़ा था | हम दोनो धक्का – मुक्की करते हुए उस क्रूज पर सवार हो गए |
थोड़े देर में ही क्रूज की यात्रा शुरू हो गयी | शाम ढल चूका था और अँधेरा छाने लगा था | झिलमिल लाइट से सजा हुआ हमारा क्रूज नदी पर तैरता हुआ सुन्दर और मनोरम छटा बिखेर रहा था |
तभी DJ की मधुर धुन बजनी शुरू हो गयी | क्रूज पर सभी खाने पीने की बस्तुएं उपलब्ध थी | मैं सबसे पहले कोलकाता का प्रसिद्ध रोसगुल्ला खाया और फिर एक स्वादिष्ट चाट ने मेरे मूड को और भी नमकीन बना दिया | यहं बच्चे – बूढ़े, लड़के – लड़कियां नए साल को मनाने के लिए सज धज कर और जोश में लग रहे थे |

हमारा क्रूज सफ़र करते हुए नदी के बीचो बीच आ चूका था / वहाँ से दोनों किनारे पर झिलमिल करती रौशनी और DJ का धुन मन मोह रहा था |
तभी DJ वालों ने announce किया – हेल्लो माई फ्रेंड्स, क्या आप सभी नए साल के पहले दिन को यादगार बनाना चाहते है ?
पूरा हुजूम एक साथ बोल पड़ा – हाँ .. हाँ … हाँ …|
फिर क्या था, वहाँ डांसिंग फ्लोर बना हुआ था और सभी लोग डांस में भाग लेने के लिए उस ओर भागे |
मेरे दोस्त ने कहा – आइये हम लोग भी उनलोगों के साथ डांस करे |
मैं वहाँ जाने में सकुचा रहा था | उन अनजान लड़के – लडकियां के बीच इस बुड्ढे का क्या काम ? लेकिन तभी DJ वाले ने मुझे भी आकर डांसिंग फ्लोर पर ले गया | रौशनी मद्धिम हो गए, म्यूजिक तेज़ हो गयी और कुछ ही समय बाद लोग मस्ती झूम रहे थे |

लगता ही नहीं था कि लोग एक दुसरे को नहीं जानते है | शायद इस शहर की यही खासियत है | मैं भी बेतुका डांस करने लगा |
उस क्षणों में अपने आप को मैं बिलकुल भूल चूका था — अपनी उम्र को, अपनी परेशानियों को, अपने अकेलापन को | मैं एक बार फिर जवान महसूस कर रहा था | मेरे अन्दर फिर से उत्साह था, खुबसूरत सपने थे और जीने की तमन्ना थी |
सच, ज़िन्दगी जीने के लिए इन सबों के अलावा और चाहिए क्या ?
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Categories: मेरे संस्मरण
कोलकाता का सूंदर वर्णन।पढ़ कर मजा आया।
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हा हा हा ..
धन्यवाद डिअर |
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वाह! जीवन जीने का हर किसी का अपना अंदाज होता है। खुशियों की घड़ी को खुल के जीना भी एक कला है। मेरा अन्दाज इसके उल्ट किसी मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन पूजन एवं किसी पार्क में शांत वातावरण में बैठ कर पिकनिक का आनन्द लेना है।
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सही कहा आपने | पहली तारीख को भगवान् के दर्शन करना चाहिए |
लेकिन मैंने सुना है भगवान् अपने अन्दर भी है , सबके अन्दर है ,इसलिए
बहुत से भगवान् के एक साथ दर्शन हो गए थे |
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Kolkata ki Ek Saam Bahut sundar.
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Thank you so much dear..
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Invest in good friendship…
there are no market risks..
Stay connected , stay happy
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