छोटी सी ज़िन्दगी है,हर बात में खुश रहो ..
आने वाला कल किसने देखा है ,
अपने आज में खुश रहो…
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं …

दोस्तों ,
आज मैं सुबह समाचार पत्र देख रहा था तो एक जगह मेरी नज़रें रुक गयी | मैंने पढ़ा –एक माँ ने हॉस्पिटल के बेड पर अपने एक दिन के बच्ची को गला दबा कर मार डाला | उस बच्ची का जुर्म सिर्फ इतना था कि वो बेटा नहीं बेटी थी |
वैसे तो आज कल लड़कियां हर क्षेत्र में लडको को टक्कर दे रही है | कुछ क्षेत्रों में वे लड़कों से आगे भी है | लेकिन आज भी समाज का एक तबका बेटी को बोझ मानता है और उसके पैदा होते ही या बाद में उसे मार डालते है | उनकी मानसिकता होती है कि लड़की होने का मतलब बोझ और समाज में अपना सिर नीचे होना |
अगर उस एक दिन की बच्ची बोल सकती तो ज़रूर हमसे और हमारे समाज से यह पूछती — हमारा जुर्म तो बताओ ?
वैसे तो बहुत पहले से यह…
View original post 844 more words
Categories: Uncategorized
बहुत अच्छी स्टोरी है। 👌अंकल आपको सपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं💐💐
LikeLiked by 1 person
बहुत बहुत धन्यवाद ..
आप को और अप्पके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं |
LikeLiked by 1 person
बहुत मार्मिक घटना है, मां भी निष्ठुर हो सकती है ?
LikeLiked by 1 person
बिलकुल सही कहा आपने…
आज के परिवेश में इस तरह की घटना बहुत ही दुखद है |
इस विषय पर समाज के सोच को बदलना चाहिए |
LikeLike