I have not seen anyone dying of laughter ,
But I know millions who are dyeing just because
they are not laughing…

लघु कथा
फैक्ट्री में ड्यूटी का शिफ्ट समाप्त हो चूका था | राजेश को अपने अगले साथी को मशीन का चार्ज देते हुए रात के करीब साढ़े बारह बज चुके थे , हालाँकि राजेश की शिफ्ट रात के बारह बजे ही समाप्त हो गई थी |
उसने अपनी खटारा मोटरसाइकिल को स्टार्ट कर अपने घर की ओर चल पड़ा | हर 15 दिनों पर यह शिफ्ट बदल जाता है, लेकिन यह रात वाला शिफ्ट दुखदाई होता है |
इन्ही सब बातों को सोचता , मोहन अपने बाइक पर बैठा चला आ रहा था | रात का घोर अँधेरा था | फैक्ट्री से घर की दुरी करीब 5 किलोमीटर थी लेकिन सेक्टर -2 का इलाका काफी सुनसान रहता है |
इस जाड़े के मौसम में न तो कोई आदमी और न ही कोई गाडी ही दीख रहा था | पूरी की पूरी सड़क सुनसान थी |
जैसे ही राजेश रसियन हॉस्टल…
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