
जया काफी परेशान थी | उसके सारे पैसे शान्तु लुट चूका था और अब तो खाने के भी लाले पड़ गए थे | पुलिस भी शान्तु को खोज पाने में असमर्थ दिख रही थी | इसलिए पुलिस से भी उसे निराशा ही हाथ लगी | वह पुलिस स्टेशन में ही बैठी – बैठी अपने भाग्य पर रो रही थी तभी उसकी दर्दनाक कहानी सुन कर उस हिजड़े ने उसे मदद करने के ख्याल से उसे हिजड़ा गैंग के बॉस के पास ले गयी ताकि उसे खाने – पीने और रहने का ठिकाना मिल जाए |
जया भी किसी ठिकाने की तलाश में थी इसलिए वो उसके साथ चल दी | उन लोगों से बात कर के उसे लगा कि सचमुच उसके लिए वो लोग फ़रिश्ता बन कर आये है | वे लोग हर तरह से उसकी सहायता करने लगे | हिजड़ा गैंग के बॉस ने तो यह आश्वासन भी दे दिया कि शान्तु अगर पाताल में भी छिप जायेगा तो उसे ढूंढ कर निकाल लेंगे और फिर जैसी सजा जया चाहती है उसे वैसी ही सजा मिलेगी |
उन लोगों के साथ कुछ दिन रहते हुए उसे पता चला कि वे लोग एक बड़ा गैंग चलाते है | जिसमे ड्रग्स माफिया से लेकर बहुत सारे अपराधी कामों को अंजाम देते है | उनकी पहुँच पुलिस और नेताओं तक भी है | सचमुच हिजड़ा गैंग बहुत शक्तिशाली है |

उन लोगो के साथ रहने के बाद उसके अन्दर भी विद्रोह और बदला लेने की भावना जाग उठी, इसलिए उसने उस गैंग के सरदार से उसे भी उसके गैंग में शामिल करने का आग्रह करने लगी |
जया को महसूस हो रहा था कि अब तो उसका जीवन बर्बाद हो ही चूका है इसलिए वह खुल कर अपराध की दुनिया में कूद पड़ी | उसका बस एक ही मकसद था कि शान्तु को ढूंढना और यह जानना कि उसने ऐसा उसके साथ क्यों किया ? अपने पैसे और जेवर तो यूँ ही उसे दे देती , फिर भी उसने इस तरह धोखा देकर उसका हँसता खेलता ज़िन्दगी क्यों बर्बाद किया ? शान्तु का नाम जेहन में आते ही नफरत से उसका मन भर जाता था |
कुछ दिनों में अपने सुझबुझ और हिम्मत से काम कर के उसने अपने गैंग के लोगों को काफी प्रभावित कर चुकी थी और धीरे धीरे उसने हिजड़ा गैंग पर अपनी पकड़ मज़बूत कर ली | क्राइम की दुनिया में उसका काफी नाम हो गया | उसके पास अब पैसे थे ताकत थी और जो चाहती थी वह हासिल कर लेती थी | इसके बाबजूद अब तक वह एक साधारण सा शान्तु को नहीं ढूंढ पा रही थी | उसने क्राइम करते हुए करीब करीब दिल्ली के हर कोने पर नज़र रख रही थी |

आज पुरे एक साल हो गए जब उसने इस दिल्ली शहर में कदम रखा था | वह डाइनिंग टेबल पर खाना खाते हुए इन्ही सब बातों को सोच रही थी | इतने कम समय में ज़िन्दगी किस तेज़ी से बदल गयी पता ही नहीं चला और उसने कितने क्राइम कर डाले उसका भी कोई हिसाब नहीं था |
तभी अचानक उसके मोबाइल की घंटी बज उठी | उसने फ़ोन पर जो सुनी उसे सुन कर उसके मुँह का निवाला वापस प्लेट में गिर गया और उसका मुँह खुला का खुला रह गया |
उसके आँखों से आँसू बहने लगे | उसे लगा कि अब वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पायेगी , क्योंकि अभी अभी खबर मिली थी कि हिजड़ा गैंग का बॉस एनकाउंटर में मारा गया था | अब उसका क्या होगा ? एक वही तो था जो हर कदम पर उसका साथ देता था | उसका दिमाग अब काम नहीं कर रहा था उसने खाना छोड़ कर तुरंत अपनी गाडी लेकर सुनसान जगह में बने अपने हिजड़ा गैंग के अड्डे की ओर चल दी |
वहाँ पहले से ही गैंग के कुछ सदस्य जया के आने का इंतज़ार कर रहे थे | वह बहुत थोड़े ही दिनों में गैंग का सबसे खतरनाक खिलाडी बन चुकी थी | उसके बुद्धि और जाबांजी की उसके साथी क़द्र करते थे , इसलिए तो वो बॉस के सबसे करीब थी |
जया ने अपने सभी साथियों के साथ बैठक की और बॉस के मारे जाने के बाद की रणनीति पर विचार किया जाने लगा | सभी सदस्यों ने एक स्वर में जया को ही अब बॉस के कुर्सी पर बैठा दिया और आगे से उसी के निर्देश पर सभी काम करेंगे , ऐसा सब लोगों ने निर्णय ले लिया |
पहले तो जया इसके लिए तैयार नहीं हुई लेकिन गैंग टूट कर बिखर जायेगा तो फिर उसका मकसद शान्तु से बदला लेने का कैसे पूरा होगा ? ऐसा सोच कर वह हिजड़ा गैंग का कमान सँभालने के लिए तैयार हो गयी |

ज़िन्दगी कहीं भी ठहरती नहीं है | जिंदगी के ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब हम ढूंढते रहते हैं | जवाब मिलता भी है पर तब तक कई और सवाल हमारे सामने खड़े हो जाते हैं | सचमुच समय किस तेज़ी से ज़िन्दगी को प्रभावित करते है इसका जीता जागता नमूना है जया खुद | वह घर पर चाय पीते हुए अपने पिछली एक साल की बिताई ज़िन्दगी का अवलोकन कर रही थी |
कहाँ मुंबई का एक भोला भाला लड़का जय देखते देखते एक साल के अन्दर लड़का से लड़की बनी , प्यार में धोखा खाई और फिर जुर्म की दुनिया में एक बदनाम हसीना के नाम से लोगों में मशहूर हो गयी |
समझ में नहीं आता है कि ज़िन्दगी कहाँ लेकर जा रही है | उसके मन में हर समय उठ रहे बदले की आग न जाने कब शांत हो पायेगी | वो इन्ही बातों में उलझी थी कि उसके मोबाइल की घंटी बज उठी और पता चला कि अभी अभी रात के 11 बजे ड्रग्स का एक खेप बाहर से आ रहा है जिसे यहाँ ठिकाने पर पहुँचाना है | फ़ोन पर सुचना पाकर उसकी तन्द्रा भंग हुई औए वह भुत काल से वर्तमान में आ गयी | ज़ल्दी से तैयार हुई और अपनी रिवाल्वर पास रखते हुए अपने गंतव्य स्थान की ओर चल पड़ी | (क्रमशः )
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Categories: story
Thrilling story
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Yes dear,
Read all the 5 episode..Please..
Thank you very much..
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You are always welcome Verma ji. Take care and have a nice weekend.
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Thank you Dear,
Merry Christmas to you and your family..
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You are always welcome
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Interesting story. Waiting for the climax
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Yes sir, this story is in 5 episode.. Already posted in Facebook ..
Thank you sir..
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देखते हैं इसके बाद क्या होता है?
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मुझे ख़ुशी है कि कहानी पसंद आ रही है |
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Take care..
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U too.
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Please see the full story and share your views..
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देखते हैं इसके बाद क्या होता है?
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क्लाइमेक्स देखने के लिए फेसबुक पर देखें ।
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
The secret of health for both mind and body is not to mourn
for the past, worry about the future, or anticipate troubles,
but to live in the present moment and earnestly.
Stay happy…Stay alive…
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This is a beautiful story
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