ये कैसी मोहब्बत ? ( 2 )

जैसा कि इस कहानी के पिछले भाग में देखा था कि माँ बाप के चेतावनी के बाद भी जय के ऊपर उनके बातों का कोई असर नहीं हुआ | उसे पूरा यकीन था कि वह अपना जीवन शान्तु के साथ सुख पूर्वक बिता सकता है |

जय उसके मोहब्बत में इस कदर पागल हो जाता है कि वह अपना लुक ही  बदल लेता है और अपनी लड़की वाली लुक की तस्वीर शान्तु के साथ शेयर करता है | और ख़ुशी जाहिर करते हुए कहता है कि अब मैं जय नहीं बल्कि तुम्हारी जया बन गई हूँ | शान्तु भी उसके लुक की तारीफ करता है |

इस तरह करीब एक साल बीत जाते है  लेकिन इस दौरान अब तक वे दोनों एक दुसरे से मिल नहीं सके थे | बस सोशल मीडिया ही मिलने का जरिया बना रहा जहाँ घंटो वे दोनों आपस में बातें किया करते |

कुछ दिन और बीते और फिर एक दिन जया  ने शान्तु को फ़ोन पर कहा कि अब तुमसे  मैं मिलना चाहती  हूँ  और मैं कल ही दिल्ली के लिए रवाना हो रही  हूँ | इस पर शान्तु कहता है कि अभी बिज़नस के सिलसिले में कुछ व्यस्त हूँ, अगर एक सप्ताह बाद आने का प्रोग्राम बनाओ तो हमलोग अच्छे से एन्जॉय कर पाएंगे |

और हाँ, हो सके तो कुछ पैसे रख लेना,  अभी हमारे बिज़नस में कुछ घाटा  हो गया है जिसके कारण मेरा हाथ तंग है | 

तय कार्यक्रम के अनुसार जया  ने घर में रखे सारे गहना जेवर और कैश लेकर चुपके से घर वालों के बिना जानकारी के दिल्ली पहुँच जाती  है | इस बीच शान्तु  आनन् – फानन में एक फ्लैट किराया पर ले लेता है | जया  को वह  दिल्ली स्टेशन पर मिलता है और उसे लाकर उसी फ्लैट में रखता है |

जया  बहुत खुश थी  क्योंकि वह अब शान्तु से व्हाट्स अप के ज़रिये नहीं बल्कि हकीकत में मिल रही  थी  | जैसे उसका सपना अब हकीकत में बदल रहा था | शान्तु भी खुश दिखाई दे रहा था | वे दोनों  उसी फ्लैट में रहने लगते है और उन दोनों के रिश्ते भी पत्नी और पति जैसे बन जाते है |

इस तरह तीस दिन गुज़र जाते है तभी जया  ने भविष्य के सुनहरे सपने देखते हुए  शान्तु के सामने अपनी इच्छा प्रकट कर देती है और कहती है कि अब हम दोनों को शादी कर लेनी चाहिए |

पहले तो शान्तु अपने व्यस्त काम का बहाना बना कर टालना चाहा | लेकिन  जया  ने कहा कि शादी के बाद मैं तुम्हारी पत्नी बन जाऊँगी और एक पत्नी का धरम निभाते हुए तुम्हारी बिज़नस में मदद करुँगी |

इतना कह कर वह घर से लाये हुए सोना चांदी के जेवरात और बहुत सारे कैश उसे दिखलाती है और कहती  है कि हमलोग अब आराम की ज़िन्दगी बसर करेंगे |

इतना  पैसा देख कर शान्तु की आँखे बड़ी हो जाती है, लेकिन वह कुछ प्रतिक्रिया नहीं देता है |  वह बस इतना कहता है कि दो दिन का वक़त दो, मुझे सारे इंतज़ाम करने होंगे |

जया उसकी बात मान लेती है, लेकिन जब वह अगली सुबह उठती है तो शान्तु को नहीं पाती है | वह समझती है कि शान्तु बिज़नस के सिलसिले में अचानक कहीं चला गया होगा | वह उसके आने का इंतज़ार करने लगती हैं |

लेकिन एक दो दिन नहीं पुरे सात दिन गुज़र जाते है लेकिन शान्तु नहीं लौटता है | अब जया  को थोड़ी  चिंता सताने लगती है कि आखिर शान्तु बिना बताये कहाँ गायब हो गया ? अब उसका न फ़ोन लग रहा है और न ही उसे उसके घर का पता मालुम है | …अब वह शान्तु को ढूंढें तो ढूंढें  कहाँ ?

तभी उसे महसूस होता है कि शान्तु ने उसके साथ धोखा तो नहीं किया है ?  वह चिंतित होते हुए जल्दी से अपने ब्रीफ़केस को खोल कर देखती है तो उसके सारे पैसे और गहने  गायब होते है |  अब उसे यकीन हो जाता है कि वह ठगी का शिकार हो गयी  है  और पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है | 

जया बुरी तरह घबरा जाती है,  क्योंकि दिल्ली जैसे बड़े  शहर में उसका कोई  भी जान पहचान का नहीं है | अब तो उसके पास दो ही विकल्प बचते थे – या तो वो वापस अपने बाप माँ के पास मुंबई चली जाए या फिर पुलिस में रिपोर्ट करे कि उसके साथ धोखा हुआ है |

लेकिन  उसके लिए घर जाने का तो सवाल ही नहीं था क्योंकि वह घर से पैसे लेकर भागी थी और माँ बाप के इच्छा के विरूद्ध शान्तु के साथ रहने का निर्णय लिया था | इसका मतलब है कि अब पुलिस के पास जाने के अलावा उसके पास और कोई रास्ता नहीं बचता है |

उसी उधेड़बुन में दो दिन और बीत जाते है, लेकिन अब भी उसे लगता था कि शान्तु उसके साथ इतना बड़ा धोखा नहीं कर सकता है | लेकिन हकीकत तो कुछ और ही थी और वह  शान्तु के हांथो पूरी तरह लुट चुकी थी | 

अब रोने – धोने से कुछ नहीं होगा |  जया ने अपने मन को मजबूत किया और  पास के पुलिस स्टेशन पहुँच गई  | उसने वहाँ के थानेदार को अपनी पूरी कहानी बताई | पहले तो पुलिस यह मानने को तैयार ही नहीं हुआ कि वह लड़की है | उसकी आवाज़ और शारीरिक बनावट बिलकुल लड़के जैसी थी |

तभी उसने पुलिस को बताया कि शान्तु के कहने पर उसने अपना लिंग परिवर्तन कराया था और उसी के कहने पर वह  दिल्ली  आयी थी | उसने  मुझे अपने घर न ले जा कर पास के उस फ्लैट में करीब एक महीने रखा और फिर अचानक मेरे पैसे लेकर गायब हो गया ..इतना कह कर वह रोने लगी |

पुलिस को उसकी कहानी सुन कर उससे  हमदर्दी हो गई और  उसे  उचित कार्यवाही का भरोसा दिलाया |

पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज कर ली और शान्तु नाम के शख्स पर किडनैप, बलात्कार, और धोखाधड़ी  का चार्ज लगाया और उसकी जांच में जुट गई |

जया  रोज़ पुलिस स्टेशन इस आशा के साथ जाती कि शायद शान्तु का कोई सुराग मिल जाए, लेकिन बस उसे एक ही ज़बाब मिलता कि तफसीस जारी है |

तभी एक दिन पुलिस को पता चला कि वह शान्तु कोई बिज़नस नहीं करता है बल्कि एक मॉल में सेल्समेन है | उसके माँ बाप गरीब है और उन लोगों का  किसी तरह उनकी एक छोटी दूकान से गुज़ारा होता है | शान्तु करीब एक माह से अपने घर भी नहीं आया | उसके बारे में कोई भी सुराग निकाल पाने में पुलिस नकायब थी |

तभी जया  को रोज पुलिस के पास जाते हुए और बात करते हुए वहाँ  एक हिजड़ा गैंग का सदस्य की उस पर  पर नज़र पड़ी | वो भी किसी केस के सिलसिले में पुलिस स्टेशन हाजिरी लगाने आती थी | उस हिजड़े  ने जया  की अजीब लुक देख कर समझी कि यह भी उसी के बिरादरी का है |

जया  परेशान तो थी ही और अब खाने के भी लाले पड़ गए थे | उसकी दर्दनाक कहानी सुन कर उस हिज़रे ने उसे मदद करने के ख्याल से हिजड़ा गैंग के बॉस के पास ले गयी ताकि उसे खाने – पीने  और रहने का ठिकाना मिल जाए |  

आगे की घटना (भाग-3 ) हेतु  नीचे link पर click करे..

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13 replies

  1. अच्छी कहानी। जारी रखो।

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  2. Kahani Bahut Badhia.

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  3. कहानी की रोचकता बरकरार है। आगले भाग का इन्तजार है।

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  4. Kahani Bahut Badhia. Lage raho.

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  5. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ |

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