# 786 का जूनून #

दोस्तों,

यह सच है कि कहानियों को पढने से या फिल्मों में देखने से कुछ घटनाएँ कभी कभी  हमारे दिमाग पर गहरा छाप छोड़ देते है | खास कर मेरे चहेते कलाकार के द्वारा फ़िल्मी परदे पर निभाए किरदार को हम असली ज़िन्दगी में प्रयोग में लाने का प्रयास करते है |

आज मैं एक ऐसी ही घटना की चर्चा करना चाहता हूँ |  साल 1975 की बात है | उन दिनों मैं स्कूल की पढाई समाप्त कर कॉलेज में जाने की तैयारी  कर रहा था | उन दिनों हमारे चहेते कलाकार अमिताभ बच्चन की एक फिल्म आई थी जिसका नाम था “दीवार” | उन दिनों वो फिल्म काफी लोकप्रिय और हिट फिल्म थी | मुझे भी वह फिल्म  बहुत पसंद थी | उसके डायलाग और एक्टिंग के अलावा एक बात मुझे बहुत प्रभावित किया था और वो था बिल्ला नंबर -786 |

फिल्म देखने के बाद मुझे ऐसा लगा था कि सचमुच  786 नम्बर बहुत ही लकी नम्बर होता है | मैं भी उस नम्बर की तलाश करने लगा ताकि मैं भी अपने पेंट की जेब में उसे रख सकूँ | ताकि  किसी विपरीत परिस्थतियों में मैं किसी अनहोनी से बच सकूँ |

 फिल्म के नायक की तरह मैं तो ऐसी कोई बिल्ला नहीं रख सकता था , इसलिए बहुत माथा पच्ची करने के बाद एक आईडिया सुझा | मुझे एक नोट मिला (एक सौ रुपये का) जिसमे  अंत के नम्बर 786 था |

फिर क्या था, मेरे दिमाग में यह बात बैठ गयी कि  यह १०० रूपये का नोट हमारे लिए लकी साबित हो सकता है क्योंकि इसके नम्बर के अंत में  786 थे  | मैं तो उसे हम्रेशा अपने पास रखने लगा | लेकिन किस्मत को शायद  कुछ और ही मंज़ूर था |  मेरे घर वालों ने मेरे उस पेंट  को जिसके पॉकेट में वह नोट रखा हुआ था बिना मेरी जानकारी के धोबी को धुलने के लिए दे दिया और इस तरह वह नोट मुझसे बिछड़  गया |

उसके बाद मैंने बहुत प्रयास किये 786 बाले नंबर नोट पाने का ,  परन्तु १० साल के बाद पुनः मुझे उस नंबर के नोट मिले |

जी हाँ , संयोग से जब  मैंने  बैंक की नौकरी ज्वाइन की तो  वो पुराना जूनून मुझ पर फिर से  हावी हो गया | मैं हमेशा ऐसे नोट की तलाश में रहता जिसका अंतिम नम्बर 786 होता था | मुझे ऐसे नोट जमा करने का जुनून  हो गया था |

मेरे पास हर denomination के नोट जमा हो गए  जिसका अंतिम नम्बर 786 था. | मैंने हज़ार और पांच सौ के नोट भी जमा कर रखे थे |

लेकिन तभी 2016 में नोटबंदी लागू हुआ था जिसमे एक हज़ार और पांच सौ के नोट को चलन से हटाया जा रहा था | मैंने भी  जल्दीबाजी में वो सारे  नोट बैंक में जमा करा दिए |

इस तरह फिर से बहुत सारे नोट जिसका अंतिम नंबर 786 था  मुझसे  बिछड़ गए |

अभी कुछ ही दिनों पूर्व मुझे यह पता चला कि उन सब नंबरों वाले नोट जो मुझसे बिछुड़ गए थे, अब  एंटीक केटेगरी (antique category) में आ गए है  और मार्केट में उसका बहुत डिमांड है | मुझे यह जान कर  बड़ा दुःख हुआ पर हाथ मलने के सिवा अब कर भी क्या सकता था |

हाँ, वो मेरी पुरानी आदत अब भी बरकरार है ..जब भी मेरे हाथों में कोई नोट आता है तो मैं उसके नंबर के आखरी तीन अंको को बड़े ध्यान से देखता हूँ | क्या इसे ही जुनून कहते है ? ..

Click below the link for The Power of Happy..

https://wp.me/pbyD2R-4xo

BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…

If you enjoyed this post, please like, follow, share and comments

Please follow the blog on social media … visit my website to click below..

        www.retiredkalam.com



Categories: मेरे संस्मरण

9 replies

  1. एक दिलचस्प जुनून! इसी बहाने कुछ बचत भी हो जाती है।

    Liked by 1 person

  2. बहुत बहुत धन्यवाद |

    Like

  3. वाह! क्या बात है! कुछ न कुछ करते रहना चाहिए। यह एक नया उमंग, नया जोश और नयी तरंग मन में पैदा करता है।इसी सकारात्मकता का नाम जिन्दादिली है। और एक जिन्दादिल इन्सान ही जीवन की ऊँचाईयों को छूने में कामयाब होता है। शुभ कामनाएँ!

    Liked by 1 person

    • बहुत बहुत धन्यवाद डिअर |
      हम सब मिल कर अपनी ज़िन्दगी को ख़ुशी ख़ुशी जीने की कोशिश करते है ..

      Like

  4. 786 is a lucky number. This is our thought. You have presented it nicely as a banker .

    Liked by 1 person

  5. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    Nothing is Permanent…
    don’t stress yourself too much…
    Because no matter how bad the situation is…
    It will Change…
    Stay Happy… Stay Blessed..

    Like

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: