मित्रता कोई स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है, जहाँ
सुख में हँसी – मजाक से लेकर संकट तक साथ
देने की जिम्मेदारी होती है |

चक्रव्यूह और अभिमन्यु वध
जब भी महाभारत की चर्चा होगी तो उसमे अभिमन्यु का उल्लेख ज़रूर किया जायेगा |
अभिमन्यु महाभारत के नायक अर्जुन और सुभद्रा के पुत्र थे ।
उन्हें चंद्र देवता का पुत्र भी माना जाता है। ऐसी धारणा है कि महाभारत युद्ध के लिए समस्त देवताओ ने अपने पुत्रों को अवतार रूप में धरती पर भेजा था |
परन्तु चंद्र देव ने कहा कि वे अपने पुत्र का वियोग सहन नही कर सकते, अतः उनके पुत्र को मानव योनि में मात्र सोलह वर्ष की आयु दी जाए । चन्द्र देव के वही पुत्र अभिमन्यु के रूप में अवतरित हुए |
अभिमन्यु की माता सुभद्रा जो बलराम व कृष्ण की बहन थीं | पांडवोंको12साल के लिएवनवासऔर 1 साल का अज्ञातवास में जाने के कारण , अभिमन्यु का बाल्यकाल अपनी ननिहाल द्वारका में ही बीता ।

उनकी शिक्षा दीक्षा स्वयं श्री कृष्ण और बलराम के देख रेख में हुआ…
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