आपको अकेले लड़नी पड़ती है ज़िन्दगी की लड़ाई ,
लोग सिर्फ तसल्ली देते है साथ नहीं |

गज सिंघपुर, उत्तर प्रदेश का बहुत ही पिछड़ा गाँव है, मात्र 250 घरों की आबादी है |
पथरीला बंजर भूमि होने के कारण नाम मात्र की ही खेती होती है | इस गाँव के सबसे संपन्न किसान ठाकुर जुगत सिंह थे,|
भले ही अब जमींदारी न रही हो, लेकिन अभी भी उनका रसुख इस गाँव में बरकरार है, इसलिए गाँव के लोग उन्हें काफी इज्जत करते है |
गाँव के ज्यादातर गरीब लोग उनके खेतों में काम कर अपनी जीविका चलाते है |
सब कुछ सामान्य गति से चल रहा था कि अचानक देश में कोरोना का भूचाल आ गया और इस गाँव के ठाकुर साहब का घर भी इससे अछूता नहीं रह सका |
दरअसल इस गाँव में भी कोरोना का आतंक अपने पैर पसारने लगा था | पिछड़ा गाँव होने के कारण यहाँ न तो डॉक्टर थे और न ही कोई सरकारी हॉस्पिटल था |

ऐसे में ठाकुर…
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