देखो तो ख्वाब है ज़िन्दगी,
पढो तो किताब है ज़िन्दगी ,
सुनो तो ज्ञान है ज़िन्दगी ..
पर हमें लगता है कि हँसते रहो तो आसान है ज़िन्दगी..

ज़िन्दगी में कभी कभी ऐसे भी हादसे हो जाते है कि उसे भुलाये नहीं भूलता | उस दिन सचमुच मैं बहुत दुखी अपनी शाखा में बैठा हुआ था और दुखी क्यों नहीं होऊं |
एक नहीं अनेक कारण थे | कहने को तो “रेवदर” तहसील हेड क्वार्टर था, लेकिन सुविधा के नाम पर यहाँ कुछ भी नहीं था |
सुबह शौच के लिए लोटा लेकर खेतों में जाना पड़ता था | हालाँकि ब्रांच join करते ही वहाँ के एक मात्र सरकारी गेस्ट हाउस में जगह मिल गयी थी | लेकिन गेस्ट हाउस ऐसी कि शौचालय तो था पर उसमे दरवाजा नहीं था |
बिजली की सुविधा तो थी लेकिन सिर्फ लैंप – पोस्ट की रौशनी आती थी ..रूम में अँधेरा था ,क्योकि जगह जगह बिजली के तार लटक रहे थे | शाम सात बजे तक होटल से खाना खाकर सीधे गेस्ट हाउस में घुस जाना होता था |
बस, मोमबती…
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That was old days.forget those and remember only sweet memories. Really life is a book.many bad events and good events happens not for remaining the longer times but come and do signature on the book and go away.do you agree with me,dear!!
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Yes, absolutely correct..
Thanks for reading my Blog..
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Welcome,dear🌷
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Good morning..
Have a nice day..
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