
बात उन दिनों की है ,जब मेरी कोलकाता में नयी नयी पोस्टिंग हुई थी और मैं हाथी बगान शाखा का ब्रांच मेनेजर था | यहाँ मुझे नए नए तरह के अनुभव मिल रहे थे | चूँकि बड़ी शाखा थी अतः यहाँ कुछ बड़े कस्टमर के नाज़ नखरे भी झेलने पड़ते थे | हेड ऑफिस से भी तरह तरह के निर्देश मिलते रहते थे जिसे पालन करना होता था |
एक दिन हेड ऑफिस से फ़ोन आया कि बड़े साहब कोलकाता पधार रहे है, वे एक दिन वहाँ ठहरेंगे और वो हमारी शाखा भी visit कर सकते है | अब तो मुझे इसके लिए तैयारी करनी थी | मैंने बैंकिंग समय के बाद शाम को एक स्टाफ मीटिंग की और इस विषय पर चर्चा हुई |
ब्रांच की सफाई और अन्य कार्यों पर विचार विमर्श हुआ | तभी एक स्टाफ के कहा – साहब कुछ लेते भी है | अगर उनका एक दिन का stay है तो ,शायद डिनर में भी शरीक होना होगा और अगर डिनर होगा तो ड्रिंक का भी इंतज़ाम रखना होगा |
काफी विचार विमर्श करने पर यह निर्णय लिया गया कि बड़े साहब के लिए कुछ स्पेशल ड्रिंक्स का इंतज़ाम किया जाए | हमारे यहाँ के एक स्टाफ को यह जिम्मा दिया गया कि वह एक कीमती विदेशी व्हिस्की खरीद लाये |
और अंततः एक विदेशी शराब की बोतल आ गई जिसकी कीमत थी लगभग ५००० रूपये | हमलोग सभी मिलकर उनके आगमन से सम्बंधित सारे इंतज़ाम कर चुके थे |

साहब आये और शाखा का भी visit किया लेकिन अचानक उनके कार्यक्रम में कुछ बदलाव हो गया और वे शाम की फ्लाइट से वापस चले गए | अब तो यह मंहगी दारु यूँ ही रह गयी | मैं ने सोचा फिर कभी ऐसी स्थिति से निपटने के लिए इसे अपने पास ही सुरक्षित रखता हूँ |
मैंने उसे अपने घर जाकर फ्रीज में रख दिया |
दो दिनों के बाद ही मुझे ट्रेनिंग में भाग लेने के लिए जयपुर जाना पडा | ट्रेनिंग 15 दिनों का था | उन दिनों मैं कोलकाता में अकेला ही रहता था | खाना बनाने और घर सफाई के लिए एक काम वाली बाई रखी हुई थी | मैंने जयपुर जाने से पहले उसे घर की चाभी दे दी ताकि घर की रोज़ साफ़ सफाई हो सके |
मैं दो सप्ताह बाद ट्रेनिंग से वापस आया तो बहुत खुश था , क्योंकि घर की सफाई और रख रखाव अच्छी तरह की गयी थी |
एक सप्ताह ही बीते थे कि हमारे पास एक फ़ोन आया | हमारा एक नजदीकी दोस्त किसी काम के सिलसिले में मुंबई से कोलकाता आ रहा था | ज़ाहिर सी बात है कि जब वो कोलकाता में होगा तो मेरे पास ही ठहरेगा , और जब यहाँ ठहरेगा तो पार्टी भी होगी | मुझे अचानक उस विलायती शराब की याद आ गयी जो फ्रीज़ में पड़े पड़े किसी आगंतुक का इंतज़ार कर रहा था |

मैं भी पूरी तरह पार्टी के मूड में था | दुसरे दिन ही दोस्त का आगमन हुआ और मैं शाम को थोडा ज़ल्दी बैंक से घर आ गया | गप सप के बीच पार्टी का दौर शुरू हुआ | टेबल पर बोतल रखा गया . साथ में चखना का भी पूरा इंतज़ाम किया गया | हम दोनों बिलकुल पार्टी के मूड में थे |
बोतल खुला और चियर्स के साथ पीने का दौर चालू हुआ | लेकिन पहला सिप लेते ही दोस्त ने कहा – बहुत हल्का टेस्ट है | मैंने कहा—विलायती शराब ऐसा ही होता है , देखना धीरे धीरे नशा चढ़ेगा |
हमलोग दारू पीते रहे और आधी बोतल शराब हम दोनों गटक गए | मुझे उम्मीद थी कि अब नशा आएगा और कुछ देर में हमलोग एक नयी दुनिया में होंगे |
लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ | मैं नशा का इंतज़ार करता रहा , लेकिन वह नहीं आया | मैंने सोचा शायद कीमती (विलायती) दारु ऐसा ही होता है |
दुसरे दिन दोस्त सुबह की फ्लाइट से वापस मुंबई चला गया | सुबह मैं उठा तो शराब का कोई हैंग ओवर नहीं था | मेरे मन में विचार उठ रहे थे कि इतना महंगा दारु पीने से क्या फायदा जब मुझे किक ही न आये |
मैं बाथरूम में अपने दाढ़ी बना रहा था और यही सब सोच रहा था |
अचानक घर का कॉल बेल बजा | कामवाली बाई अभी किचन में खाना बनाने व्यस्त थी इसलिए मैं ने ही बाथरूम से आधा दाढ़ी बनाये ही बाहर निकल कर दरवाज़ा खोलने के लिए बढ़ा ही था कि मैंने एक अजीब सी घटना देखी |

कामवाली बाई फ्रीज़ में रखे दारु की बोतल से शीशे के ग्लास में दारु डाल रखी थी और खाना बनाने के क्रम में थोड़ी थोड़ी पी रही थी |
उसे यह पता नहीं चला कि मैं उसे चुपके से देख रहा हूँ |
अब मुझे सारा माज़रा समझ में आ चूका था | पिछले 15 दिनों में रोज़ वह बोतल से थोड़ी दारू निकाल कर पी जाती थी और उसके बदले उसमे उतना ही पानी मिला देती थी |
इसका मतलब यह हुआ कि पिछले रात की पार्टी में हमलोग लगभग पानी ही पी रहे थे और पानी पीकर ही नशा का इंतज़ार कर रहे थे |
दोस्तों, अंत में हमने यही निष्कर्ष निकाला कि बिदेशी लाल पारी (बिलायती दारु) में कोई खोट नहीं था बल्कि खोट तो अपने किस्मत में था …
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Categories: मेरे संस्मरण
😂 👌🏽
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thanks for reading this Blog..
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हा हा हा 🤗
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बहुत बहुत धन्यवाद सर जी |
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Very interesting.
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Thank you very much dear..
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😀 bahut umda post
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Thank you so much Dear..
stay connected and stay happy..
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😊😊
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hahahha..
Thank you Dear..
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दाने दाने पर लिखा होता है खाने वाले का नाम और घूँट घूँट पर लिखा होता है••••
पढ़ कर मजा आया।
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सही कहा ।
हा हा हा हा
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
The elimination diet :
Remove anger, regret, worry. resentment, guilt & blame.
Then watch your health and life improve…
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