
गुरु नानक देव ने कहा हैं — नानक दुखिया सब संसार | मतलब कि इस संसार मे सभी लोग दुखी हैं क्योंकि लोगों को संसार दुखों से भरा लगता है | इसका मुख्य कारण हमारी सोच है | किसी को ग्लास आधा भरा तो किसी को आधा खाली नज़र आता है | सच तो यह है कि सब हमारे नज़रिए पर निर्भर करता है |
इस सन्दर्भ में एक समय की घटना का ज़िक्र यहाँ करना चाहता हूँ |
एक महिला थी जिसे हमेशा दूसरों में दोष ही नज़र आता था | वो सोचती थी कि मैं ही सही हूँ और सारी दुनिया गलत है | एक दिन वो अपने पति देव से बोली – हमारा पडोसी अपना घर कितना गन्दा रखता है | अब तो सरकार ने भी स्वस्छता अभियान चला रखा है |
दुसरे दिन वो फिर अपने पति से बोली — देखिये उसका कार कितना गन्दा दिखाई दे रहा है | उसे भी साफ़ नहीं करता है |
इसी तरह तीसरे दिन फिर वो अपने पति से बोली – देखो जी, आज उसने जो कपडे धो कर सूखने को टाँगे है, वो भी कितने गंदे नज़र आ रहे है |
पति उसकी बातें सुनता रहता लेकिन कोई ज़बाब नहीं देता था |

एक दिन सुबह जब वो महिला उठी तो देखा – पडोसी के यहाँ सब कुछ साफ़ सुथरा दिखाई दे रहा है | उनकी गाड़ी भी साफ़ दिख रही है और वह चमक रहा था | कपडे जो सूखने के लिए टंगे हुए थे वो भी बिलकुल साफ़ नज़र आ रहे थे |
यह देख कर उसे बड़ा आश्चर्य हुआ | उसने तुरंत अपने पति को बुला कर कहा – हमारे पडोसी में अचानक परिवर्तन कैसे आ गया ? आज तो सब कुछ साफ़ सुथरा नज़र आ रहा है |
इस बार उसका पति बोला – भाग्यवान, कल रात को मैंने आप की खिड़की के शीशे साफ़ कर दिए थे |
हकीकत में गन्दगी बाहर में नहीं थी बल्कि अपनी खिड़की की शीशा पर ही जमी हुई थी, सो हमने इसे साफ़ कर दिया और अब तुम्हे सब कुछ स्वक्छ नज़र आ रहा है |
ठीक यही बात हमारे विचारों के साथ होता है | हमें लगता है कि हमारे विचारों के लिए दुसरे लोग ज़िम्मेदार है | हमें गुस्सा दूसरों के व्यवहार के कारण आता है | हमारी असफलता दुसरे लोगों के कारण हुई है | लेकिन सत्य यह नहीं है , अपने मन की खिड़की के शीशे को साफ़ करना होगा | पहले हमें आत्मबोध करना चाहिए और अपने ही मन को ठीक करने का प्रयत्न करना चाहिए |
अपने को सामान्य रखने के लिए ज़रूरी है कि .. हमारे साथ जो बाहरी परिस्थिति है और हमारे अन्दर जो विचार है उसमे अंतर होता है | हम कैसा सोचते है यह हमारी ज़िम्मेदारी है, यानी जैसी भी स्थिति हो हम कैसी प्रतिक्रिया करते है यह हमारे योग्यता पर निर्भर करती है |
आप अगर सोचते है कि बाहरी परिस्थिति कितनी भी विकट हो हम अपने विचारों को सकारात्मक रखेंगे , तो आप पाएंगे कि सभी समस्या का हल धीरे धीरे निकल जाता है |

भगवान् ने कभी इस बात की गारंटी नहीं दी है कि हमारी बाहरी परिस्थिति हमेशा अनुकूल रहेगा | आप को कभी रोग नहीं होगा, आपका स्वास्थ हमेशा ठीक रहेगा | आपकी नौकरी भी, परिवार भी , पडोसी भी सब आप के सोच के अनुसार होगा |
भगवान् कहते है कि ये तो परिथितियाँ भिन्न रहेंगी, इसमें हमें सामान्य सोच के साथ रहना होगा | और परिस्थितियों के अनुसार हमें कर्म करने होंगे, तभी हम सुखी जीवन जी सकते है |
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Categories: motivational
सत्यम् शिवम् सुन्दरम् ।।।
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बहुत बहुत धन्यवाद
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Most welcome🌷
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Stay happy ..stay blessed..
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You too.😊
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All the Best
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मनुष्य अपनी सोच बदल ले तो सब ठीक नजर आने लगेगा।
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बिल्कुल सही ।
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Most beautiful video of Hema Malini.she is my favourite Actress🌷🌷🌷🌷
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Thank you so much..
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Welcome,dear🌷
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All the best ..
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🌷
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Your words are so true… gave me a smile on my face… 🙏
God’s blessings to you dear friend…
Elke
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Thank you so much dear…
keep smiling..
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सुन्दर एवं उपयोगी लेख।
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बहुत बहुत धन्यवाद …
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Very beautifully written. Thank you for sharing! Excellent video 🙂🙂🙂🎉
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Thank you very much..
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
Don’t be angry at Life. It is not the life that is Frustrating you,
It is You who are not listening to Life..
Stay happy…Stay blessed..
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