# हम धमाल  करते थे #

बचपन  के दिनों को आज भी जब याद करते हैं तो उस मासूम से प्रेम का एहसास होता है जो उस समय हम दोस्तों के बीच हुआ करता था । उन दिनों की याद आज भी मन को उल्लासित करती रहती है। मन में, विचारों में, बातचीत में, भावनाओं में किसी तरह का स्वार्थ नहीं दिखता था। मन उतना ही साफ रहता था जितना सोचा जाना आज के स्वार्थमय संसार में सोचना भी सम्भव नहीं लगता है।

बचपन के उन सुहाने दिनों में हम भी अपने छोटे-छोटे दोस्तों के साथ मस्ती में धमाल किया करते थे। आज के बच्चों की तरह हमारे सामने न तो बस्तों का बोझ था और न ही  ऑनलाइन क्लास का टेंशन था |  हम तो उन दिनों में पढ़ाई को भी खेल की तरह से लिया करते थे।

वह समय कुछ और ही था | आधुनिकता का चलन सम्बन्धों और रिश्तों पर नहीं पड़ा था । उन दिनों न टी0वी0 की रंगीन दुनिया  थी और न ही सोशल मीडिया | बस हमारे लंगोटिया यार था  और भरपूर शरारत थी |

हुल्लड़ मचाते, धमाल काटते हुए, बिना इस बात की परवाह किये कि हमारे आसपास क्या हो रहा है  | हम सभी  तो अपने आपमें ही मगन रहते हुए बचपन का  भरपूर आनन्द उठाया था ।

आज  उन्ही दिनों के यादों को समेटता यह कविता शेयर कर रहा हूँ… अपनी प्रतिक्रिया ज़रूर दें ,  मुझे ख़ुशी होगी…

हम धमाल  करते थे

बचपन के दिन भी  उफ़ क्या दिन थे

छोटी छोटी बातों से हम कितने खुश थे

अब पचपन की उम्र मे बचपन की यादें

वो होली के दिन और दीवाली की रातें 

तब मिलकर हम  सब  धमाल करते थे 

 बचपन  में  हम  सब कमाल करते थे

लौटते स्कूल से  बगीचे  में रुक जाना

दोस्तों के संग खट्टे मीठे आम खाना,

टिकोले को पत्थरों से मार कर गिराना 

उस  चौकीदार को हम परेशान करते थे

 तब  मिलकर हम सब धमाल करते थे 

 बचपन  में  हम  सब  कमाल करते थे

वो  भी  क्या  स्कूल  के  दिन थे

टीचर  खूब  हमें  मुर्गा  बनाते थे

कभी धुप तो कभी बेंच पर खड़ा कराते थे 

मार खाते थे पर न कोई सवाल करते थे

तब मिलकर  हम सब  धमाल करते थे 

 बचपन  में  हम  सब कमाल करते थे

याद आता है वो बचपन के दोस्त सभी

लट्टू  नचाते  थे  और पतंग उड़ाते थे

बरसात  में कागज़  की नाव चलाते थे

खूब झगड़ते थे पर एक दुसरे पर मरते थे

तब  मिलकर  हम  सब  धमाल करते थे 

 बचपन  में  हम  सब कमाल  करते थे

                       विजय वर्मा

मुस्कुरा देता हूँ मैं ब्लॉग  हेतु  नीचे link पर click करे..

https://wp.me/pbyD2R-4dD

BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…

If you enjoyed this post, please like, follow, share and comments

Please follow the blog on social media & visit my website to click below..

        www.retiredkalam.com



Categories: kavita

7 replies

  1. हा हा, बहुत खूब👌👌

    Liked by 1 person

  2. अपने बचपन को याद करती अच्छी कविता।

    Liked by 1 person

  3. Bachpan ka yaadme kabhi kabhi hum khusi anubhabh karate hai, kyonki wo samay hamare liye bindaas tha.Bahut sundar varnan.

    Liked by 1 person

  4. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    Every little smile can touch somebody’s heart.
    No one is born happy, but all of us are born with
    the ability to create happiness..
    Always be Happy…Be alive…

    Like

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: